Wednesday, 8 December 2021

कॉस्मिक अफेक्शन कविता संग्रह का हुआ विमोचन

By 121 News

Chandigarh Dec. 08, 2021:- 23 वर्षीय अर्शया मंधार की पहली कविता पुस्तक कॉस्मिक अफेक्शन, लेखक और पंजाब के स्टेट इंफोमेशन कमिश्रर खुशवंत सिंह द्वारा विमोचन किया गया।

पुस्तक का विमोचन करते हुए, खुशवंत सिंह ने अपने विचारों को साझा करते हुए कहा कि, मुझे युवा कवयित्री अर्शया मंधार की पहली पुस्तक, कॉस्मिक अफेक्शन का विमोचन करते हुए खुशी हो रही है। 23 की उम्र में, उन्होने जो छंद गढ़ा है वह बहुत स्वतंत्र और मुक्तिदायक है। उनकी किताब को पढऩे से मुझे युवाओं के मष्तिक में गहराई से देखने में मदद मिली है, जिससे मुझे यह एहसास हुआ है कि जिनमें मौलिक और मुक्तिदायक रचनात्मकता निहित है।

इस अवसर पर ट्राइसिटी के अन्य प्रतिष्ठित साहित्यकारों में प्रमुख कवि, लेखक, स्तंभकार और प्रेरक वक्ता रेनी सिंह और  पंजाब विश्वविद्यालय के बॉटनी डिपार्टमेंट के  पूर्व चेयरमैन तथा प्लांट वायरस पर विभिन्न पुस्तकें लिख चुके लेखक डॉ सीएल मंधार भी उपस्थित थे।

इस  अवसर पर रेनी ने कहा कि युवा कवि - अर्शया मंधार के साथ बातचीत करके बहुत अच्छा लगा। वह जिंदादिल ऊर्जा से भरी हुई है, मुझे लगता है कि कविता रचनात्मक अभिव्यक्ति का सबसे अच्छा रूप है, क्योंकि कवि के दिमाग में और बाहर बहने वाली सभी भावनाएं गीतात्मक रूप में कैद हो जाती हैं। काव्यात्मक बारीकियों के माध्यम से अश्र्या की विचारात्मक सोच सुंदर है। जिसकी मुझे खुशी है वे नई दुनियां को भांप सकती हैं।

अपने पहले उपन्यास पर प्रकाश डालते हुए, अर्शया ने साझा किया, यह मेरे प्रेम, वासना और हार की कहानी है। यह मेरी यात्रा के बारे में बात करती है जो आत्म-संदेह से शुरू हुई और आत्म-साक्षात्कार के साथ समाप्त हुई। जब तक मैं आगे बढ़ रही हूं, तब तक मैं संशोधन करने, अंतहीन प्यार करने, कड़ी मेहनत करने, गले लगाने, मौका देने और गलतियां करने में दृढ़ विश्वास रखती हूं (निराशा, बस अस्थायी है!)

कॉस्मिक अफेक्शन अपरंपरागत युवाओं से प्रेरित कविताओं का एक संग्रह है, जिसमें भय से मुक्त विचार हैं।

अर्शया खुद को आर्टिस्टिक क्योस कहना पसंद करती है और उनकी कविताएं उन्हें जीने में मदद करती है। वह अपनी भावनाओं के बारें में उतनी ही कच्ची बात करती हैं जितनी की उन्हें आती हैं और अपने पाठकों के जीवन को सच्चाई के अलावा कुछ नहीं करने की दिशा में काम करती हैं। वह कल्पना का उपयोग करती है और एक ऐसी तस्वीर को चित्रित करने का प्रयास करती है जो वास्तविकता से अधिक ईमानदार लगती है!

उनका काम मनुष्य की मूल प्रवृति से प्रेरित है क्योंकि वह लोगों के जीवन में सुविधा की धारणा के साथ संघर्ष करती है। अंत में यह सब पाठक दायरे में आता है, क्योंकि कवि सभी से आत्म-प्रेम का अभ्यास करने और जीवन के सामान के लिए हमेशा आभारी रहने का अनुरोध करता है।

अपने भविष्य के विचारों और प्रयासों के बारे में पूछे जाने पर, अर्शया ने साझा किया कि वह भविष्य में एक विज्ञापन और जनसंपर्क पेशेवर बनने की इच्छा रखती हैं, लेकिन कभी भी पूरी लगन से कविता लिखना बंद नहीं करेंगी। इसलिए उनकी दूसरी किताब के लिए इंतजार करें।

उन्होंने संक्षेप में कहा कि मैं अपनी कविताओं को कविता के रूप में लिखना जारी रखूँगी क्योंकि उन टुकड़ों को लिखने और पढऩे से मुझे अत्यधिक संतुष्टि मिलती है और यह कहना सुरक्षित है, जब मेरे दिमाम हलचल होती है तो यह मेरी नसों को शांत करता है। लेखन हमेशा से मेरे दिमाग के लिए ताजी हवा का झोंका रहा है, इसलिए मैं इसे अपने लिए थैराप्यूटिक कहती हूं। मेरा मानना है कि हर किसी के पास कहने के लिए कुछ होता है और कभी-कभी, किसी के लिए सुनना उतना महत्वपूर्ण नहीं होता, बल्कि इतना महत्वपूर्ण होता है कि आप अपने विचार व्यक्त कर सकें।

No comments:

Post a Comment