By 121 News
Chandigarh, Oct.08, 2023:-
विश्व जागृति मिशन, पंचकुला चंडीगढ़ मोहाली मंडल के तत्वाधान में पितरों के निमित्त श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन सेक्टर 32 डी के सनातन धर्म सभा के सत्संग भवन में चल रहा है, जो 13 अक्टूबर तक चलेगा।कथा का समय 3 से 6 बजे तक रहेगा
इसके द्वितीय दिवस की कथा में आचार्य कुलदीप ने बताया कि शरणागति ही सबसे बड़ी भक्ति है। उन्होंने कहा "उत्तरा चरित्र के माध्यम से श्रीमद् भागवत में कहा गया है कि मनुष्य की एक प्रवृत्ति होती है, जब सभी रास्ते बंद हो जाते हैं, तब वह भगवान की शरण में आता है। तभी तो कहा जाता है हारे का हरिनाम। उन्होंने बताया कि जब द्रोपदी सबसे निराश हो गई थी, तब उसने कृष्ण को पुकारा था। इतिहास गवाह है उस समय कृष्णा आए और द्रोपदी की रक्षा की।
उन्होंने भगतों को श्रीमद भागवत गीता की पंक्तियां
जहां भक्त मेरे पग धरे वहां धरू में हाथ।_
पाछे-पाछे हरि रहे कभी न छोड़ें साथ।
का अर्थ समझाया।
भगवान से दो गंगा निकली है, एक मुख से, एक चरण से। उन्होंने बताया कि एक चरण गंगा, दूसरी चरित्र गंगा यानी कथा गंगा। कथा गंगा तन मन को निर्मल करती हैं। इसके अलावा अज्ञानता और बंधन का निवारण भी मुख गंगा (कथा गंगा) करती है।
उन्होंने कहा कि भगवान राम और शिव तत्व एक ही है। जो राम की पूजा करते हैं और शिव से द्वेष करते हैं या शिव की पूजा करते हैं और राम से द्वेष करते हैं, ऐसे जीव को न कभी राम मिलते हैं और ना ही शिव मिलते हैं। इसके बारे में श्रीमद् भागवत में और क्या कहा है, इस पर कल 9 अक्टूबर को विवेचना करेंगे।
इस मौके विश्व जागृति मिशन के अध्यक्ष सौरभ गुप्ता ने कहा कि भक्तों को इस ज्ञान कथा में आकर अपने जीवन को सफल बनाना चाहिए।
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