By 121 News
Panchkula, Dec.19, 2024:-- पारस हेल्थ पंचकूला ने मेजर जनरल (डा.) नवीन अग्रवाल, निदेशक कार्डियोलॉजी, के नेतृत्व में 86 वर्षीय मरीज पर ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व इम्प्लांटेशन (टीएवीआई) प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। मरीज को गंभीर लेफ्ट वेंट्रिकुलर डिसफंक्शन और एडवांस्ड कैल्सिफिक एओर्टिक वाल्व स्टेनोसिस था, और बढ़ती उम्र व शारीरिक कमजोरी के कारण पारंपरिक ओपन-हार्ट सर्जरी संभव नहीं थी। ऐसे में टीएवीआई एक सुरक्षित और शीघ्र रिकवरी वाला विकल्प साबित हुआ।
यह जटिल प्रक्रिया पारस कैथ लैब में संपन्न हुई और प्रतिष्ठित हैदराबाद वाल्व सम्मेलन में लाइव प्रसारित की गई। इसे 800 से अधिक कार्डियोलॉजिस्ट और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की पैनल ने देखा। यह उत्तर भारत में पहली बार था जब टीएवीआई प्रक्रिया का लाइव प्रदर्शन किया गया।
टीएवीआई एक आधुनिक तकनीक है जिसमें क्षतिग्रस्त एओर्टिक वाल्व को पैर या छाती के माध्यम से कैथेटर द्वारा बदला जाता है, जिससे ओपन-हार्ट सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती। यह प्रक्रिया विशेष रूप से उन मरीजों के लिए फायदेमंद है, जिनके लिए पारंपरिक सर्जरी जोखिमपूर्ण है। मरीज ने शानदार रिकवरी दिखाई और केवल चार दिनों में अस्पताल से छुट्टी मिल गई।
मेजर जनरल (डा.) नवीन अग्रवाल ने कहा कि यह मामला आधुनिक कार्डियोलॉजी में हो रही प्रगति का प्रमाण है। टीएवीआई जैसी तकनीकों से हम उच्च जोखिम वाले मरीजों को बेहतर उपचार प्रदान कर सकते हैं। इस प्रक्रिया को वैश्विक दर्शकों के साथ साझा करना हमारी टीम के लिए गर्व का क्षण था।"
डा. अग्रवाल ने अब तक 100 से अधिक टीएवीआई प्रक्रियाएं सफलतापूर्वक की हैं, जिनमें से 40 पारस हेल्थ पंचकूला में की गई हैं। यह उपलब्धि उन्नत हृदय देखभाल के प्रति अस्पताल की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
यह जटिल प्रक्रिया पारस कैथ लैब में संपन्न हुई और प्रतिष्ठित हैदराबाद वाल्व सम्मेलन में लाइव प्रसारित की गई। इसे 800 से अधिक कार्डियोलॉजिस्ट और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की पैनल ने देखा। यह उत्तर भारत में पहली बार था जब टीएवीआई प्रक्रिया का लाइव प्रदर्शन किया गया।
टीएवीआई एक आधुनिक तकनीक है जिसमें क्षतिग्रस्त एओर्टिक वाल्व को पैर या छाती के माध्यम से कैथेटर द्वारा बदला जाता है, जिससे ओपन-हार्ट सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती। यह प्रक्रिया विशेष रूप से उन मरीजों के लिए फायदेमंद है, जिनके लिए पारंपरिक सर्जरी जोखिमपूर्ण है। मरीज ने शानदार रिकवरी दिखाई और केवल चार दिनों में अस्पताल से छुट्टी मिल गई।
मेजर जनरल (डा.) नवीन अग्रवाल ने कहा कि यह मामला आधुनिक कार्डियोलॉजी में हो रही प्रगति का प्रमाण है। टीएवीआई जैसी तकनीकों से हम उच्च जोखिम वाले मरीजों को बेहतर उपचार प्रदान कर सकते हैं। इस प्रक्रिया को वैश्विक दर्शकों के साथ साझा करना हमारी टीम के लिए गर्व का क्षण था।"
डा. अग्रवाल ने अब तक 100 से अधिक टीएवीआई प्रक्रियाएं सफलतापूर्वक की हैं, जिनमें से 40 पारस हेल्थ पंचकूला में की गई हैं। यह उपलब्धि उन्नत हृदय देखभाल के प्रति अस्पताल की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
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