Saturday, 19 September 2020

सरकार किसानों में एक साजिश के तहत फूट डालने का प्रयास कर रही है प्रयास: चौधरी रमेश दलाल

By 121 News

Chandigarh Sept. 19, 2020:- तीन अध्यादेश और उसके बाद संसद में लाए गए बिल पर किसानों के दिमाग में अनेक शंकाए उत्पन हो गई है। भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष और राष्ट्रीय किसान नेता चौधरी रमेश दलाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी से आग्रह किया है कि वे समय रहते किसानों में पनप रहे गुस्से और असंतोष को दूर करने की सार्थक पहल करे।

 राष्ट्रीय किसान नेता श्री दलाल  ने कहा कि लागत मूल्य से दुगना भाव MSP को तय करने करने का कानून, पूरे देश में MSP के आधार पर खरीद की गारंटी और MSP से नीचे फसल खरीदने वाले अधिकारी, अड़ती और व्यापारी को दंडित करने के लिए कानून बनाने कि सख्त जरूरत है। चौधरी दलाल ने मोदी जी से आग्रह किया कि हो सकता आपकी नियत किसानों को लाभ पहुंचाने की हो परन्तु जब तक किसानों कि उपरोक्त जायज मांगों को स्वीकार नहीं किया जाता तब तक किसानों में भ्रम की स्थिति बनी रहेंगी। कॉन्ट्रैक्ट खेती में जमीन मालिक की  जमीन के मालिकाना अधिकार को सुरक्षित रखने के साथ यह भी सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि व्यापारी फसल की गुणवत्ता के नाम पर निर्धारित मूल्य में कोई कटौती नहीं करेगा। विवाद के हाल को भी और अधिक आसान और किसान हित में बनाने की जरूरत है। किसानों को डर हे कि केंद्र सरकार की नई योजना किसानों को एक दिन जमीन के अधिकार से वंचित करके उन्हें अपने ही खेत में मजदूर बनाने का कार्य करेंगी।

किसान पहले ही नई बिना योजना से परेशान है लेकिन ऊपर से किसानों को विश्वाश में लिए बिना इन अध्यादेश को कॉविड 19 के समय जारी करने की कोई आपातकालीन परिस्थिति नहीं थी। मुख्य रूप से किसानों और केंद्र सरकार के बीच इसी वजह से गहरी खाई और अविश्वास उत्पन हो गया है प्रधानमंत्री से आशा है कि वे इस अविश्वास को खत्म करने की तुरन्त पहल करेंगे और किसानों के उपरोक्त हितों की रक्षा के लिए नया कानून बनाएंगे।

घायल किसानों को हरियाणा के मुख्यमंत्री को तुरन्त 10 लाख रु मुवांजे की घोषणा करनी चाहिए। लाठीचार्ज करने वाले पुलिस अधिकारियों और जवानों और सिविल दोषी अधिकारियों पर तुरन्त मुकदमा दर्ज होना चाहिए।

चौधरी रमेश दलाल ने किसानों और ताऊ देवीलाल की नीतियों पर चलने वाली JJP से मांग की कि JJP के उप मुख्यमंत्री और मंत्रियों को सरकार पर दबाव बनाने के लिए अपने इस्तीफे दे देने चाहिए शिरोमणि अकाली दल और बादल परिवार की बहू हरमसिमृत कौर ने केंद्र सरकार से इस्तीफा देकर किसानों की आवाज को बुलंद किया है। ताऊ देवीलाल के परिवार से भी किसान समाज यही आशा करता है की उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को अपना इस्तीफा दे देना चाहिए।

चौधरी रमेश दलाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी से आग्रह किया कि यदि जल्दी ही किसानों की जायज मांगो पर गहनता से बिंदुवार विचार नहीं किया गया तो देश के किसान केंद्र सरकार की किसानों पर की जा रही दमनकारी नीति के खिलाफ एक लम्बी गांधीवादी तरीके से लडाई लड़ने के लिए बाध्य होंगे। इस संदर्भ में राष्ट्रीय किसान नेता रमेश दलाल ने सरकार को याद दिलाया कि दिल्ली के चारो तरफ बैठे किसान दिल्ली में जाने वाली दूध,सब्जी, फल और पानी तक को मजबूरन रोक सकते है। देश की राजधानी के पानी की सप्लाई भी हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से की जाति है। इसलिए सरकार को किसानों में लाठीचार्ज से भय पैदा करने की बजाए किसानों कि उपरोक्त ताकत का भी अवलोकन कर लेना चाहिए।

किसान नेता चौधरी रमेश दलाल ने कहा कि किसानों द्वारा की जा रही आत्महत्या या समस्याओं को मीडिया सरकार के दबाव में कोई स्थान नहीं देता, जबकि पिछले दो तीन महीने से एक फिल्म स्टार और उसके बाद कंगना रनौत के बयान को राष्ट्रीय स्तर पर स्थान दिया गया। आज किसान देश में अपने आप को ठगा हुआ महसूस करता है। जबकि आज किसान के कर्ज माफ करने की सख्त जरूरत है क्योंकि कर्ज के दबाव में किसान आत्महत्या करने पर मजबूर बना दिया गया है।

चौधरी रमेश दलाल ने किसानों के सभी संगठनों और उनके नेताओ से भी आग्रह किया की वे एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी दे क्योंकि सरकार किसानों में एक साजिश के तहत फूट डालने का प्रयास कर रही है।किसी भी किसान संगठन को अकेले अकेले सरकार से वार्ता में शामिल नहीं होना चाहिए क्योंकि यह आंदोलन किसी एक संगठन का होकर समस्त किसान समाज का है।

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