Sunday, 6 March 2016

Kendiya Arya Sabha Celebrates Swami Dayanand Sarawati Janmotasva With Great Fervour

By 121 News

Chandigarh 06th March:-केंद्रीय आर्य सभा के तत्वाधान में आर्य समाज सेक्टर 7 बी में महर्षि दयानंदसरस्वती जी का 192 वां जन्मोत्सव धूमधाम से सम्पन हो गया है।  कार्यक्रम की एक श्रृंखला में भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन भी मौजूद थे।बढिय़ा झांकिया प्रस्तुत करने वाले शिक्षण संस्थाओं,शिक्षाविदोंसामाजिक कार्यकर्ताओंऔर  विद्वानों   को पुरस्कृत भी किया गया।सचिव अविनाश चन्द  ने वार्षिक रिपोर्ट पढ़ी। कार्यक्रम के समापन पर प्रधान रविंदर तलवाड़  ने अतिथियों तथा उपस्थित लोगों काधन्यवाद किया।

 इस मौके पर,जस्टिस  एल बाहरीप्रिंसिपल जीवनबीआर गुप्ता, डॉ.विनोद कुमारप्रकाशचन्द्र शर्मा, अविनाश  चन्दअनिल पाठकमधु बहलजसकिरणसुनीता रन्यालअनिल पाठकजया  भारद्वाजरोजी शर्मासरिता यादवविभा रेराकेश सचदेवावेदमहाजन,रजनी थरेजा आदि  गणमान्य लोग मौजूद थे। 

कार्यक्रम के दौरान  प्राचार्या प्रियंवदा ने कहा कि आज लोग शिव की पूजा करना भूल गए हैं।  शिव परमात्मा का नाम हैं।  इसे पाने केलिए अंतर्मन में झाँकने की आवश्यकता हैं।  ईश्वर सृष्टिकर्तापालनकर्ता और संहारकर्ता है।  स्वामी दयानंद सरस्वती जी ने सच्चे शिवअर्थात परमात्मा की  प्राप्ति का सही रास्ता बताया।  ईश्वर सर्वज्ञ और सर्वव्यापक है। वेद ही सत्य की राह दिखता है।

प्रोफेसर विक्रम विवेकी  ने कहाकि महर्षि दयानंद सरस्वती का मानवता के साथ व्यहवार मित्रवत था। उन्होंने हमेशा दुर्गुणों को दूर करकेअच्छाई लाने का प्रयास किया।  स्वामीजी के अनुसार दु: विशेष नरक है जबकि सुख विशेष ही स्वर्ग।  

होशंगाबाद से पधारे आचार्य योगेन्द्र याज्ञिक ने  कहा कि आज व्यक्ति नैतिक मूल्यों से दूर होता जा रहा है, इसका  मुख्य कारण संस्कारों से हटना है। इस शरीर में सुख तभी मिल सकता है जब हम सुख रूपी पौधा लगाते हैं। मनुष्य दु: के बीज बोकर सुख की चाहना करता है,जो असंभव है।  धर्मधारण करने का ही नाम हैं। यह सबके लिए माननीय होता है।  हमें स्वामी दयानंद के उपकारों को सदैव याद रखनाचाहिए।  स्त्रियों को शिक्षित होनेवेद पढऩे तथा यज्ञ करने की स्थिति को पुनलाने का कार्य भी  स्वामी दयानंद जी ने किया।  

संगीतज्ञ आचार्य दीवानचंद शास्त्री  ने मधुर भजन पेश करके उपस्थित लोगों को आत्मविभोर कर दिया।  

 

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