Sunday, 20 July 2025

फर्नीचर मार्केट को मनमाने ढंग से तोड़े जाने की कांग्रेस अध्यक्ष ने कड़ी निंदा की; प्रभावित दुकानदारों के त्वरित पुनर्वास की मांग की

By 121 News
Chandigarh, July 20, 2025:-चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा आज दशकों पुरानी फर्नीचर मार्केट को बुलडोजर चलाकर तोड़ दिया गया, जिससे सैकड़ों दुकानदारों की रोज़ी-रोटी छिन गई और अनेक मज़दूर बेरोज़गार हो गए। यह कार्रवाई माननीय उच्च न्यायालय की उस टिप्पणी के पूर्णतया विरुद्ध की गई जिसमें अदालत ने प्रशासन को मानवीय दृष्टिकोण अपनाने और प्रभावित लोगों को वैकल्पिक स्थल आवंटित करने पर विचार करने को कहा था ताकि वे अपना जीवन-यापन जारी रख सकें।

प्रशासन ने न तो कोई मानवीय संवाद किया और न ही दुकानदारों को समुचित समय या संसाधन दिए। बिना किसी पूर्व तैयारी या वैकल्पिक व्यवस्था के अचानक की गई इस कार्रवाई में कई दुकानदारों की दुकानें, सामान और व्यवसाय पूरी तरह नष्ट हो गए, जिससे उन्हें भारी आर्थिक क्षति उठानी पड़ी।

यह घटना एक बार फिर यह दर्शाती है कि प्रशासन आम नागरिकों की ज़िंदगी और आजीविका के प्रति कितना असंवेदनशील और उदासीन होता जा रहा है। यह पहली बार नहीं है, इससे पहले भी कई कॉलोनियों में बिना उचित नोटिस के इसी तरह की कार्रवाई की जा चुकी है, जिनमें पुनर्वास की कोई चिंता नहीं की गई।

चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष एच.एस. लक्की ने प्रशासन की इस असंवेदनशीलता की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि जो कुछ हो रहा है, वह सुशासन नहीं, बल्कि हमारे शहर की सामाजिक बुनियाद को योजनाबद्ध तरीके से तोड़ने का प्रयास है। प्रशासन ने मानवीय पीड़ा की कोई परवाह नहीं की और न ही एक कल्याणकारी राज्य के सिद्धांतों का पालन किया। हम मांग करते हैं कि तुरंत एक समग्र पुनर्वास योजना लागू की जाए और प्रभावित दुकानदारों को वैकल्पिक स्थल आवंटित किए जाएं ताकि वे अपने जीवन और व्यवसाय को दोबारा शुरू कर सकें। इससे कम कुछ भी लोकतांत्रिक और समाजवादी गणराज्य की शासन व्यवस्था के साथ विश्वासघात होगा।

कांग्रेस पूरी मजबूती से प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है और यह आश्वस्त करती है कि इस मुद्दे को हर मंच पर उठाया जाएगा जब तक पीड़ितों को न्याय नहीं मिल जाता।

एच.एस. लक्की ने मोदी सरकार की भी आलोचना की, जिसके अधीन चंडीगढ़ प्रशासन सीधे काम करता है, कि वह इन दशकों पुरानी दुकानों को राहत देने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की चुप्पी और निष्क्रियता भी उतनी ही निंदनीय है जितनी कि स्थानीय प्रशासन की कार्रवाई।

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