By 121 News
Chandigarh, Oct.17, 2025:-इस दिवाली, नेक्सस एलांटे मॉल अपने सभी आने वाले लोगों को एक ऐसी जगह आने का न्योता देता है जहाँ पौराणिक कहानियाँ, भक्ति और त्योहार की खुशियाँ एक साथ मिलती हैं। "डिवाइन वाहनास ऑफ लाइट" (दिव्य वाहनों की रौशनी) थीम के तहत मॉल को खूबसूरत झांकियों से सजाया गया है, जो भारत की आध्यात्मिक परंपरा को दर्शाती हैं और परिवारों व खरीदारों को एक खास त्योहार जैसा अनुभव देती हैं।
इस विशेष सजावट में देवताओं के दिव्य वाहनों को बेहद आकर्षक और भावनात्मक तरीके से प्रस्तुत किया गया है। हर वाहन न केवल किसी देवी-देवता से जुड़ा है, बल्कि वह किसी विशेष आध्यात्मिक गुण और सांस्कृतिक मूल्य का भी प्रतीक है। उदाहरणस्वरूप, पुष्पक विमान, जो भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण का दिव्य रथ है, घर वापसी और अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक माना जाता है। तोता, जो देवी मीनाक्षी का पवित्र साथी है, प्रेम, ज्ञान और करुणा को दर्शाता है। उल्लू, देवी लक्ष्मी का स्वर्ण-पंखों वाला वाहन, समृद्धि और सुरक्षा का प्रतीक है। नंदी, भगवान शिव का शांत और स्थिर बैल, आस्था, धैर्य और शक्ति का प्रतीक है। वहीं, मूषक (चूहा), जो भगवान गणेश का बुद्धिमान और विनम्र वाहन है, यह सिखाता है कि बुद्धि और साहस से हर चुनौती का सामना किया जा सकता है।
सजावट का मुख्य आकर्षण मॉल के प्रांगण में लगी एक भव्य झांकी है, जो भगवान राम की रावण पर विजय को दर्शाती है, जिसमें भगवान हनुमान का सहयोग भी दिखाया गया है। यह झांकी दिव्य रोशनी से जगमगा रही है और बेहद बारीकी से तैयार की गई है। यह दृश्य दिवाली के असली अर्थ को दर्शाता है — धर्म की जीत, घर वापसी और दिलों के उजाले का उत्सव।
हर एक झांकी को चमकदार रंगों, सुंदर कारीगरी और भावपूर्ण कहानी के जरिए जीवंत रूप दिया गया है, जिससे दर्शक भारत की उन सनातन पौराणिक कथाओं को फिर से महसूस कर सकें, जो हमारी सांस्कृतिक आत्मा की आधारशिला हैं। मॉल में घूमते हुए लोग दिवाली की खुशियों से भरे माहौल का आनंद लेते हुए अपनी त्योहार की यादों को तस्वीरों में कैद कर सकते हैं।
नेक्सस एलांटे मॉल में आइए और दिवाली के इस जादुई अनुभव का हिस्सा बनिए, जहाँ हर कोना दिव्यता का आशीर्वाद बिखेरता है और भारत की सांस्कृतिक विरासत के उत्सव को जीवंत करता है।
इस विशेष सजावट में देवताओं के दिव्य वाहनों को बेहद आकर्षक और भावनात्मक तरीके से प्रस्तुत किया गया है। हर वाहन न केवल किसी देवी-देवता से जुड़ा है, बल्कि वह किसी विशेष आध्यात्मिक गुण और सांस्कृतिक मूल्य का भी प्रतीक है। उदाहरणस्वरूप, पुष्पक विमान, जो भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण का दिव्य रथ है, घर वापसी और अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक माना जाता है। तोता, जो देवी मीनाक्षी का पवित्र साथी है, प्रेम, ज्ञान और करुणा को दर्शाता है। उल्लू, देवी लक्ष्मी का स्वर्ण-पंखों वाला वाहन, समृद्धि और सुरक्षा का प्रतीक है। नंदी, भगवान शिव का शांत और स्थिर बैल, आस्था, धैर्य और शक्ति का प्रतीक है। वहीं, मूषक (चूहा), जो भगवान गणेश का बुद्धिमान और विनम्र वाहन है, यह सिखाता है कि बुद्धि और साहस से हर चुनौती का सामना किया जा सकता है।
सजावट का मुख्य आकर्षण मॉल के प्रांगण में लगी एक भव्य झांकी है, जो भगवान राम की रावण पर विजय को दर्शाती है, जिसमें भगवान हनुमान का सहयोग भी दिखाया गया है। यह झांकी दिव्य रोशनी से जगमगा रही है और बेहद बारीकी से तैयार की गई है। यह दृश्य दिवाली के असली अर्थ को दर्शाता है — धर्म की जीत, घर वापसी और दिलों के उजाले का उत्सव।
हर एक झांकी को चमकदार रंगों, सुंदर कारीगरी और भावपूर्ण कहानी के जरिए जीवंत रूप दिया गया है, जिससे दर्शक भारत की उन सनातन पौराणिक कथाओं को फिर से महसूस कर सकें, जो हमारी सांस्कृतिक आत्मा की आधारशिला हैं। मॉल में घूमते हुए लोग दिवाली की खुशियों से भरे माहौल का आनंद लेते हुए अपनी त्योहार की यादों को तस्वीरों में कैद कर सकते हैं।
नेक्सस एलांटे मॉल में आइए और दिवाली के इस जादुई अनुभव का हिस्सा बनिए, जहाँ हर कोना दिव्यता का आशीर्वाद बिखेरता है और भारत की सांस्कृतिक विरासत के उत्सव को जीवंत करता है।
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