Wednesday, 5 November 2025

हाउसिंग बोर्ड की सुनवाई के दौरान 78 वर्षीय बुजुर्ग की मौत पर आम आदमी पार्टी का आक्रोश:   भाजपा पर लापरवाही और अमानवीय व्यवहार के आरोप, तुरंत सुधार और जवाबदेही की मांग

By 121 News
Chandigarh, Nov.05, 2025:-यूटी सचिवालय सेक्टर-9 में सोमवार को हुई एक दर्दनाक घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया। चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड (सीएचबी) के एक लंबे समय से लंबित मामले की सुनवाई के दौरान 78 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति की अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। जानकारी के अनुसार, यह बुजुर्ग पिछले 11 वर्षों से अपने फ्लैट में एक मामूली निर्माण उल्लंघन के मामले में न्याय की गुहार लगा रहे थे। लगातार प्रशासनिक देरी और मानसिक तनाव ने आखिरकार उनकी जान ले ली।

आम आदमी पार्टी (आप) चंडीगढ़ के अध्यक्ष विजयपाल सिंह ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे "प्रशासनिक क्रूरता और असंवेदनशीलता का दर्दनाक उदाहरण" बताया। उन्होंने तत्काल सुधार, जवाबदेही तय करने और हाउसिंग बोर्ड के कार्यप्रणाली में व्यापक बदलाव की मांग की। सिंह ने कहा कि यह घटना एक पुराने और बेदिल सिस्टम की पोल खोलती है, जिसने शहर के आम नागरिकों खासकर बुजुर्गों और मध्यम वर्गीय परिवारों  की जिंदगी को मुश्किल बना दिया है।

सिंह ने कहा कि यह मौत किसी एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की विफलता का नतीजा है। हाउसिंग बोर्ड की सुनवाई अब नागरिकों के लिए एक भयावह अनुभव बन चुकी है। उम्र और खराब सेहत के बावजूद यह बुजुर्ग वर्षों से केवल अपने घर में एक मामूली बदलाव के लिए अधिकारियों से रहम की गुहार लगा रहे थे।

उन्होंने आगे कहा कि किसी नागरिक को छोटे-छोटे निर्माण मामलों के लिए दसियों साल तक न्याय पाने के लिए भटकना नहीं चाहिए। भाजपा-शासित प्रशासन ने चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड को उत्पीड़न, लालफीताशाही और असंवेदनशीलता का प्रतीक बना दिया है। यह केवल प्रशासनिक असफलता नहीं, बल्कि शासन के नैतिक पतन का उदाहरण है, जहां दया और सहानुभूति की जगह क्रूरता ने ले ली है।

विजयपाल सिंह ने भाजपा पर "चंडीगढ़ की जनता को गुमराह करने" का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हर चुनाव से पहले भाजपा नेता "नीड-बेस्ड बदलाव" (जरूरत आधारित निर्माण संशोधन) को नियमित करने के वादे करते हैं, लेकिन पर्दे के पीछे वही प्रशासन मध्यम वर्गीय और बुजुर्ग नागरिकों को छोटे-छोटे कानूनी झमेलों में फंसा देता है।

सिंह ने यह भी कहा कि बालकनी, सुरक्षा ग्रिल या स्टोरेज स्पेस जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए नागरिकों को दंडित करना बेहद अन्यायपूर्ण है। ये उल्लंघन नहीं, बल्कि जीवन की मूलभूत आवश्यकताएँ हैं।

आम आदमी पार्टी ने मांग की कि यूटी प्रशासन और केंद्र सरकार तुरंत हस्तक्षेप करे और सभी लंबित मामलों  विशेषकर बुजुर्गों से जुड़े मामलों  की समीक्षा मानवीय नीति के तहत की जाए। साथ ही, हाउसिंग बोर्ड में एक स्वतंत्र शिकायत निवारण सेल (Grievance Redressal Cell) बनाया जाए ताकि शिकायतों का तुरंत, पारदर्शी और संवेदनशील समाधान हो सके।

सिंह ने कहा कि यह दर्दनाक घटना प्रशासन के लिए एक चेतावनी साबित होनी चाहिए। चंडीगढ़ के नागरिक अपराधी नहीं हैं, बल्कि एक असंवेदनशील और पुराने तंत्र के पीड़ित हैं। आम आदमी पार्टी सड़कों से लेकर प्रशासनिक दफ्तरों तक अपनी आवाज उठाती रहेगी, जब तक इस शहर में न्याय, संवेदना और सुशासन की वापसी नहीं होती।

विजयपाल सिंह ने यह भी बताया कि पार्टी जल्द ही प्रशासक को एक विस्तृत ज्ञापन (मेमोरंडम) सौंपेगी, जिसमें जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई और हाउसिंग बोर्ड की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए समयबद्ध योजना की मांग की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी दर्दनाक घटनाएँ दोबारा न हों।

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