By 121 News
Panchkula, June 06, 2025:--पर्यावरणीय स्थिरता और सामुदायिक कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, पारस हेल्थ पंचकूला ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर छह गांवों में वृक्षारोपण अभियान चलाया। इस पहल के तहत बुंगा, भानू, रटेवाली, कनौली, अलीपुर और जलोली जैसे आस-पास के गांवों में 200 पौधे लगाए गए। इसी अवसर पर अस्पताल को अंतरराष्ट्रीय मंच 'हेल्थ एंड एनवायरनमेंट लीडरशिप प्लेटफॉर्म' (HELP) की सदस्यता का प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया।
यह अभियान अस्पताल के वरिष्ठ नेतृत्व—डॉ. पंकज मित्तल (फैसिलिटी डायरेक्टर), डॉ. श्वेता प्रभाकर (मेडिकल सुपरिंटेंडेंट), शिवराज नाकई (जीएम, एचआर), धीरेज कुमार सिंह (डीजीएम, सेल्स एंड मार्केटिंग), और श्रीमती साधना मजूमदार (चीफ नर्सिंग ऑफिसर)—के नेतृत्व में संचालित हुआ। इस कार्यक्रम में पंचकूला की पूर्व मेयर श्रीमती सीमा चौधरी ने भी भाग लिया और स्थानीय निवासियों को पर्यावरण सुरक्षा को एक सामूहिक जिम्मेदारी के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित किया।
अभियान के दौरान नेतृत्व टीम ने ग्रामीणों से संवाद किया और उन्हें दैनिक जीवन में हरित आदतें अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। लगाए गए पौधे न केवल हरियाली बढ़ाएंगे, बल्कि क्षेत्र में दीर्घकालिक जलवायु लचीलापन को भी सुदृढ़ करेंगे।
डॉ. पंकज मित्तल ने कहा कि पारस हेल्थ में हम मानते हैं कि स्वास्थ्य केवल अस्पताल की दीवारों तक सीमित नहीं है—यह हमारे पर्यावरण और समाज के समग्र कल्याण से जुड़ा हुआ है। इस विश्व पर्यावरण दिवस पर हमारा वृक्षारोपण अभियान एक हरित भविष्य की ओर एक छोटा सा लेकिन सशक्त कदम है, जिसे हम अपने समुदायों के साथ मिलकर आगे बढ़ा रहे हैं।
यह पहल पारस हेल्थ पंचकूला की समग्र स्वास्थ्य और सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता का हिस्सा है। ऐसे सामुदायिक प्रयासों के माध्यम से अस्पताल एक स्वच्छ, स्वस्थ और समावेशी भविष्य की दिशा में काम कर रहा है।
HELP (हेल्थ एंड एनवायरनमेंट लीडरशिप प्लेटफॉर्म), पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (PHFI) और हेल्थ केयर विदआउट हार्म (HCWH) की साझेदारी में चलाया जाने वाला एक मंच है। यह भारत में ग्रीन और हेल्दी हॉस्पिटल्स के वैश्विक नेटवर्क का भारतीय अध्याय है, जो स्वास्थ्य क्षेत्र के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए समर्पित संस्थानों को एक साथ लाता है। यह मंच भारत के पांच क्षेत्रों में ज्ञान साझा करने और सहयोग को बढ़ावा देता है, जिससे सार्वजनिक और पर्यावरणीय स्वास्थ्य दोनों को बल मिलता है।
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