Tuesday, 6 September 2022

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शशांक मणी की किताब ‘भारत एक स्वर्णिम यात्रा’ का किया विमोचन

By 121 News
New Delhi Sept.06, 2022:-केन्द्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आज कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया नई दिल्ली में उद्यमिता के माध्यम से पूर्वांचल में एक नई क्रान्ति लाने वाले शशांक मणी की पुस्तक भारत एक स्वर्णिम यात्रा का विमोचन किया। इस मौके पर द लल्लनटॉप के संपादक सौरभ द्विवेदी भी मौजूद रहे।
   उपस्थित लोगों को संबोधित होते हुए मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि शशांक मणी ने आज से 25 साल पहले वो कार्य किया है जो सरकारे आज भी नहीं सोच सकती जिसके लिए वह बधाई के पात्र हैं। 500 ग्रामीण नवयुवकों को 22 दिन तक देश के अलग अलग शहरों में लेजाकर नई दुनिया से परिचित कराना कोई छोटा कार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण परिवेश में जो ज्ञान है उसे आधुनिक तरीके से सामने लाने की
जरूरत है वह इस कार्य को शशांक मनी अच्छे से कर रहे हैं।
                     इस मौके बोलते हुए शशांक मनी ने कहा कि आज इस समारोह में मेरी पुस्तक का विमोचन ही नहीं हो रहा परन्तु मेरा व मेरी टीम का अगले 25 साल का संकल्प भी तय हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस किताब का बीज 25 साल पहले बोया गया था जो आज एक वृक्ष बनकर सामने आया है। इस किताब को पंडित दीन दयाल उपाध्याय को समर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि पंडित जी ही असल मायनों में मध्यवर्ग के पथ प्रदर्शक थे। पंडित दीनदयाल जी के व्यक्तिवाद के विचार को  उद्यमिता के माध्यम से लोगों तक पहुंचा रहे हैं। इसी कार्य को और आगे ले जाने के विचार से देवरिया के गांव बरपार में जागृति का एक केंद्र बनाया जा रहा है जिससे पूर्वांचल में उद्यमिता को और आगे ले जाया जाएगा। 

भारतीय स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ के पावन अवसर पर  1997 में आयोजित आजाद भारत रेल यात्रा एक स्वर्णिम यात्रा थी। इस यात्रा में 250 नवयुवतियां और नवयुवकों को असली भारत दिखाने का बीडा पुस्तक के लेखक शशांक मणि ने उठाया। इस पुस्तक की प्रेरणा से जागृति यात्रा और जागृति उद्यम केंद्र - पूर्वांचल का गठन हुआ। आजादी की 75वीं वर्षगांठ में यह पुस्तक प्रासंगिक है क्योंकि इस पुस्तक से निकला उद्यमिता अभियान से 7 हजार नवयुवक और नवयुवतियां प्रभावित हुए है और पूर्वांचल में उद्यमिता के प्रति जागरूकता बढी है। भारत में अमृत काल में प्रकाशित  यह पुस्तक देश निर्माण को गति देगी।

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