By 121 News
Panchkula, Dec.11, 2025:-पारस हेल्थ पंचकूला ने जटिल ऑन्कोलॉजी केयर में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज की है। अस्पताल के डॉक्टरों ने लिम्ब-गर्डल मस्कुलर डिस्ट्रॉफी टाइप-2 (एलजीएमडी-2) से पीड़ित एक महिला मरीज़ पर अत्यंत दुर्लभ और हाई-रिस्क ब्रेस्ट कैंसर सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। एलजीएमडी-2 एक गंभीर मांसपेशीय रोग है, जिसमें शरीर की मांसपेशियाँ और श्वसन क्षमता लगातार कमज़ोर होती जाती है। इस स्थिति के साथ पारंपरिक कीमोथेरेपी देना मरीज़ के लिए जानलेवा साबित हो सकता था।
मरीज़ को पहले कई अस्पतालों में नियमित कीमोथेरेपी शुरू करने की सलाह दी गई थी। लेकिन पारस हेल्थ पंचकुला में विस्तृत जाँच के बाद कंसल्टेंट कैंसर सर्जन डॉ. ईशान इलाहाबादी ने पाया कि कीमोथेरेपी देने से एनेस्थेटिक व मेटाबोलिक रिस्क असाधारण रूप से बढ़ जाएंगे। इसलिए इलाज का तरीका पूरी तरह बदला गया। सीनियर एनेस्थिसियोलॉजिस्ट डॉ. अश्विनी और मल्टीडिसिप्लिनरी टीम ने मिलकर एक व्यक्तिगत (पर्सनलाइज़्ड) इलाज योजना बनाई।
टीम ने यह निष्कर्ष निकाला कि मरीज़ की जान की सुरक्षा के लिए सबसे सही विकल्प एक विशेष रूप से डिज़ाइन की गई प्राइमरी सर्जरी है। एक कस्टमाइज़्ड एनेस्थेटिक प्रोटोकॉल का उपयोग करते हुए डॉक्टरों ने ट्यूमर को सफलतापूर्वक निकाल दिया। ऑपरेशन के बाद मरीज़ की रिकवरी तेज़ और संतोषजनक रही।
क्लीनिकल निर्णय पर बात करते हुए डॉ. ईशान ने कहा कि एलजीएमडी-२ के साथ कैंसर का ऐसा संयोजन बेहद दुर्लभ होता है। हर केस में टेक्स्टबुक के अनुसार चलना सही नहीं होता। यहाँ हमारी प्राथमिकता यह थी कि इलाज से कोई अतिरिक्त खतरा न बढ़े। इसलिए पर्सनलाइज़्ड सोच और सुरक्षित विकल्प चुनना अनिवार्य था।
मरीज़ के परिवार ने भी राहत व्यक्त की। मरीज़ की बेटी ने कहा कि कई जगह हमें स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल फ़ॉलो करने को कहा गया, जबकि उससे खतरा बढ़ रहा था। यहाँ पहली बार किसी डॉक्टर ने मेरी माँ की स्थिति को समझकर सुरक्षित इलाज का रास्ता चुना। हम बेहद आभारी हैं।
पारस हेल्थ पंचकुला के फैसिलिटी डायरेक्टर डॉ. पंकज मित्तल ने कहा ने कहा कि यह केस दिखाता है कि कैंसर केयर केवल तकनीक से आगे बढ़ता है, सही क्लीनिकल जजमेंट, टीमवर्क और रिस्क आकलन ही वास्तविक अंतर पैदा करते हैं। पारस हेल्थ जटिल मरीज़ों को सुरक्षित और पर्सनलाइज़्ड उपचार प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। परेशन के बाद मरीज़ स्वस्थ हैं और तेज़ी से सामान्य जीवन की ओर बढ़ रही हैं। हाल ही में एक फॉलो-अप विज़िट में उन्होंने डॉ. ईशान को अपने हाथों से बनाया हुआ एक पोर्ट्रेट भेंट किया, जो इस उपचार यात्रा का भावनात्मक प्रतीक बन गया।
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