Sunday, 27 December 2020

एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी तेजी से रिकवरी सुनिश्चित करती है: डॉ.कौशल

By 121 News
Chandigarh Dec.27, 2020:-मिनिमल इनवेसिव एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी में हालिया प्रगति पर दो दिवसीय पहली वर्चुअल इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का आज यहां समापन हुआ। 9वीं वर्ल्ड एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी कॉन्फ्रेंस एंड इंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी वर्कशॉप 2020, को वर्चुअली आयोजित किया गया, जिसमें देश और विदेश के विशेषज्ञों ने भाग लिया।

वर्ल्ड एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी सोसाइटी (डब्ल्यूईएसएस) और ट्रिनिटी एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के तत्वावधान में ट्रिनिटी हॉस्पिटल द्वारा इस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था। एंडोस्कोपिक डिसेक्टॉमी, लुम्बर कैनाल डिकम्प्रेशन और पर्क्यूटेनियस स्पाइनल फिक्सेशन पर आज एक हैंड-ऑन वर्कशॉप आयोजित की गई, जिसमें 40 इंटरनेशनल डेलीगेट्स ने भाग लिया।

डॉ.मोहिंदर कौशल, आर्गेनाइजिंग चेयरमैन, वेसकॉन 2020 कॉन्फ्रेंस और जाने माने एंडोस्कोपिक स्पाइन, नी और स्पोर्ट्स सर्जन और मेडिकल डायरेक्टर, ट्रिनिटी अस्पताल ने इस मौके पर बताया कि ''ओपन स्पाइन सर्जरी (रीढ़ की खुली सर्जरी) के मुकाबले एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी के फायदे काफी अधिक हैं, जिनमें छोटे कट लगते हैं और अस्पताल में काफी कम समय रहना पड़ता है, कम दवाएं लेनी पड़ती हैं और रिकवरी भी काफी तेजी से होती है। इसके साथ ही मरीज तेजी से अपने जीवन की सामान्य गतिविधि करने में सक्षम हो जाता है।''

उन्होंने कहा कि ''अधिक से अधिक रोगियों द्वारा एंडोस्कोपिक उपचार का विकल्प चुनने के साथ सर्जनों में भी इन तकनीकों को सीखने के लिए रुचि बढ़ रही है। उन्होंने संकेत दिया कि सर्जनों को विस्तृत लाभ प्रदान करने के लिए ट्रिनिटी हॉस्पिटल कई सालों से नियमित रूप से इंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी को सीखने के लर्निंग कोर्सेज और वर्कशॉप्स का आयोजन कर रहा है।''

अपने साथी स्पाइन सर्जर्नों को अपने शुरुआती संबोधन में उन्होंने कहा कि ''कोविड-19 महामारी द्वारा उत्पन्न चुनौती के दौरान अब समय आ गया है कि हम बहुमुखी बनें और नई चीजों को सीखें और एक वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में इस अवसर का लाभ उठाने के लिए एक साथ आएं। आएं, रीढ़ की हड्डी से संबंधित अलग अलग बीमारियों वाले व्यक्तियों की सेवा के लिए एक नई मुहिम की तेज शुरुआत करें। आएं, सुरक्षित और स्वस्थ रहने के लिए सभी सावधानियां बरतें।''

इंटरनेशनल फैकेल्टी में फ्रांस से डॉ.जीन डेस्टेंडों, मलेशिया से डॉ.अब्दुल हलीम यूसुफ और साउथ कोरिया से डॉ.संग क्यू सोन और डॉ. प्रमुख तौर पर शामिल थे। डॉ. मुकुल कौशल, ट्रिनिटी हॉस्पिटल तमिलनाडु के डॉ. श्रीनिवासन के साथ संयुक्त तौर पर आयोजन सचिव थे। कोल्हापुर के डॉ.एस.रोहिदास और भुवनेश्वर ससे डॉ.पी.सी.डे द्वारा लाइव सर्जरीज की गईं। 

साइंटिफिक सेशंस में लाइव सर्जरीज, गेस्ट लेक्चर्स, क्लीनिक केसों पर विचार-विमर्श, ऑपरेटिव वीडियो सेशंस शामिल थे। दुनिया के प्रमुख एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जनों द्वारा दिए गए एंडोस्कोपिक स्पाइन प्रोसीजर्स पर लेक्चर्स और लाइव डेमोस्ट्रेशंस दिए गए थे। 

विशेषज्ञों द्वारा लाइव सर्जरी का प्रदर्शन किया गया, जिसमें एंडोस्कोपिक डिस्केक्टॉमी और एंडोस्कोपिक लुम्बर  कैनाल डिकम्प्रेशन के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया। पूरे भारत और विदेशों से लगभग 100 ऑर्थो और न्यूरोस्पाइन विशेषज्ञ दो दिवसीय साइंटफिक प्रोग्राम में शामिल हुए। कॉन्फ्रेंस में स्पेन, नाइजीरिया, मलेशिया, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया के डेलीगेट्स भी शामिल हुए।

डॉ.एस.रोहिदास, सलाहकार और पूर्व अध्यक्ष, वर्ल्ड एंडोस्कोपिक स्पाइन सोसाइटी और महाराष्ट्र के प्रसिद्ध स्पाइन सर्जन, ने प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि तकनीकी विकास के आगमन के साथ, वर्तमान समय में की-होल  तकनीकों द्वारा रीढ़ की हड्डी के विभिन्न विकारों का काफी हद तक सफल इलाज करना संभव हो गया है। 

वहीं, डॉ.पी.सी.डे, मानद सचिव, वर्ल्ड एंडोस्कोपिक स्पाइन सोसाइटी ने अपने संबोधन में कहा कि एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी ने रीढ़ की बीमारियों के इलाज में संपूर्ण तौर पर बदलाव ला दिया है। उन्होंने कहा, एंडोस्कोपिक रीढ़ की सर्जरी के आगमन के साथ रीढ़ की सर्जरी के परिणाम और परिणाम नाटकीय रूप से बदल गए हैं। बड़े कट्स की जगह अब छोटे कट्स ने ली है और इस उपचार के दौरान पहले अस्पताल में कई सप्ताह तक रहना पड़ता था जबकि अब इसे कुछ दिनों या कुछ घंटों तक ही सीमित कर दिया है। 

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