Thursday, 16 December 2021

कांग्रेस ने भाजपा के नेतृत्व वाले नगर निगम में भ्रष्ट गतिविधियों की सीबीआई जांच की मांग की

By 121 News

Chandigarh Dec.16, 2021:- भाजपा के नेतृत्त्व में चण्डीगढ़ नगर निगम गत छः वर्षों के दौरान भ्रष्टाचार का गढ़ बन चुका है और इसी कारणवश चण्डीगढ़ नगर जो 2014 में नं. 1 था अब वर्ष 2021 में नीचे गिर कर 66वें पायदान पर पहुंच चुका है। यह बात आज चण्डीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष सुभाष चावला ने सैक्टर 35 स्थित कांग्रेस भवन में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कही। उन्होंने भाजपा के नेतृत्त्व वाले नगर निगम में भ्रष्ट गतिविधियों की सीबीआई द्वारा जांच की मांग भी की।

चावला ने कहा कि नगर में कोई एक भी ऐसा क्षेत्र नहीं बचा है, जो नगर निगम के अधिकारियों की कथित मिलीभुगत से भाजपा कौंसलरों के भ्रष्टाचार का शिकार हुआ हो। उन्होंने यह भी कहा कि यूटी चण्डीगढ़ का बिजली विभाग मुनाफ़े में चल रहा है तथा उससे यूटी प्रशासन को सैंकड़ों करोड़ रुपए की आय है। परन्तु अब भाजपा इस विभाग का निजीकरण कर देना चाह रही है।

चावला ने यह भी कहा कि इसी प्रकार बड़ी संख्या में सफ़ाई कर्मचारियों की छांटी केवल इस लिए कर दी गई, ताकि वह सफ़ाई का ठेका एक बड़ी कंपनी को महंगी दरों पर दिया जा सके। इस कॉन्ट्रैक्ट में मशीन द्वारा सफ़ाई एवं नगर की सड़कों की धुलाई शत-प्रतिशत आयातित मशीनरी से करना शामिल है।

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि इस कंपनी में से कुछ उन लोगों ने बड़ी राशि हड़प ली है, जो इस की निगरानी कर रहे थे। इस सबसे काम में विघ्न तो पड़ना ही था। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि चंडीगढ़ में  वेंडर  का एक साधारण सर्वेक्षण करने के लिए, उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना निगम द्वारा एक आरएसएस कार्यकर्ता को 84 लाख का भुगतान किया गया था।

हिमाचल प्रदेश के सुजानपुर विधान सभा क्षेत्र से विधायक राजिंदर राणा ने कहा कि निगम द्वारा लगाए गए कोविड सैस का दुरुपयोग किया गया है। भाजपा के नेतृत्व वाले निगम द्वारा अधिकांश कोविड पीड़ितों को कुछ भी भुगतान नहीं किया गया है। इसी तरह, अधिकारियों और पार्षदों द्वारा गायों को भूखा छोड़कर शहर की सड़कों पर लावारिस छोड़ने की खबरें भी चलती रही हैं।

राजीव शर्मा, पार्टी प्रवक्ता ने यह आरोप भी लगाया कि जिस हिसाब से भाजपा के नेतृत्त्व वाले नगर निगम में भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है, उसी प्रकार डड्डूमाजरा में कचरा डंपिंग साइट पर कूड़े के ढेर की उंचाई में भी वृद्धि हो रही है।  नगर निगम में भाजपा पार्षद और नगर निगम के अधिकारी डंपिंग साइट को संभालने वाली कंपनी के कामकाज भ्रष्टाचार की जांच करने में विफल रहे और कंपनी के कुशल कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए कंपनी के साथ समझौते में विभिन्न दंडात्मक धाराओं को लागू करने में भी विफल रहे।

भ्रष्टाचार की एक अन्य बड़ी उदाहरण यह है कि निगम द्वारा उपभोक्ताओं को जो पानी के बिल भेजे गए हैं, वे सभी स्रोतों से पानी की प्राप्त की गई मात्रा से 23 प्रतिशत कम है। "भाजपा के नेतृत्व वाले निगम ने चंडीगढ़ के लोगों की कठिनाइयों को बढ़ाते हुए कई भारी कर लगाए हैं। हालांकि निगम का कर राजस्व कई गुना बढ़ गया है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है, लेकिन राजस्व में बढ़ोतरी का कोई असर कहीं दिखाई नहीं दे रहा। 

नेताओं ने आगे कहा कि इन दिनों  लगभग हर दिन नगर निगम चुनावों में अपनी पार्टी के लिए वोट मांगने के लिए भाजपा के केंद्रीय मंत्री शहर में रहे हैं।  लेकिन उन्होंने पिछले छह वर्षों में निगम के वित्तीय स्वास्थ्य को मज़बूत करने के लिए कुछ नहीं किया।

निगम वास्तव में केंद्र द्वारा करों के रूप में प्राप्त राजस्व के 30 प्रतिशत के अपने हिस्से का हकदार है, लेकिन शहर को लगातार उसके देय हिस्से से वंचित किया जा रहा है। यह शहर अमित शाह के अधीन केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा प्रशासित है, फिर भी कांग्रेस के समय में 2014-15 में प्राप्त 617.82 करोड़ रुपये का अनुदान छः वर्षों में कम हो गया और वर्ष 2019-20 में घट कर 580 करोड़ रुपये रह गया। कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने पिछले छह वर्षों में निगम के इस तरह के चूक और कमीशन के कृत्यों की सीबाई जांच की मांग करते हुए यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी आगामी चुनावों के बाद इस तरह के घोटालों की उच्च स्तरीय जांच की सिफारिश करेगी।

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