By 121 News
Mohali, Nov.01, 2025:- स्ट्रोक के बढ़ते मामलों को देखते हुए शैल्बी हॉस्पिटल मोहाली ने एक विशेष स्ट्रोक केयर यूनिट की शुरुआत की है, जो स्ट्रोक रोगियों के उपचार, पुनर्वास और देखभाल के लिए पूर्ण रूप से समर्पित है।
यह नई सुविधा हॉस्पिटल की उन्नत न्यूरो इमरजेंसी सेवाओं और जन-जागरूकता को सशक्त करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। न्यूरो आईसीयू में 24×7 मॉनिटरिंग, अनुभवी विशेषज्ञों और एकीकृत उपचार की व्यवस्था उपलब्ध है। उद्घाटन समारोह में मेजर जनरल विनोद कुमार भट्ट (सेवानिवृत्त) मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ लेफ्टिनेंट जनरल कुलदीप सिंह (सेवानिवृत्त), वरिष्ठ चिकित्सक और अस्पताल के अधिकारी भी मौजूद रहे।
न्यूरोलॉजी विभाग की निदेशक एवं प्रमुख डॉ. स्वाति गर्ग ने बताया कि स्ट्रोक एक मेडिकल इमरजेंसी है, जिसमें हर मिनट महत्वपूर्ण होता है। समय पर उपचार से मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ हो सकता है और लकवा (अर्धांग) जैसी गंभीर जटिलताओं से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि शरीर के एक हिस्से में अचानक कमजोरी या सुन्नपन, तुतलाना, चेहरे का टेढ़ा होना, संतुलन बिगड़ना या धुंधला दिखना, ये स्ट्रोक के प्रमुख लक्षण हैं। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत सुसज्जित अस्पताल पहुँचना अत्यंत आवश्यक है।
न्यूरोसर्जरी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. राकेश रेड्डू ने बताया कि अस्पताल में आपातकालीन विभाग से लेकर सर्जरी और पुनर्वास तक समग्र न्यूरो केयर उपलब्ध है। अत्याधुनिक तकनीक और विशेषज्ञ टीमवर्क से मरीजों को सर्वोत्तम उपचार मिल रहा है।
शैल्बी हॉस्पिटल के चीफ़ एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर ग्लैडविन संदीप नैयर ने कहा कि इस पहल के माध्यम से शैल्बी हॉस्पिटल न केवल उन्नत स्ट्रोक उपचार प्रदान कर रहा है, बल्कि लोगों को इसके शुरुआती लक्षणों और रोकथाम के प्रति भी जागरूक कर रहा है।
विश्व स्ट्रोक दिवस के अवसर पर अस्पताल के वॉलंटियर्स ने एक नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से "फ़ास्ट" विधि चेहरे का झुकना, बांह में कमजोरी, बोलने में कठिनाई और तुरंत कार्यवाही करना के जरिए स्ट्रोक के लक्षण पहचानने और समय पर उपचार के महत्व का संदेश दिया। इस नई सुविधा के साथ शैल्बी हॉस्पिटल मोहाली ने न्यूरोसाइंसेज और क्रिटिकल केयर के क्षेत्र में क्षेत्रीय अग्रणी संस्था के रूप में अपनी स्थिति को और सशक्त किया है।
यह नई सुविधा हॉस्पिटल की उन्नत न्यूरो इमरजेंसी सेवाओं और जन-जागरूकता को सशक्त करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। न्यूरो आईसीयू में 24×7 मॉनिटरिंग, अनुभवी विशेषज्ञों और एकीकृत उपचार की व्यवस्था उपलब्ध है। उद्घाटन समारोह में मेजर जनरल विनोद कुमार भट्ट (सेवानिवृत्त) मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ लेफ्टिनेंट जनरल कुलदीप सिंह (सेवानिवृत्त), वरिष्ठ चिकित्सक और अस्पताल के अधिकारी भी मौजूद रहे।
न्यूरोलॉजी विभाग की निदेशक एवं प्रमुख डॉ. स्वाति गर्ग ने बताया कि स्ट्रोक एक मेडिकल इमरजेंसी है, जिसमें हर मिनट महत्वपूर्ण होता है। समय पर उपचार से मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ हो सकता है और लकवा (अर्धांग) जैसी गंभीर जटिलताओं से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि शरीर के एक हिस्से में अचानक कमजोरी या सुन्नपन, तुतलाना, चेहरे का टेढ़ा होना, संतुलन बिगड़ना या धुंधला दिखना, ये स्ट्रोक के प्रमुख लक्षण हैं। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत सुसज्जित अस्पताल पहुँचना अत्यंत आवश्यक है।
न्यूरोसर्जरी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. राकेश रेड्डू ने बताया कि अस्पताल में आपातकालीन विभाग से लेकर सर्जरी और पुनर्वास तक समग्र न्यूरो केयर उपलब्ध है। अत्याधुनिक तकनीक और विशेषज्ञ टीमवर्क से मरीजों को सर्वोत्तम उपचार मिल रहा है।
शैल्बी हॉस्पिटल के चीफ़ एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर ग्लैडविन संदीप नैयर ने कहा कि इस पहल के माध्यम से शैल्बी हॉस्पिटल न केवल उन्नत स्ट्रोक उपचार प्रदान कर रहा है, बल्कि लोगों को इसके शुरुआती लक्षणों और रोकथाम के प्रति भी जागरूक कर रहा है।
विश्व स्ट्रोक दिवस के अवसर पर अस्पताल के वॉलंटियर्स ने एक नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से "फ़ास्ट" विधि चेहरे का झुकना, बांह में कमजोरी, बोलने में कठिनाई और तुरंत कार्यवाही करना के जरिए स्ट्रोक के लक्षण पहचानने और समय पर उपचार के महत्व का संदेश दिया। इस नई सुविधा के साथ शैल्बी हॉस्पिटल मोहाली ने न्यूरोसाइंसेज और क्रिटिकल केयर के क्षेत्र में क्षेत्रीय अग्रणी संस्था के रूप में अपनी स्थिति को और सशक्त किया है।
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