Thursday 21 July 2016

मुनिश्री तरुण सागर जी महाराज का 28 वां दीक्षा समारोह उत्साह व श्रद्धापूर्वक मनाया

By 121 News

Chandigarh 21st July:- अपने कड़वे प्रवचनों से विख्यात क्रांतिकारी राष्ट्रसंत मुनिश्री तरुण सागर जी महाराज का 28 वां दीक्षा समारोह चंडीगढ़ स्थित दिगंबर जैन मंदिर सेक्टर 27 में बड़े ही उत्साह व श्रद्धापूर्वक मनाया गया | अष्ट द्रव्यों से गुरु जी संगीतमय भक्ति के साथ पूजन सम्पादित हुआ | मुनिश्री तरुण सागर जी महाराज को दीक्षा की प्राप्ति आचार्य पुष्पक सागर जी महाराज द्वारा राजस्थान के बासवाडा कस्बे में हुई थी | इस अवसर पर दिगंबर जैन सोसायटी एवं मुनिश्री तरुण सागर चातुर्मास समिति के सभी अनुयायी उपस्थित थे |

मुनिश्री तरुण सागर जी महाराज ने अपने कड़वे प्रवचनों द्वारा आये हुए श्रद्धालुओं को भक्ति एवं जीवन को सरल एवं सफल बनाने के प्रयास हेतु कई प्रकार केउदाहरणों का उच्चारण किया | उन्होंने कहा कि आज के युग में मानव को भाषण से नहीं बल्कि आचरण से समझाना आसान है | उन्होंने बताया कि एक शेर अपनी मांद सेबाहर आया और विचरण करने लगाउसे एक खरगोश मिला तो पूछा "जंगल का राजा कौन ?" तो खरगोश बोला जी आप | थोड़ा आगे चला तो एक भेड़िया मिला तो उससे पूछा  "जंगल का राजा कौन ?"  तो भेड़िया बोला जी आप |  थोड़ा आगे चला तो एक हाथी मिला तो उससे पूछा "जंगल का राजा कौन ?" हाथी ने शेर को सूंड में लपेटकर दूर फेंक दिया | इस पर शेर बोला नहीं पता था तो गुस्सा भी क्यों किया !अर्थात भाषण से नहीं बल्कि आचरण से समझाना आसान है |

मुनिश्री तरुण सागर जी महाराज के प्रमुख शिष्य ब्रह्मचारी सतीश ने कहा आज अंतिम शासन नायक श्री 1008तीर्थंकर वीर-अतिवीर-सन्मती-वर्धमान महावीर स्वामी भगवान के समवशरण दिव्यध्वनी अवतरण दिवस अर्थात "वीरशासन जयंतीपर शत शत वंदन नमोस्तू नमोस्तू नमोस्तू  महावीर स्वामी केवल ज्ञान पश्चात 66 दिनो तक गणधर के अभाव से महावीर प्रभू की दिव्यध्वनी अवतरीत नही हुई  सौधर्म इंद्र द्वारा  शंकाग्रस्त इंद्रभूती ब्राम्हण समवशरण में मानस्तंभ के दर्शन से ही मान कषायों से विरक्त हो कर जैनेश्वरी दिक्षीत हो जाते है। 66 दिनो बाद राजगृही के विपुलाचल पर्वत पर इंद्रभूती गौतम गणधर के माध्यम से दिव्यध्वनी प्रगट हुई  

चातुर्मास समिति के प्रधान धर्म बहादुर जैनमहामंत्री कैलाश जैन और दिगंबर जैन सोसायटी के प्रधान नवरतन जैन के अनुसार इस अवसर पर विशेषतःराजस्थान के बासवाडा कस्बे जहाँ मुनिश्री तरुण सागर जी महाराज को दीक्षा प्राप्त हुई , से आये प्रतिनिधि मंडल के अतिरिक्त भारतवर्ष गुजरातमध्य प्रदेशबिहार,उत्तर प्रदेशहिमाचल प्रदेश आदि से आये गुरु भक्तो ने हिस्सा लिया | मध्य प्रदेश के औरंगाबाद से आये जितेंदर गंगवाल जिन्हे गुरु सेवा अवार्ड से भी नवाज़ा गया हैनेमुनिश्री तरुण सागर जी की विशेष पूजा अरचना की |

 

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