By 121 News
Chandigarh Oct. 20, 2020:-- चंडीगढ़ नगर निगम सदन की बैठक को वर्चुअल की बजाए फिजिकल बैठक बुलाने की मांग को लेकर भाजपा के अपने ही पार्षद बागो हो गए है।जबकि नगर निगम की महापौर इस बैठक के हक़ में ही नहीं है। इससे सदन की बैठक को लेकर चंडीगढ़ भाजपा में फुट देखने को मिली है। अधिकतर पार्षदों के बैठक में हिस्सा न लेने के फैसले को देखते हुए मेयर ने बैठक को स्थगित करने की घोषणा कर दी।
जानकारी के अनुसार मंगलवार को नगर निगम की वर्चुअल सदन की बैठक में भाजपा के अधिकतर पार्षद यहाँ नदारद रहे, वहीं नगर निगम के मनोनीत पार्षद भी इस बैठक में शामिल नहीं हुए। बताया जाता है कि यह पार्षद मेयर राजबाला मलिक से फिजिकल सदन की बैठक बुलाने की मांग कर रहे थे, लेकिन महापौर इसके लिए तैयार नहीं थी। जिस कारण भाजपा के अपने पार्षदों ने ही अंदरूनी रणनीति बनाकर फिजिकल सदन की बैठक में शामिल न होने का निर्णय लिया। ऐसा करके पार्षदों ने अपनी ही मेयर के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है। इसके साथ ही अब भाजपा की राजनीति और गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है। अधिकतर पार्षदों के वर्चुअल बैठक में न जुड़ने के कारण मेयर को सदन की बैठक स्थगित करनी पड़ी। ऐसा पहली बार हुआ है, जब कोरम पूरा न होने के कारण सदन की बैठक स्थगित करनी पड़ी हो। भाजपा के पार्षद पानी के रेट रिवाइज करने का भी प्रस्ताव लाने की मांग कर रहे थे, लेकिन अधिकारियों ने फिर से यह प्रस्ताव लाने के लिए भी मना कर दिया था।
मालूम हो कि पिछले सप्ताह भाजपा कार्यालय में जब अध्यक्ष अरुण सूद ने पार्षदों के साथ मीटिंग की थी, तो उस समय भी अधिकतर पार्षदों ने कहा कि इस माह होने वाली सदन की बैठक फिजिकल होनी चाहिए। जिस पर भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने पार्षदों की पांच सदस्यीय कमेटी का गठन करके मेयर को इस संबंध में मिलने के लिए कहा था। लेकिन मेयर ने दो टूक इन सदस्यों को भी कहा कि सदन की बैठक कोरोना के कारण फिजिकल नहीं होगी। इसके बाद पार्टी के कई नेताओं ने मेयर पर सदन की बैठक फिजिकल बुलाने का दबाव बनाया, लेकिन मेयर इसके लिए तैयार नहीं हुई। ऐसे में अब भाजपा पार्षदों ने सदन की बैठक का अनौपचारिक तौर पर बहिष्कार करके मेरे को मैसेज देने का काम किया है।
No comments:
Post a Comment