Wednesday, 23 November 2022

प्राइमस पार्टनर्स के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन प्रोग्राम ने उभरती टेक्‍नोलॉजीज के तेज विकास के लिए सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों को एकजुटकिया

By 121 News

Chandigarh,Nov.18, 2022प्रधानमंत्री द्वारा इस दशक को 'टेकेड' घोषित किए जाने के बाद सरकारी प्रक्रियाओं और नौकरशाही जड़ता को बदलने के विश्वास के साथ, प्राइमस पार्टनर्स ने कैपिसिटी बिल्डिंग कमीशन के सहयोग में दो दिवसीय (17-18 नवंबर) डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन थॉट लीडरशिप प्रोग्राम 2022 का आयोजन किया। राष्‍ट्र-निर्माण को लेकर समर्पित देश की प्रमुख स्ट्रैटेजी कंपनी ने क्लाउड के इस्तेमाल को समझने, सार्वजनिक स्वास्थ्य और वित्त को बढ़ावा देने के लिए क्लाउड टेक्‍नोलॉजीज का लाभ उठाने की जरूरत, सिविल सेवा अधिकारियों के लिए क्षमता निर्माण के माध्यम से कुशल शासन सुनिश्चित करने, डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करने और उभरती टेक्‍नोलॉजीज के भविष्य को आकार देने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया।

 

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के राज्य मंत्री माननीय राजीव चंद्रशेखर ने शिरकत की। डिजिटल परिवर्तन और नागरिक सेवाओं के वितरण को बढ़ावा देने के लिए सरकार के दृष्टिकोण के तहत पहल करने वाले अन्य प्रतिष्ठित लोग भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे। कुछ प्रमुख वक्ताओं में  कैपिसिटी बिल्डिंग कमीशन के चेयरपर्सन आदिल जैनुभाई, कैपिसिटी बिल्डिंग कमीशन के प्रशासन सदस्य प्रवीण परदेशी, जीईएम के सीईओ पी के सिंह, मध्य प्रदेश सरकार के प्रिंसिपल सेक्रेटरी मनु श्रीवास्तव,  एपीजे/आसियान एडब्ल्यूएस में गवर्मेंट ट्रांसफॉर्मेशन के डायरेक्टर चॉय पेंग वू, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन में पब्लिक पॉलिसी और फाइनेंस के कंट्री लीड संतोष मैथ्यू शामिल रहे। वक्ताओं ने सरकार के डिजिटल परिवर्तन के लिए धुरी पर चर्चा करने और क्लाउड कंप्यूटिंग की बढ़ती मांग के साथ-साथ इसकी चुनौतियों और समाधानों के बारे में विचार-विमर्श करने के लिए एक खुला संवाद मंच बनाया, जो इस 'टेकेड' के दौरान अनिवार्य रूप से देश के भविष्य को आकार देगा।

 

कैपेसिटी बिल्डिंग कमीशन के सचिव हेमांग जानी ने कहा कि दुनिया में चौथी औद्योगिक क्रांति का समय आ गया है और इस वक्त क्षमता निर्माण समय की आवश्यकता है। प्रत्येक क्षेत्र की एक अलग भूमिका होगी जिसके लिए टेक्‍नोलॉजी, कौशल और दृष्टिकोण के तीन स्तंभों के आधार पर अद्वितीय क्षमता प्रशिक्षण की आवश्यकता होगी। 3 मिलियन से अधिक सिविल सेवा अधिकारियों के साथ, पीएम मोदी की कर्मयोगी पहल उनके दृष्टिकोण को आधुनिक बनाने और उनके कौशल सेट में सुधार करने के लिए उनकी क्षमता निर्माण यात्रा पर केंद्रित है।

 

सरकारी एजेंसियां डिजिटल होती जा रही हैं और वे डिजिटल तकनीकों और प्रक्रियाओं को अपने संगठनों में गहराई से तैनात करने की दिशा में काम कर रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप सरकार में बेहतर, निर्बाध और एकीकृत शासन के लिए क्षमता निर्माण में वृद्धि हुई है। दो दिवसीय सत्र ने सरकार के डिजिटल परिवर्तन के लिए ऐतिहासिक धुरी बिंदु और कैसे कोविड-19 ने डिजिटलीकरण के अगले चरण में प्रवेश करने के लिए प्रेरित किया है, के बारे में प्रमुखता से बताया है।

 

महामारी नई खोजों और उसके इस्तेमाल की प्रयोगशाला रही है,  जिसने क्लाउड कंप्यूटिंग के तेज विकास को रेखांकित किया है। प्राइमस पार्टनर्स के प्रबंध निदेशक समीर जैन ने कहा, "यह सरकारी संस्थानों और बिजनेस लीडर्स के लिए एक साथ आने का सबसे अच्छा समय है ताकि बढ़ती जरूरतों को समझा जा सके, जो सभी को अपनी भूमिका निभाने का मौका देता है चाहे नीति निर्माण और कार्यान्वयन की मांग हो या नवाचार और डेटा सुरक्षा, इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत ने क्लाउड टेक्‍नोलॉजी को अपनाने की यात्रा शुरू कर दी है। इसलिए, हितधारकों के लिए व्यापक जागरूकता पैदा करना, युवाओं को भविष्य की टेक्‍नोलॉजीज में प्रशिक्षण और प्रशिक्षण के लिए उपकरणों का सही सेट स्थापित करना, क्षमता निर्माण के बीच के अंतर को भरना और नए जमाने की तकनीक और देश के नागरिकों के बीच भरोसे को बहाल करना अनिवार्य है। 

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