Friday, 22 August 2025

उचित रिपोर्ट के बावजूद पैरोल देने से इनकार करने पर आईजी जेल पर जुर्माना

By 121 News
Chandigarh, August 22, 2025:- पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने चंडीगढ़ के आईजी जेल पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। जिला मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट के बावजूद नाबालिग लड़की से बलात्कार के आरोपी की पैरोल अर्जी खारिज करने पर, जिसमें कहा गया था कि उसके पैरोल पर बाहर आने पर कोई आपत्ति नहीं है। आईजी पर यह जुर्माना इसलिए लगाया गया है क्योंकि आरोपी को उच्च न्यायालय आने के लिए मजबूर किया गया था। उच्च न्यायालय ने कहा है कि अगर आईजी ने रिपोर्ट के आधार पर पैरोल दी होती, तो आरोपी को अनावश्यक कानूनी कार्यवाही पर पैसा खर्च नहीं करना पड़ता। 
दोषी के वकील उज्ज्वल आनंद के अनुसार, यह पहली बार है कि किसी जेल अधिकारी पर अनावश्यक कारणों से पैरोल देने से इनकार करने पर जुर्माना लगाया गया है। अधिवक्ता आनंद के अनुसार, आरोपी बिहार के बहावलपुर इलाके का रहने वाला है और उसने पैरोल मांगी थी और उसे पैरोल पर रिहा करने के लिए संबंधित जिला मजिस्ट्रेट से रिपोर्ट मांगी गई थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि पीड़िता उस जगह से बहुत दूर रहती है जहाँ आरोपी को पैरोल पर रहना है और उसे पैरोल पर उसके घर भेजे जाने का कोई डर नहीं है। इस रिपोर्ट के बावजूद, चंडीगढ़ के आईजी जेल ने यह संदेह व्यक्त करते हुए पैरोल की अर्जी खारिज कर दी कि अगर आरोपी को पैरोल पर रिहा किया गया तो वह किसी अन्य आपराधिक घटना में शामिल हो सकता है, लेकिन आरोपी के वकील ने हाईकोर्ट में दलील दी कि रिपोर्ट पक्ष में आने के बाद आईजी को सबूत उजागर करने का अधिकार नहीं रह जाता, इसलिए पैरोल पर रोक लगाने वाले आदेश को रद्द कर पैरोल दी जाए। हाईकोर्ट ने न केवल अर्जी स्वीकार कर पैरोल दी, बल्कि आईजी पर जुर्माना भी लगाया।
यह मामला एक कैदी से जुड़ा है जिसे बलात्कार के एक मामले में दोषी ठहराया गया है और वह वर्तमान में 20 साल की सजा काट रहा है। अदालत में कैदी के पक्ष में दलीलें दी गईं कि कैदी के वकील ने अदालत में दलील दी कि जब उसे दोषी ठहराया गया था, तब उसकी उम्र केवल 21 साल थी। इतनी कम उम्र में उसके जीवन में और सुधार होने की संभावना बहुत ज़्यादा है। इसके अलावा, उसका पहले कभी कोई आपराधिक इतिहास नहीं रहा है, यानी यह उसका पहला अपराध था। वकील ने यह भी बताया कि कैदी अब तक 4 साल, 3 महीने और 5 दिन जेल में बिता चुका है। इस दौरान उसने जेल में अनुशासन का पालन किया और उसका व्यवहार हमेशा अच्छा रहा। जेल प्रशासन की रिपोर्ट में भी दर्ज है कि कैदी ने कोई अनुशासनहीनता नहीं की है।

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