Saturday, 25 December 2021

हिम्स डेराबस्सी में मिलेट फूड फेस्टिवल व कुकरी वर्कशॉप संपन्न

By 121 News
Chandigarh Dec.25, 2021:-खेती विरासत मिशन तथा नेचुरल मिलेट प्रमोटर्स एसोसिएशन (एनएएमपीए) के संयुक्त तत्वाधान में हॉस्पिटल एंड इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटेड मेडिकल साइंसेज (हिम्स) डेराबस्सी में मिलेट्स फूड फेस्टिवल और कुकरी वर्कशॉप का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मास्टर शेफ मेघना शुक्ला ने बाजरा एवं अन्य मोटे अनाजों से व्यंजन बनाने की विधियों का प्रदर्शन किया।
शुद्धि आयुर्वेद के संस्थापक एवं प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ, गुरु मनीष ने कहा कि कुकरी वर्कशॉप में मोटे अनाजों से व्यंजन बनाना सीखने के अलावा, मिलेट उत्सव में विभिन्न विशेषज्ञों ने अपने विचार भी रखे। ऑर्गेनिक बाजरा व अन्य मोटे अनाज बिक्री के लिए उपलब्ध कराये गये थे और लोगों ने मिलेट्स से बने व्यंजनों का स्वाद भी चखा। कुल मिलाकर यह उत्सव चमत्कारी मोटे अनाजों को फिर से जानने समझने का एक अवसर था। 
हिम्स परिसर डेराबस्सी में जुगराज ढाबा के पीछे चंडीगढ़-दिल्ली राजमार्ग पर स्थित है और प्रतिष्ठित एनएबीएच मान्यता प्राप्त करने वाला पहला एकीकृत चिकित्सा विज्ञान अस्पताल है। इस अस्पताल की विशेषता भारत के सदियों से जांचे-परखे आयुर्वेद और पंचकर्म उपचारों में निहित है।
कार्यशाला में मोटे अनाज के बारे में सामान्य जानकारी के अलावा उनसे बने मुख्य भोजन और व्यंजनों के बारे में भी विस्तार से बताया गया। इंदौर से आयीं शेफ मेघना ने कहा कि बाजरा या मिलेट चमत्कारिक अनाज हैं क्योंकि ये पौष्टिक मूल्य से भरपूर होते हैं। कार्यशाला में लोगों ने न केवल इनसे बने व्यंजनों के बारे में जाना, बल्कि इन्हें आहार में शामिल करने के लाभों के बारे में भी जागरूक हुए।
शेफ मेघना ने अपने बेसिक सेशन में कुछ रेसिपी बनाना सिखायीं, जिसमें भारतीय भोजन में शामिल कुछ चीजें तैयार करने की विधियां शामिल थीं। बाद के सत्र का विषय था मल्टी कुजीन स्नैक तैयार करना। प्रतिभागियों ने स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ उठाया।
गुरु मनीष ने कहा कि बाजरा जैसे मोटे अनाज न केवल स्वस्थ रहने के लिए बल्कि कई बीमारियों से बचने के लिए भी गेहूं और चावल से ज्यादा लाभकारी होते हैं। इनमें कंगनी, हरी कंगनी, सावां, कोडो, कुटकी, बाजरा, रागी, चना, ज्वार और मक्का जैसे अनाज शामिल होते हैं। मिलेट्स या मोटे अनाज शरीर को स्वस्थ और रोग मुक्त रखने में सक्षम हैं, क्योंकि ये कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, प्रोटीन एवं खनिज आदि से भरपूर होते हैं। आजकल जिस तरह का गेहूं खाया जा रहा है, वह जेनेटिकली मॉडिफाइड है।

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