By 121 News
Chandigarh June 18, 2021:-राष्ट्र महामारी की तीसरी लहर से निपटने के लिए कमर कस रहा है, ऐसे में आयुर्वेद के प्रतिपादक गुरु मनीष ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह के मौके पर कोविड की तीसरी लहर का मुकाबला करने के लिए केंद्र से आह्वान किया है। जिसमे, योग, आयुर्वेद, नेचुरोपैथी (प्राकृतिक चिकित्सा) और चिकित्सा की अन्य वैकल्पिक प्रणालियाँ शामिल हैं।
गुरु मनीष , जो शुद्धि आयुर्वेद के संस्थापक हैं, तथा जिनका कॉर्पोरेट मुख्यालय जीरकपुर में है, ने कहा कि योग, आयुर्वेद, नेचुरोपैथी (प्राकृतिक चिकित्सा) और वैकल्पिक चिकित्सा की अन्य प्रणालियों के विवेकपूर्ण मिश्रण में कोविड को हराने की शक्ति है।
कोविड -19 की तीसरी लहर के खतरे को ध्यान में रखते हुए, गुरु मनीष ने केंद्र सरकार को एक सुझाव देते हुए तथा, इस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि,"केंद्र को 'स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल' बनाकर कोविड-19 संक्रमण के हल्के तथा मध्यम मामलों के उपचार में योग, आयुर्वेद और अन्य वैकल्पिक चिकित्सा प्रणालियों को अनुमति देनी चाहिए।
गुरु मनीष ने कहा कि हमें तुरंत ही योग, आयुर्वेद, नेचुरोपैथी (प्राकृतिक चिकित्सा) आदि के क्षेत्रों में विशेषज्ञों की एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित करने की आवश्यकता है ताकि कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए नीतियां और योजनायें बनाई जा सके। इस समिति को नीतियां बनाने और निर्णयों को एक्ज़िक्यूट करने का अधिकार होना चाहिए।
गुरु मनीष ने 'अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस' समारोह के साथ 'योग और आयुर्वेद के साथ स्वस्थ जीवन शैली' का भी स्पष्ट आह्वान किया, जो कि मनाया जाना शुरू हो चुका है और 21 जून को 'अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस' के दिन समाप्त होगा ।
महामारी के बीच योग के महत्व को दर्शाते हुए, गुरु मनीष ने कहा कि योग केवल व्यायाम के एक रूप से कंही अधिक है। यह वास्तव में विभिन्न आसनों और श्वास तकनीकों के माध्यम से समग्र जीवन की भावना को बढ़ावा देता है। यह सभी अंगों से अवांछित अवशेषों को बाहर निकालकर मानव शरीर को डिटॉक्सीफाई करता है। यह आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा के साथ मिलकर इम्युनिटी के लिए अद्भुत काम करने के साथ साथ वायरस के खिलाफ भी एक मजबूत ढाल प्रदान करता है।
गुरु मनीष ने बताया कि योग के साथ आयुर्वेद न केवल एक स्वस्थ जीवन जीने में मदद करता है बल्कि मनुष्य को भावनात्मक रूप से मजबूत बनाकर उसे आध्यात्मिक विकास भी प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में, हर कोई चिंता, तनाव और डिप्रेशन से जूझ रहा है। इसलिए, यह जरुरी है कि किसी की मानसिक स्थिति को प्रभावित करने वाली इन सभी स्थितियों को दूर करने के लिए आयुर्वेद और योग को अपने जीवन में शामिल करना आवश्यक है।
'डेल्टा प्लस' वेरिएंट पर रोशनी डालते हुए, जो विशेषज्ञों के अनुसार भारत और दुनिया भर में तीसरी लहर पैदा कर सकता है,के बारे में गुरु मनीष ने समझाया कि वायरस वही है, जो कि म्युटेशन के कारण बड़ी तीव्रता से बदला है, और जिसने इसे और अधिक संक्रामक बना दिया है जिससे कि इसकी मनुष्यों पर बड़े पैमाने पर संक्रमित करने की क्षमता बढ़ गई है। वायरस म्युटेट होता रहेगा क्योंकि इसको जीवित रहने के लिए एक मेजबान की आवश्यकता होती है, हमें कोविड के खतरे को दूर करने के लिए आयुर्वेद और योग आसनों के माध्यम से शरीर की प्राकृतिक प्रतिरोध शक्ति और इम्युनिटी को बढ़ाने की आवश्यकता है। एक बार जब किसी की प्राकृतिक इम्युनिटी क्षमता मजबूत हो जाती है, तो किसी भी प्रकार का कोई भी वायरस शरीर को नुकसान नहीं पहुंचा सकता है ।
यहां पर यह भी उल्लेख करना अनिवार्य है कि अच्छी तरह से शोध और आयुष अनुमोदित आयुर्वेदिक योगों का उपयोग करके और योग को अपनाकर, शुद्धि आयुर्वेद ने सैकड़ों कोविड -19 रोगियों का सफलतापूर्वक इलाज किया है।
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