हम तेजी से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं। इस दौर में स्कूलों में ऐसा इकोसिस्टम बनाना होगा जिसमें अभूतपूर्व भावी बदलावों की चुनौतियों से जूझने की शक्ति, नवाचार करने की प्रेरणा, सस्टेनेबलिटी की प्रवृत्ति और छात्रों को तदनुसार तैयार करने की सभी सुविधाएं हों। महामारी की वजह से संस्थानों में तेजी से अभूतपूर्व परिवर्तन हुए हैं। सरकार, उद्योग जगत और समाज सहित अन्य सभी भागीदारों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे व्यवस्थाजन्य बदलाव की दिशा में काम करें और एक मजबूत, लचीला, सर्वोपरि छात्र हित और भविष्य के मद्देनजर स्कूली शिक्षा व्यवस्था का निर्माण करें। फिक्की अराइज इस सम्मेलन के माध्यम से ऐसे समाधान सामने लाना चाहता है जिनके माध्यम से के-12 सेक्टर सरकार के साथ मिलकर काम करते हुए ठोस बदलाव लाए और सुदूर भविष्य के मद्देनजर अध्यापन और अध्ययन की सही मनोदशा विकसित करे जो हमारे देश की प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए जरूरी है। इस सम्मेलन में 500 से अधिक प्रतिभागी होंगे जो भारत के विभिन्न राज्यों और केंद्र सरकार के अधिकारी, नियामकों के प्रतिनिधि, विशिष्ट शिक्षकं, थिंक टैंक, कंसल्टिंग फर्म और अन्य संस्थान के प्रतिनिधि होंगे। फिक्की अराइज ने सम्मेलन के उपलक्ष्य में स्कूल इम्प्रूवमेंट फ्रेमवर्क तथा स्कूल सुरक्षा और बाल संरक्षण पर विशेष मास्टर क्लास का भी आयोजन किया है। इस अवसर पर विश्वस्तरीय गणमान्य वक्ता भी शामिल होंगे जो अपने-अपने क्षेत्र के प्रतिष्ठित विशेषज्ञ होने के नाते आपको सम्मेलन की थीम से आगे बढ़ कर भी जानकारी, नया दृष्टिकोण और नवाचार के लिए नया उत्साह से भर देंगे। इसके अतिरिक्त इस बार का आयोजन दिल्ली/एनसीआर के सर्वोपरि स्कूलों को विजिट करने और सफल शैक्षणिक साधनों, कार्य प्रणालियों और अभिनव शिक्षण स्थानों का प्रत्यक्ष अनुभव लेने का रोमांचक अवसर होगा।
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