By 121 News
Mohali, Sept.01, 2025:– श्री राधा अष्टमी के पावन अवसर पर श्री शिव मंदिर, फेज 9, मोहाली में एक दिवसीय दिव्य गौ कथा एवं भजन संध्या का आयोजन किया गया जिसकी प्रस्तुति दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से की गई। इस अवसर पर अनेक श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से श्री राधारानी के दिव्य प्राकट्य दिवस को हर्षोल्लास से मनाया। भक्तिमय भजनों और श्रेष्ठ विचारों के माध्यम से दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी संयोगिता भारती जी ने कहा कि राधा अष्टमी न केवल एक पर्व है, बल्कि यह उस परम चेतना का स्मरण है जो अहंकार-विहीन, पूर्ण समर्पण और निष्काम भक्ति का प्रतीक हैं – ऐसी भक्ति, जो किसी कारण या फल की अपेक्षा नहीं करती।
कथा व्यास साध्वी संयोगिता भारती जी ने राधा जी की महिमा का वर्णन करते हुए बताया कि श्री राधा वो भक्ति की धारा हैं जो श्री कृष्ण जी को धूरी मान, उन्हीं की दिशा में बहती हैं। राधा जी वो कल्पवृक्ष हैं जो बिना मांगे भी सभी को श्री कृष्ण की भक्ति में रंग देती हैं। भक्ति और समर्पण की पराकाष्ठा हैं श्री राधारानी। साध्वी जी ने कहा कि राधा जी का प्रेम कोई सांसारिक प्रेम नहीं था, वह दिव्य प्रेम था जो आत्मा को परमात्मा से जोड़ता है। परंतु इस दिव्यता को देखने और समझने के लिए आपको भी राधा जी जैसा बनना होगा – मन, वचन और कर्म से उनके दिखाए मार्ग पर चलना होगा। जैसे श्री राधा जी ने भगवान श्री कृष्ण रूपी गुरु की शरण ली उसी प्रकार हमें भी समय के पूर्ण सद्गुरु की खोज कर उनसे वो दिव्य दृष्टि प्राप्त करनी होगी जिससे हम हर पल श्री राधा और भगवान कृष्ण का दर्शन अपने भीतर ही कर सकें। साध्वी जी ने आगे समझाया कि प्रेम-मार्ग इतना सूक्ष्म और रहस्यमय है कि बिना सतगुरु की कृपा और मार्गदर्शन के उसमें प्रवेश करना संभव नहीं। सद्गुरु ही वह दिव्य चक्षु प्रदान करते हैं जिसके माध्यम से हम आत्मा और परमात्मा के मध्य छिपे हुए राधा तत्व का दर्शन कर सकते हैं। राधा अष्टमी स्मरण दिलाती है कि हम सब भी अपने जीवन में श्री कृष्ण रूपी पूर्ण सद्गुरु की खोज करें और उनको अपने जीवन की धूरी बनाकर जिएं। जैसे राधा जी हर कार्य करते हुए भी हर क्षण श्री कृष्ण में लीन रहती थीं, वैसे ही एक शिष्य भी सद्गुरु की कृपा से सांसारिक कार्य करते हुए भी अखंड भक्ति की ओर अग्रसर हो सकता है और भक्ति, ज्ञान और मोक्ष – तीनों का अधिकारी बन जाता है।
यह भजन संध्या केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि समाज को पुनः अपनी जड़ों से जोड़ने का प्रयास भी था। कथा के दौरान गौ माता के संरक्षण, संवर्धन एवं सेवा पर भी विशेष बल दिया गया। साध्वी जी ने बताया कि आज के यांत्रिक युग में भी गौ माता न केवल हमारी संस्कृति की धरोहर हैं, बल्कि कृषि, पर्यावरण और आयुर्वेद के आधार स्तंभ भी हैं। गौवंश की रक्षा, गौशालाओं का विकास तथा जैविक कृषि की दिशा में गौ-आधारित जीवनशैली अपनाने का संदेश भी इस भजन संध्या के माध्यम से समाज को दिया गया।
इस कार्यक्रम में स्थानीय संतजन – रमेश कुमार वर्मा [चेयरमैन], संजीव कुमार [प्रधान], अरविंद ठाकुर [महासचिव], रमन शर्मा [कोषाध्यक्ष], प्रकाश वती [पूर्व एमसी], सुखविंदर सिंह गोल्डी [सहायक कोषाध्यक्ष – भाजपा, पंजाब], निशांत शर्मा [राष्ट्रीय अध्यक्ष - शिवसेना हिंद], अधिवक्ता प्रेमजीत सिंह हुंडल, संजीव कुमार, टी आर शर्मा, एच एस सेठिया, सतीश मिश्रा, चंद्र जूयल, सतीश शर्मा, मनोज मक्कड़, रमेश मनचंदा, सुशील गोयल, जीतेंद्र गोयल, हितेश कुमार, जीतेश सुनेजा, सुनील अनोजिया, राजीव कुमार, परवीन शर्मा, एस पी राय, रवि महाजन, अनिल आनंद, टेक चंद बोहरा, जुगल किशोर, दिनेश, तेजिंदर कुमार, संजीव गौतम, राजिंदर शर्मा, वरुण, शकुंतला सेठिया, देवी शर्मा, संतोष, अंचला शर्मा – तथा अनेक भक्त-श्रद्धालु उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन राधारानी की दिव्य आरती से हुआ, जिसमें सभी भक्तों ने प्रेम और श्रद्धा से सहभागिता की।
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