By 121 News
Chandigarh Mar.29 2022:-केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय हुनर हाट के ज़रिए देश भर के दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों और कलाकारों की कला को मौका और मार्किट उपलब्ध करा के उनकी कला को एक नई पहचान देने की कोशिश लगातार करता रहता है। चंडीगढ़ के सेक्टर 17 में चल रहे हुनर हाट में भी वही तस्वीर दिखाई देती हैं। पुरुषों के अलावा महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए हुनर हाट अपनी असरदार भूमिका निभा रहा है। यहाँ देश के कोने-कोने से आईं ऐसी तमाम महिला आर्टिजन हैं जिनको पहली बार हुनर हाट में अपनी कला दिखाने का मौका मिला है जिससे उत्साहित होकर वो भविष्य की बेहतर संभावनाओं का सपना संजो रही हैं।
हुनर हाट में स्टॉल नंबर 15 उत्तराखंड के अल्मोड़ा से आईं 21 साल की एकता आर्य का है। एकता बैचलर ऑफ फाइन आर्ट की स्टूडेंट हैं। इन्होंने ऐपण कला की बारीकी अपनी नानी से सीखी है। ऐपण उत्तराखंड की लोक चित्र कला है। शुभ कार्य के समय बनने वाली लक्ष्मी चौकी, सरस्वती चौकी, नामकरण चौकी, आचार्य चौकी, दुलियर्ग, अष्ट दल कमल, आसन चौकी बनाने में माहिर एकता ऐपण बनाकर उनके स्टीकर बना कर, जूट बैग पर प्रिंट करवा कर बेचती हैं। पहली बार हुनर हाट में शामिल होने वाली एकता चंडीगढ़ के लोगों से मिल रहे रिस्पॉन्स से खुश हैं और हुनर हाट में मौका देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताती हैं।
एकता की ही तरह गोरखपुर की नंदिनी की कहानी है। हुनर हाट के स्टॉल नंबर 18 पर नंदिनी मिट्टी से बने डिजायनर सामान बेचती हैं। तेराकोटा कला के तहत झाड़ी, बग्घी, कछुआ, झोपड़ी, हाथी टेबल, हिरण के आकार की कलाकृति वाले तरह-तरह के आकर्षक सामान उनकी कला की कहानी बयान करता है। ये सामान सजावट के अलावा छोटा सामान रखने और पौधे लगाने के लिए इस्तेमाल होता है। नंदिनी चंडीगढ़ के हुनर हाट में अपने पति और छोटे बेटे के साथ आईं हैं। पति के साथ मिलकर वो पिछले 12 साल से ये काम कर रही हैं। चार बेटियों और एक बेटे की माँ नंदिनी बताती हैं कि हुनर हाट में आकर उनको आगे बढ़ने हौसला मिला है। अच्छी बिक्री से खुश नंदिनी को अब भरोसा है कि हुनर हाट से होने वाली कमाई से वो अपने सभी पाँचों बच्चों का पालन-पोषण और उनकी पढ़ाई को ठीक से कर पाएंगी।
इसी तरह स्टॉल नंबर 121 हैदराबाद से आईं पूनम शशि वाघेला का है। मूलतः गुजरात की रहने वाली पूनम भी पहली बार हुनर हाट का हिस्सा बनी हैं। वाल हैंगिंग, जूट बैग, बंजारा वर्क घाघरा चोली, कोकोनट हैंडमेड बंदर और गणेश जी के आकार की कलाकृति बनाने का काम करती हैं। नंदिनी का कहना है कि हुनर हाट में मौका मिलने से उनको आगे बढ़ने का अवसर मिला है। अच्छी बिक्री से होने वाली कमाई से परिवार का भरण-पोषण करने में मदद मिलेगी।
ये तो सिर्फ बानगी है। हुनर हाट में ऐसी कई कहानियां मौजूद हैं जो दूसरों के दिल-दिमाग पर सकारात्मक प्रभाव डालने और सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने की हिम्मत देती हैं।
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