By 121 News
Chandigarh Feb.01, 2022:- हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने केंद्रीय बजट को देशवासियों की उम्मीदों को कुचलने वाला बताया है। बजट में हरियाणा की उपेक्षा पर भी कुमारी सैलजा ने निराशा जताई है। कुमारी सैलजा ने कहा कि आज बेरोजगारी चरम पर है, महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है और अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। सरकार की विफल नीतियों और कोरोना काल में उपजे हालातों के बीच लोगों को उम्मीद थी कि इस बजट के जरिए उन्हें बड़ी राहत मिलेगी। मगर आज इस बजट से देशवासियों को घोर निराशा हाथ लगी है और इस बजट ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। यह पूरी तरह से जन विरोधी बजट है।
यहां जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि समय-समय पर भाजपा सरकार यह साबित करती रहती है कि उनकी नीतियां आम जनता, गरीब, किसान, युवा, छोटे उद्योगों के लिए नहीं हैं। केंद्रीय बजट प्रस्तुत होते ही सबसे पहला प्रहार नौकरी-पेशा और मध्यम वर्ग पर हुआ है। पूरा देश जब सरकार से आयकर में कटौती की उम्मीद लगा रहा था तब सरकार ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
केंद्रीय बजट में हरियाणा प्रदेश की अनदेखी पर दुःख व्यक्त करते हुए कुमारी सैलजा ने कहा कि इस बजट से हरियाणा प्रदेश की जनता की उम्मीदों पर भी पानी फिर गया है। इसके लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार भी जिम्मेदार है। बजट में हरियाणा प्रदेश की घोर उपेक्षा की गई है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने की बातें इस सरकार द्वारा कई वर्षों से की जा रही हैं, लेकिन किसानों के हालात बदतर होते जा रहे है। बजट पूरी तरह से किसान विरोधी बजट है। देश के गरीब वर्ग को भी इस बजट से कुछ नहीं मिला है और इस बजट में गरीबों की सीधे तौर पर अनदेखी की गई है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि यह बजट किसी भी मायने में आम जनता के भले के लिए नहीं है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए प्रस्तुत बजट में सब्सिडी में कटौती करके भी गरीबों पर प्रहार किया गया है। वित्त वर्ष 2021-22 में फूड सब्सिडी 2.86 लाख करोड़ रुपये थी जो वित्त वर्ष 2022-23 में घटा कर 2.06 लाख करोड़ कर दी गई है। किसानों को खाद पर मिलने वाली सब्सिडी 1.40 लाख करोड़ रुपये से घटा कर 1.05 लाख करोड़ रुपये किया गया है तो वही मनरेगा का बजट 98,000 करोड़ रुपये से कम करके 73,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। केंद्र सरकार के बजट में किसानों के लिए कोई घोषणा नहीं की गई है। इससे पहले किसानों को बजट में कुछ मिले या न मिले, उनके लिए अच्छी बातें तो होती थी, इस बार के बजट में कोई घोषणा भी नहीं की गई।
सरकार ने किसानों की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य का बजट भी कम कर दिया है। पिछले वर्ष न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद का बजट 2.48 लाख करोड़ रूपये था, जिसमें पूरे 11000 करोड़ की कटौती करके उसे इस वर्ष 2.37 लाख करोड़ रखा गया है। इसके अलावा महामारी के दौर में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी इस बजट में कुछ ख़ास नहीं है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि इस सरकार ने 2 करोड़ युवाओं को नौकरियां देने का वादा किया, लेकिन उसे जुमला बना दिया। अब इस सरकार ने बजट में 60 लाख नौकरियां देने का नया शिगूफा छोड़ा है। यह सरकार रोजगार देने का वादा यह सरकार शुरू से कर रही है लेकिन असल में युवाओं के हाथ बेबसी और लाचारी के सिवा कुछ नहीं आया है।
उन्होंने कहा कि क्या बड़े-बड़े दावे और वादे करने वाली भाजपा सरकार के पास आम जनता के लिए कुछ नहीं है? यह देश अभी महामारी से हुए भारी नुकसान से उभरा नहीं है। ऐसे में सरकार को जनता के भले के लिए कदम उठाने चाहिए थे लेकिन किसानों, गरीबों, मजदूरों, युवाओं को इस सरकार से सिर्फ विश्वासघात ही मिला है।
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