By 121 News
Chandigarh, Sept.21, 2025:- आज यहां निरंकारी राजपिता रमित जी के पावन सानिध्य में स्थानीय सैक्टर 25 के रैली ग्राउंड में हुए एक विशाल निरंकारी सन्त समागम में चण्डीगढ-पंजाब-हरियाणा-हिमाचल से हज़ारों की संख्या में आए श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए निरंकारी राजपिता जी ने अपने प्रवचनों में कहा कि परमात्मा किसी अनुमान या संस्कार का विषय नहीं बल्कि यह प्राप्ति का विषय है, परमात्मा की जानकारी जीवन में जीते जी की जा सकती है, जीते जी ही इसमें इकमिक हुआ जा सकता है इसे ही जीवन मुक्ति कहा जाता है ।
परमात्मा की प्राप्ति के बाद जीवन में आने वाले बदलाव की चर्चा करते हुए राजपिता जी ने कहा कि यहां जो भी वक्ता बोले हैं उन्होंने अपने अनुभव सांझे किए हैं, उनके द्वारा यह आवाज दी जा रही है कि हमें यह परमात्मा सत्गुरू की कृपा से प्राप्त हुआ है और इसकी प्राप्ति के बाद जीवन में जो परिवर्तन हुआ है जो दृष्टिकोण बदला है, इसके बाद जो नजारे बदले हैं जो जीवन में स्थिरता और आनन्द आया है इसे यहां आप सबके साथ सांझा किया गया है । इनके द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि एक-एक इन्सान, एक-एक मानव जो अज्ञानता में इस प्रभु से बेमुख होकर जीवन जी रहा है उस तक भी यह आवाज पहुंचे कि परमात्मा को प्राप्त किया जा सकता है परमात्मा की प्राप्ति इस जन्म के चलते इस शरीर में रहते रहते की जा सकती है यह मुक्ति जिसका ज़िक्र अक्सर करते हैं इसे इन स्वासों के चलते प्राप्त किया जा सकता है इसे ही जीवन मुक्ति कहा जाता है।
इस अवसर पर हर आयु वर्ग के वक्ताओं, जिनमें बच्चे, युवा, बुजुर्ग, महिलाएं शामिल हैं आदि ने हिन्दी, पंजाबी, इंगलिश, हरियाणवी, हिमाचली भाषा आदि का सहारा लेते हुए गीत, कविता, स्पीच आदि के रूप में अपने भाव व्यक्त किए ।
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