Thursday, 25 November 2021

नई स्टडी में बादाम खाने से ब्लड शुगर और रोजाना की कैलोरी की मात्रा में होने वाले फायदों को परखा गया

By 121 News

Chandigarh, Nov.25, 2021:- जब सुबह के आलस को भगाने के लिये आप स्नैनिंग के विकल्प चुनते हैं उससे आपकी सुबह बन सकती है या बिगड़ सकती है और यह आपके दिनभर के खाने के तरीके को प्रभावित कर सकता है। आमंड बोर्ड ऑफ कैलिफोर्निया द्वारा कराये गये एक नये अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि सुबह के समय नाश्ते में बादाम खाने से (आम उच्च- कार्बोहाइड्रेट विकल्पों की तुलना में) ब्लड शुगर का स्तर अधिक स्थिर बनाये रखने में मदद मिलती है और पूरे दिनभर में आप जितनी कैलोरी लेते हैं उसमें कटौती हो जाती है।

18-65 वर्ष की आयु वर्ग वाले 100 न्यूजीलैंड वयस्कों के इस अध्ययन में, प्रतिभागियों ने या तो कम से कम 42.5 ग्राम (1.5 औंस) बिना भुना हुआ बादाम खाया या कैलोरी से भरपूर मीठा बिस्किट स्नैक (एक सर्वे के अनुसार सबसे लोकप्रिय आम नाश्ता) खाया। दोनों स्नैक्स में कुल कैलोरी सेवन का 10% हिस्सा था, इसलिये कुछ मामलों में, स्नैक की अधिक मात्रा खाई गई।

इस अध्ययन का डिजाइन रैंडम रूप से क्रॉसओवर था, जिसका अर्थ है कि प्रत्येक प्रतिभागी ने बादाम स्नैक खाकर अध्ययन पूरा किया और फिर प्रत्येक तरीके के बीच वॉशआउट अवधि के साथ एक अलग दिन या इसके विपरीत बिस्किट स्नैक खाने के अध्ययन को दोहराया। परीक्षण के दिन, प्रतिभागियों ने एक मानकीकृत नाश्ता खाया। दो घंटे बाद, उन्होंने अपना नियत नाश्ता खाया। ब्लड शुगर और भूख की रेटिंग को बेसलाइन पर और खाने के बाद 15 या 30 मिनट के अंतराल पर मापा गया। नाश्ते के दो घंटे बाद, प्रतिभागियों को दोपहर का भोजन परोसा गया, सबने अपनी इच्छानुसार कम या ज्यादा खाया और खपत दर्ज की गई। प्रतिभागियों ने फिर पूरे दिन अपने खाने की मात्रा को रिकॉर्ड किया।

परिणामों से पता चला कि बादाम स्नैक बनाम बिस्किट स्नैक के बाद प्रतिभागियों में ब्लड शुगर रिस्पॉन् कम था। भूख की रेटिंग 90 मिनट पर भूख के स्कोर को छोड़कर ग्रुप के बीच अलग-अलग नहीं थी, जो बादाम की तुलना में बिस्कुट के लिये कम थी (यह अप्रत्याशित था क्योंकि बादाम के नाश्ते के परिणामस्वरूप अधिक स्थिर ब्लड शुगर रिस्पॉन् हुआ था।)

बादाम या बिस्किट स्नैक्स के बाद दोपहर के भोजन में खाए जाने वाले कैलोरी की मात्रा में कोई अंतर नहीं था। हालांकि, प्रतिभागियों के भोजन सेवन रिकॉर्ड के आधार पर, बादाम स्नैक खाने वालों में दिन के दौरान ~ 150 कैलोरी कम (औसतन) लेना रिकॉर्ड किया गया। यदि यह निरंतर जारी रहे तो कैलोरी की कमी सैद्धांतिक रूप से इसके परिणामस्वरूप हर महीने आधा किलो (लगभग एक पाउंड) वजन घटा सकता है। एक-दिन का यह विश्लेषण वेट मैनेजमेंट पर दीर्घकालिक प्रभावों की जांच करने वाले एक साल के अध्ययन का हिस्सा है। इस त्वरित अध्ययन के अवलोकन यूरोपीय जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित पिछले अध्ययन के परिणामों के अनुरूप हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि बिना नाश्ते की तुलना में बादाम के मिड-मॉर्निंग के नाश्ते (42 ग्राम या 1.5 औंस) ने भूख को नियंत्रित करने में मदद की और दोपहर और रात के खाने में कम कैलोरी का सेवन हुआ। पिछले अध्ययन के परिणाम बताते हैं कि नाश्ता ना करने की बजाय, बादाम को सुबह के नाश्ते के रूप में ले लिया जाये तो इससे भूख को कम करने में मदद मिल सकती है।

इस अध्ययन के बारे में रीजनल हेड - डायटेटिक्स, मैक्स हेल्थकेयर - दिल्ली, रितिका समद्दर ने कहा भारतीय औसतन कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार खाते हैं, जिसे देश में टाइप -2 डायबिटीज के बढ़ने के प्रमुख कारणों में से एक कहा जा सकता है। मीठे बिस्कुट या तले हुए खाद्य पदार्थ का सेवन, जिनमें खाली कैलोरी होती है, सामान्य आबादी के बीच बहुत आम है। अध्ययन के निष्कर्ष बताते हैं कि इन खाद्य पदार्थों को बादाम जैसे स्वस्थ विकल्पों के साथ बदलने से भोजन के बाद ब्लड शुगर के स्तर में वृद्धि को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। इससे जीवन सेहतमंद हो सकता है।

शीला कृष्णास्वामी, न्यूट्रीशन एंड वेलनेस कंसल्टेंट ने कहा टाइप-2 डायबिटीज वर्तमान में भारत में प्रमुख स्वास्थ्य चिंताओं में से एक है। इसका एक प्रमुख कारण बिस्किट जैसे अस्वास्थ्यकर कैलोरी युक्त स्नैक्स का ज्यादा सेवन है। इन स्नैक्स की जगह बादाम खाने से ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद मिल सकती है - जैसा कि स्वस्थ वयस्कों के इस अध्ययन समूह में देखा गया है। बादाम फाइबर, प्रोटीन, मोनोसैचुरेटेड फैट जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं जो इसे आहार शामिल करने के लिये स्वस्थ विकल्प बनाते हैं।

इंटीग्रेटिव न्यूट्रिशनिस्ट और हेल्थ कोच नेहा रंगलानी ने कहा बादाम लंबे समय से एक उत्कृष्ट स्नैकिंग विकल्प के रूप में जाना जाता है - इनमें बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं और शोध से पता चलता है कि वे किसी भी आहार के कैलोरी कंटेंट को नियंत्रित करने में मददगार सकते हैं। इन अध्ययन परिणामों से संकेत मिलता है कि दिन की शुरूआत मुट्ठी भर बादाम बनाम साधारण कार्बोहाइड्रेट से भरपूर नाश्ते के साथ करने से भोजन के बाद इंसुलिन की रफ्तार को कम करने में मदद मिल सकती है और एक दिन में कैलोरी के खपत की मात्रा को सीमित करने में मदद मिल सकती है। साथ ही यह अध्ययन इस बात का भी सबूत देता है कि बादाम ब्लड शुगर के स्तर पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। हालांकि, इस अध्ययन में भाग लेने वाले स्वस्थ वयस्क थे जिन्हें डायबिटीज नहीं था, लेकिन बॉडी ऑफ रिसर्च से पता चलता है कि बादाम टाइप -2 डायबिटीज वाले लोगों के लिये यह एक उत्कृष्ट विकल्प है।

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