By 121 News
Chandigarh, June 07, 2025:-- भारत का पोषण–संबंधी कायापलट करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, जिंदल राइस मिल्स ने आज 'नॉरिफ़ायमी' के आधिकारिक लॉन्च का ऐलान किया, जो फोर्टिफाइड राइस, फोर्टिफाइड बासमती राइस और फोर्टिफाइड गेहूं के आटे की श्रृंखला पेश करने वाला एक नया उपभोक्ता ब्रांड है। चंडीगढ़ में आयोजित इंडस्ट्री की एक हाई-प्रोफाइल ईवेंट के दौरान यह लॉन्च हुआ। इस समारोह का टाइटल था "अनलॉकिंग मार्केट पोटेंशियल: एडवांसिंग फोर्टिफाइड राइस इन पंजाब।"
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पंजाब सरकार के माननीय उद्योग एवं वाणिज्य, ग्रामीण विकास एवं पंचायत, पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामले, निवेश संवर्धन, आतिथ्य एवं श्रम मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंद उपस्थित रहे। जिन्होंने मुख्य भाषण दिया। अपने भाषण में माननीय मंत्री ने, राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में खाद्य फोर्टिफिकेशन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
तरुणप्रीत सिंह सोंद ने कहा कि चावल का फोर्टिफिकेशन छिपी हुई भूख के खिलाफ भारत की लड़ाई का एक महत्वपूर्ण घटक है। जैसे-जैसे हम सरकारी योजनाओं में फोर्टिफाइड चावल का वितरण बढ़ा रहे हैं, इसके साथ ही खुदरा उपभोक्ताओं तक इन लाभों को पहुँचाने के लिए इस तरह की पहल बेहद अहम हो जाती है। सार्वजनिक स्वास्थ्य की दिशा में यह दूरदर्शी कदम उठाने के लिए, मैं जिंदल राइस मिल्स की सराहना करता हूँ।
भारत की पोषक तत्वों से भरपूर, किफ़ायती मुख्य खाद्य पदार्थों की बढ़ती ज़रूरत का जवाब है- 'नॉरिफ़ायमी'। इसका उद्देश्य है कि व्यापक रूप से सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर किया जाए। यह ब्रांड दशकों के मिलिंग अनुभव के दम पर तैयार किया गया है, जो अब राष्ट्रीय पोषण लक्ष्यों के साथ संरेखित है।
जिंदल राइस मिल्स के को-फाउंडर विशाल गुप्ता ने कहा कि राइस मिलिंग की हमारी विरासत को विज्ञान समर्थित फोर्टिफिकेशन के साथ मिलाकर, 'नॉरिफ़ायमी' ने गुणवत्ता, स्वाद और स्वास्थ्य को एक ही प्लेट में परोस दिया है।
जिंदल राइस मिल्स के को-फाउंडर अंकित जिंदल ने कहा कि 'नॉरिफ़ायमी' के साथ, हम महज एक प्रोडक्ट लाइन ही लॉन्च नहीं कर रहे- बल्कि हम हर भारतीय रसोई में बेहतर पोषण लाने का एक मिशन शुरू कर रहे हैं।
'नॉरिफ़ायमी' रेंज जरूरी सूक्ष्म पोषक तत्वों के वैज्ञानिक रूप से चुने गए मिश्रण से समृद्ध है, जिसका उद्देश्य भारत में व्यापक पोषण संबंधी कमियों को दूर करना है। प्रत्येक उत्पाद एनीमिया से लड़ने और संज्ञानात्मक विकास का समर्थन करने के लिए आयरन, कोशिका वृद्धि और मातृ स्वास्थ्य में सहायता करने के लिए फोलिक एसिड तथा तंत्रिका कार्य व लाल रक्त कोशिका निर्माण के लिए विटामिन बी12 से समृद्ध है। इसके अलावा, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और उपचार में सहायता करने के लिए जिंक को शामिल किया गया है, जबकि विटामिन ए दृष्टि और समग्र प्रतिरक्षा स्वास्थ्य का समर्थन करता है। साथ में, ये पोषक तत्व विभिन्न आयु समूहों के व्यक्तियों और परिवारों के लिए, बेहतर स्वास्थ्य परिणामों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
एम्स, नई दिल्ली में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की प्रोफेसर और हेड डॉ. नीना मल्होत्रा का कहना है कि कुपोषण 6 वर्ष से कम आयु के 37% बच्चों को प्रभावित करता है और ये बच्चे, खासकर लड़कियाँ, प्रोटीन व सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी के साथ किशोरावस्था में पहुँचते हैं, जिससे प्रजनन की अवस्था में एनीमिया की समस्या बढ़ जाती है। प्रजनन की आयु की 57% महिलाओं को एनीमिया होता है और 52% महिलाएँ गर्भावस्था के दौरान एनीमिया से पीड़ित होती हैं। (एनएफएचएस-6)। कुपोषण और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी- विशेष रूप से आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी12 - प्रजनन की आयु में महिलाओं के बीच प्रमुख चिंता का विषय होती है। ये गर्भावस्था के दौरान प्रजनन की आयु वाली महिलाओं में एनीमिया को बढ़ाने में योगदान करते हैं।