Friday 17 November 2023

दिगम्बर जैन मंदिर में पंचकल्याण महामहोत्सव तथा विश्व शांति महायज्ञ 27 नबम्बर से 2 दिसम्बर 2023 तक: आचार्य श्री 108 सुबल सागर जी महाराज

By 121 News
Chandigarh, Nov.17, 2023:-दिगम्बर जैन मंदिर में होने जा रहे भव्य श्री 1008 मद् पंचकल्याण महामहोत्सव तथा विश्व शांति महायज्ञ 27 नबम्बर से 2 दिसम्बर 2023 तक। आचार्य श्री सुबलसागर जी महाराज की प्रेरणानिर्देशन एवं सानिध्य में बड़ी ही भव्यता से होने जा रहे है। जिसकी तैयारीयाँ तीव्र गति से चल रही है। समस्त कमेटी सदस्यों के हृदय में तीव्र उल्लास है और जोर शोर से काम करने में लगे हुए हैं। इसी के साथ 29 नवम्बर को भव्य जैनेश्वरी दीक्षाओं  का भव्य आयोजन भी चंडीगढ़ दिगम्बर समाज के मध्य होने जा रहा है। 
भव्य पुण्य आत्मा व्यक्ति ही इस मोक्षमार्ग पर अपने कदम आगे बढ़ा पाता है। इस संसार में बहुत से मनुष्य है जिनमें से कुछ ही लोग है जिनका पुण्य के उदय का तीव्र अनुभाग शक्ति होने पर ही वे आगे बढ़ते है। उपादान तो है लेकिन ऐसे निमित्त मिलना जिससे मोक्षमार्ग में आगे बढ़ने के भाव हो यह हमारे प्रबल- पुरुषार्य और पूर्व भवों के संस्कारों का ही प्रतिफल है। पुण्य के उदय में ही यह मनुष्य पाप रूप निमित्तों से दूर होकर जिन चैतन्यता को प्राप्त कर लेता है। 
दीक्षा लेने वाला व्यक्ति बहिरात्मा अवस्था को, छोड़कर अन्तर आत्मा में स्थित होकर अपने परमात्मा की शुद्ध अवस्था पर ही अपना ध्यान रखता है। निरंतर अपनी शुद्ध चैतन्य भूत परमात्मा दशा की भावना भाता हुआ समस्त संकल्प विकल्प से दूर रहता है। जिस प्रकार दीपक की उपासना करने वाली बत्ती भी पूज्य पने को प्राप्त हो जाती है उसी प्रकार हमारे अंदर विराजमान आत्मा भी उस परम परमात्मा रूप भगवान की उपासना करने से समस्त संसार में पूज्यनीय वा सम्मानीय हो जाती है।
सम्यग्दर्शन के प्रभाव से एक तिर्यंच गति का जीव मेढ़क भी देव पद को प्राप्त कर लेता है। मेढ़क भव में आने से पहले यह जीव एक सेठ साहूकार होता है जो भगवान की भक्ति सामायिक ध्यान में बैठा हुआ था उसका संकल्प था कि जब तक इस दीपक का घी समाप्त नहीं होता, तब तक ध्यान करेंगे, लेकिन सेठानी को इस का ज्ञान नहीं था और वह दीपक में घी बढ़ाती गई लेकिन सेठ अपने संकल्प में दृढ़ रहे और ध्यान करते -करते इनके प्राण छूट गये और भगवन की भक्ति के  प्रभाव से यह मेढक से देव पर्याय को प्राप्त करते हैं। भक्ति का फल कभी खाली नहीं जाता है उस सेठ को साक्षात् समोसरण में भगवन के दर्शन भक्ति पूजा, पाठ करने का सौभाग्य मिला । हम सभी भी होने बाले पंचकल्याणक महोत्सव में पधार कर पुण्य लाभ ले ओर जीवन को धन्य बनाऐ।
 यह जानकारी संघस्थ बाल ब्र. गुंजा दीदी एवं धर्म बहादुर जैन ने दी ।

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