By 1 2 1 News Reporter
Chandigarh 09th August:-- देशभर के किसान संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त पांच सदसीय तकनिकी विशेषज्ञ समिति की सभी बायोटेक फसलो के परीक्षण खेतो में प्रयोगों पर पाबंदी लगाने की सिफ़ारिशो को किसान विरोधी करार देते हुए सभी सिफ़ारिशो को रद्द करने की मांग की है / किसान संगठनों ने आज चंडीगढ़ में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा की समिति की सिफ़ारिशो में बीटी फसलो से मिले लाभ से उभरी सच्ची तस्वीर को नजरअंदाज किया गया है /
चंडीगढ़ प्रेस क्लब में पी ए यु किसान क्लब, आल इंडिया को-ऑर्डिनेट कमेटी ऑफ़ फार्मर्स एसोसिएशन, फतेहाबाद किसान क्लब, नौजवान किसान क्लब और देश के कई अन्य संगठनो के पदाधिकारियों ने अपना पक्ष रखते हुए कहा की विश्व भर के किसान पहले ही हमसे कई कदम आगे बढ़ चुके है क्यूंकि बह बिजाई के लिए नई तकनीको से बीज प्राप्त कर रहे है हमे भी एसे बीजो का इस्तेमाल करना चाहिए जिनमें कीटों, खर-पतवार से सुरक्षा और विभिन प्रकार के छिडकाव की जरूरत नहीं पड़ती / इतना ही नहीं एसे बीजो का उपयोग करना चाहिए जो पर्यावरण में आ रहे बदलाव, अचानक बिगड़ते मौसम और सिंचाई के सीमित होते संसाधनों और मिलवटी खाद के दौर में भी किसानो को अच्छा लाभ देने में सक्षम हो/ पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी किसान क्लब के अध्यक्ष पवितर सिंह पांगली ने बताया की यूरोप व् अन्य पश्चमी देशो का भोगोलिक दृष्टिकोण अलग है और जनसँख्या भी कम है जबकि भारत में विपरीत है हम nutritional मेनेजमेंट के हिसाब से यहाँ ओरगेनिक खेती नहीं कर सकते उन्होंने बताया की इससे प्रोडक्शन बड़ेगी और malnutrition भी अच्छी हो जाएगी / किसान संगठनों की मांग है की तकनिकी विशेषज्ञ कमेटी का दुबारा से गठन होने चाहिए और उसमे विशेषज्ञों के साथ साथ किसानो के भी प्रतिनिधि हो साथ ही उस पर दुबारा से अध्यन कर जल्द से जल्द रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दी जाये/
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