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए डॉ. नीना मल्होत्रा कहती हैं कि एनीमिया की रोकथाम पर राष्ट्रीय कार्यक्रमों के बावजूद, एनीमिया की व्यापकता में कमी नहीं आई है। इसलिए आयरन और फोलिक एसिड की गोलियों के पूरक से आगे बढ़ने की सख्त जरूरत है। सूक्ष्म पोषक तत्वों के साथ मुख्य खाद्य पदार्थों को मजबूत बनाना एक अच्छा विकल्प है, जिसके बड़े पैमाने पर एनीमिया में सुधार के सिद्ध लाभ हैं। मुख्य खाद्य पदार्थों, गेहूं के आटे, चावल या खाद्य तेलों को आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों से मजबूत बनाने से भारत में महिलाओं के पोषण और स्वास्थ्य में सुधार होगा। मैं एनीमिया के जोखिम को कम करने और स्वस्थ गर्भधारण का समर्थन करने के लिए रोज़मर्रा के आहार में फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों को शामिल करने की पुरजोर वकालत करती हूँ।
इस ईवेंट में, मिलर्स फ़ॉर न्यूट्रीशन-एशिया प्रोग्राम का नेतृत्व करने वाली वैश्विक गैर-लाभकारी संस्था टेक्नोसर्व के साथ 'नॉरिफ़ायम' की मजबत सहभागिता भी प्रदर्शित की गई। यह प्रोग्राम सार्वजनिक स्वास्थ्य परिणामों को बेहतर बनाने के लिए, फोर्टिफ़िकेशन के सर्वोत्तम तरीकों को अपनाने में पूरे दक्षिण एशिया के राइस मिलर्स का समर्थन करता है।
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए, मिलर्स फॉर न्यूट्रीशन - इंडिया के कंट्री प्रोग्राम मैनेजर, अभिषेक शुक्ला ने राष्ट्रीय पोषण से जुड़ी चुनौतियों को हल करने में, निजी क्षेत्र के नवाचार का महत्व रेखांकित किया।
अभिषेक शुक्ला ने कहा कि मिलर्स भारत की खाद्य प्रणाली के केंद्र में हैं। जब वे फोर्टिफ़ाई करने के लिए आगे आते हैं, तो वे सिर्फ़ व्यवसाय ही नहीं बदलते - वे जीवन भी बदल देते हैं। हमें फोर्टिफ़ाइड स्टेपल की पहुँच बढ़ाने में जिंदल राइस मिल्स जैसे मिलर्स का समर्थन करने पर गर्व है।
'नॉरिफ़ायमी' रेंज को प्रमुख खुदरा और वितरण चैनलों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा, तथा आने वाली तिमाहियों में उत्तरी और पूर्वी भारत में इसका विस्तार करने की योजना है।
ईवेंट के दौरान, विजन और प्रोडक्ट पोर्टफोलियो को प्रदर्शित करने वाला एक लॉन्च वीडियो दिखाया गया, जिसके बाद उत्पादों का प्रदर्शन किया गया, जहाँ मेहमान 'नॉरिफ़ायमी' लाइनअप के पूरे लुक, फील और पैकेजिंग का अनुभव कर सकते थे।
व्हाइट स्पून फोर्टिफाइड बासमती चावल, जिसे आनंद एग्रो इंडस्ट्रीज द्वारा विकसित किया गया है, आज नॉरिफ़ाइम ब्रांड के साथ लॉन्च किया गया। आयरन, जिंक, फोलिक एसिड, विटामिन बी3 और बी12 जैसे पोषक तत्वों से समृद्ध, व्हाइट स्पून का उद्देश्य समुदायों में बेहतर पोषण परिणामों को बढ़ावा देना है। उपभोक्ता बाजार और कल्याण वितरण — दोनों क्षेत्रों पर केंद्रित यह पहल, रोज़मर्रा के खाद्य पदार्थों के माध्यम से छिपी भूख से लड़ने की प्रतिबद्धता को सशक्त बनाती है ।
फ़ूड फोर्टिफिकेशन मैनेजर, मिलर्स फ़ॉर न्यूट्रिशन इंडिया के शुभम मिश्रा द्वारा धन्यवाद ज्ञापित करने के साथ इस समारोह का समापन हुआ, जिन्होंने संयुक्त कार्रवाई की अहमियत को दोहराया।
"कुपोषण के खिलाफ़ भारत की लड़ाई को व्यापक पैमाने और नवाचार दोनों की ज़रूरत है। प्रतिबद्ध उद्यमियों और सक्षम संस्थानों के बीच इस तरह की साझेदारी ही बदलाव को संभव बनाती है,"- कहना है शुभम मिश्रा का। इस ईवेंट में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के प्रमुख मिल मालिकों के साथ-साथ, फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के सदस्यों, पोषण के समर्थकों और विकास क्षेत्र के पेशेवर लोगों ने भाग लिया। 'नॉरिफ़ायमी' के माध्यम से, जिंदल राइस मिल्स का लक्ष्य यह है कि फोर्टिफाइड स्टेपल के क्षेत्र में खुद को ऐसे भरोसेमंद घरेलू ब्रांड के रूप में स्थापित किया जाए, जो कुपोषण मुक्त भारत के राष्ट्रीय लक्ष्य में योगदान देगा।
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