By 121 News
Chandigarh 04th April, 2019:- अनचाहे मोटापे से परेशान लोगों को वजन कम करने में परामर्श देने के काम में जुटी डाइट क्लिनिक हेल्थ केयर (प्रा.) लि. इस सेगमेंट में भारत की एक अग्रणी डाइट क्लिनिक चेन है। इस चेन का मुख्यालय गुरुग्राम में हैं जिसकी संस्थापक जानी-मानी डायटीशियन शीला सेहरावत हैं। पिछले दिनों उन्होंने चण्डीगढ़ के से. 18 में डाइट क्लिनिक के नाम के अंतर्गत एक नए आउटलेट का शुभारम्भ किया जो डायटीशियन गगन आनंद की देखरेख में सफलतापूर्वक चल रहा है।
गगन आनंद ने जानकारी देते हुए बताया कि मोटापा मुख्यत: आजकल की जीवनशैली की देन है जोकि खानपान व मोबाइल एवं टीवी से जुडी हुई है।
उन्होंने कहा कि खानपान में जंक फ़ूड के बढ़ते चलन व लोगों के टीवी-मोबाइल से चिपके रहने की आदत से मोटापे की समस्या पैदा होती है व यही मोटापा बाद में कई अन्य घातक बीमारियों का कारण बनता है। बच्चे भी बाहर मैदान में जाकर खेलने की बजाये ऑनलाइन गेम्स खेलने में समय लगाते हैं जोकि बेहद ही गलत है। उन्होंने बताया की उनके यहां ऐसे भी केस आतें हैं जिनमें 16-17 साल के बच्चों का वजन 100 किलोग्राम के आसपास पाया गया।
उन्होंने इस डाइट क्लिनिक की कार्यपद्धति के बारे में खुलासा करते हुए बताया कि वे ना तो कोई उपवास या डाइटिंग के लिए कहतीं हैं, ना ही कोई दवाई या सर्जरी आदि के लिए और ना ही अधिक कसरत के लिए। उनका जोर खानपान की आदतों को सुधारने व कुछ अनुशासित जीवनशैली अपनाने पर रहता है जिससे बेकाबू मोटापे को ठीक किया जाता है।
उन्होंने कहा कि इसके लिए वे आपकी रसोई में खाने-पीने का को कुछ भी सामान मौजूद रहता है वे उसी में से डाइट चार्ट तैयार करके देतीं हैं व जागने, सोने व खाने के समय का निर्धारण करती हैं जिससे मोटापे के पीड़ित को आराम पहुँचता है। इसके तहत वे पोषण कंट्रोल का ध्यान रखते हुए मौसमी खाद्य पदार्थों का अधिकाधिक इस्तेमाल करने को कहतीं हैं। सुबह 7 बजे से पहले हर हाल में बिस्तर छोड़ कर कुछ व्यायाम या योग व सैर करने की सलाह देतीं हैं। उन्होंने जानकारी दी कि इस प्रक्रिया का पालन करने से एक माह में तीन से चार किलो वजन कम किया जा सकता है।
मांसाहार के बारे में उन्होंने बताया कि वे इसे खाने से मना नहीं करती हैं बल्कि अधिक तैलीय चिकन की बजाये अन्य आइटम लेने के लिए जोर देतीं हैं मसलन बटर चिकन की बजाये तंदूरी चिकन।
स्थानीय एमसीएम कॉलेज से शिक्षा ग्रहण कर डायटीशियन का प्रोफेशन अपनाने वाली गगन आनंद के मुताबिक़ वे दिन में हर दो घंटे बाद कुछ ना कुछ खाने का परामर्श देतीं हैं। उनके यहाँ इस इलाज के लिए बेहद कम शुल्क रखा गया है जोकि सिर्फ 3500 रु. प्रति माह है।
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