By 121 News
Chandigarh, Oct.02, 2023:-दिगम्बर जैन मन्दिर सेक्टर 27B में चातुर्मास कर रहे परम पूज्य आचार्य श्री 108 सुबलसागर जी महाराज ने कहा कि हमारे श्रद्धा, भक्ति के भाव से चमत्कार घटित होते है। भगवान प्रभु के प्रति जितनी हमारी प्रगाढ भक्ति होगी वह भक्ति ही हमे संसार के दुखों से दूर करने में सहायक होती है। भगवान हमें कुछ नहीं देते है बस जो श्रद्धा है विश्वास है भरोसा है यह ही मात्र हमारी भक्ति में शक्ति पैदा करती है इस प्रकार भक्ति से सहित होकर जो नमस्कार किया जाता, यह नमस्कार ही चमत्कार को घटित करता है ।
भक्त भगवान से कहते है भक्ति से भरकर कि हे प्रभु मेरी तो तासे बनी, ताते करत पुकार। हे प्रभु इस संसार के बीच में हमारा कोई नहीं है, एक मात्र आप ही है मेरे अपने सारे कष्टों को सुखों को हरण करने वाले इसलिए में आपके चरणों की शरण में आया हूँ मेरी पुकार को सुनें ।
प्रभु के प्रति जो समर्पण भाव है वह भी सभी का नहीं होता है। इसके लिए भी पुण्य की आवश्यकता होती है, पुण्य होने पर ही हम प्रभु के दरबार में पहुंच पाते है। आज देखने में आता है कि सभी लोग इस संसार में दुखी हैं लेकिन इन सभी लोगों में से कुछ ही प्रतिशत लोग प्रभु की शरण को प्राप्त होते है, क्यों कि उन्हें ज्ञान ही नहीं है उन्हें पता भी नहीं है कि दुःखों को दूर करने का रास्ता, सुख शांति, समृद्धि का रास्ता क्या है। अज्ञानता के कारण ही संसार चक्र चल रहा है।
गुरुदेव ने कहा कि - प्रभु के दर्शन पुण्यशाली व्यक्ति ही कर सकता है। और प्रभु के दर्शन करने से जो अपने स्वरूप का ज्ञान होता है यह ज्ञान ही सुख-शांति को देने वाला है पुण्यशाली व्यक्ति कभी भी दुखी नहीं होता है उसे सभी प्रकार की भोगोपभोग की सामग्री प्राप्त होती है।
आज सभा का मंगलाचरण भोपाल [अमलाहा] से आए बाल ब्र. श्रीपाल भैया जी ने किया।
यह जानकारी संघस्थ बाल ब्र. गुंजा दीदी एवं धर्म बहादुर जैन ने दी।
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