By 121 News
Chandigarh Feb.03, 2022: -सेक्टर 71 में 7 अगस्त 2021 को युवा अकाली दल के नेता विक्की मिड्डूखेड़ा की हत्या के बाद उनका परिवार खौफ के छाए में जी रहा है। परिवार ने अब भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) को पत्र लिखकर अपने लाइसेंसी हथियारों को जमा करने से छूट देने का अनुरोध किया है।
मिड्डूखेड़ा के भाई अजयपाल सिंह मिड्डूखेड़ा ने कहा कि बार-बार अनुरोध के बावजूद पुलिस ने उन्हें सुरक्षा प्रदान नहीं की। उनके परिवार को लगातार धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने पंजाब के शीर्ष अधिकारियों को उचित सुरक्षा कवर के लिए लिखा था, लेकिन सब व्यर्थ रहा। अब उन्होंने चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि पुलिस उन्हें पंजाब में विधानसभा चुनाव के कारण हथियार जमा कराने के लिए कह रही है। उनके जीवन के लिए खतरे को देखते हुए उन्हें लाइसेंसी हथियार रखने की छूट दी जाए।
गौरतलब है कि विक्की मिड्डूखेड़ा काफी लोकप्रिय यूथ अकाली दल के नेता थे। उनके भाई अजय पाल सिंह भी यूथ अकाली नेता हैं और उनके पिता शिरोमणि अकाली दल के नेता हैं और अकाली दल की राजनीति में सक्रिय हैं।
अजयपाल सिंह मिड्डूखेड़ा ने कहा कि विक्की की हत्या के बाद उनके परिवार को खतरा है। इसी खतरे कारण वह और उनके पिता भी पार्टी के चुनाव प्रचार में भाग नहीं ले पा रहे हैं। उनका राजनीतिक करियर भी नकारात्मक रूप से प्रभावित हो रहा है क्योंकि वे सुरक्षा की कमी के कारण स्वतंत्र रूप से बाहर नहीं जा सकते हैं। कम से कम उन्हें लाइसेंसी हथियारों को अपने पास रखने की अनुमति दी जाए।
उन्होंने आगे कहा कि परिवार पुलिस और पंजाब सरकार से विक्की की हत्या करने वाले दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग कर रहा है, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। 7 महीने बीत चुके हैं, लेकिन हत्या के पीछे का मकसद भी अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका। पुलिस द्वारा अपराधियों को गिरफ्तार करने में ढीली कार्रवाई के कारण वे असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्हें इंटरनेट कॉल से भी धमकियां मिल रही हैं।
अजयपाल सिंह मिड्डूखेड़ा ने इस बात पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि चन्नी सरकार ने सीसीटीवी फुटेज और अन्य सुरागों में हत्यारों के स्पष्ट इरादे सामने के बावजूद मामले को सुलझाने के लिए कुछ नहीं किया है। उन्होंने पंजाब के गृह मंत्री और यहां तक कि डीजीपी से भी संपर्क करते हुए उन्हें परिवार की दुर्दशा के बारे में बताया था। उनके पिता और माता मुक्तसर और मोहाली के बीच यात्रा भी नहीं कर सकते हैं।
इससे पता चलता है कि सरकार में कोई भी पंजाब के नागरिक की स्वतंत्रता की रक्षा करने में रूचि नहीं रखता है। उन्हें उम्मीद है कि चुनाव आयोग सभी परिस्थितियों पर विचार करेगा और उन्हें अपने हथियार रखने की इजाजत देगा ताकि कम से कम वे अपनी रक्षा कर सकें। इस संबंध में उन्होंने डीसी मुक्तसर को भी आवेदन किया है ताकि वे पार्टी के लिए चुनाव प्रचार कर सकें।
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