Monday 15 November 2021

डायबटिज जागरूकता माह: शुगर पर कंट्रोल न करने से दिल, दिमाग, किडनी, आंखों तथा नाड़ी तंत्र पर खतरनाक असर हो सकता है: डा. अखिल मोंगा

By 121 News

Chandigarh Nov.15, 2021:- पारस अस्पताल पंचकूला के न्यूरो तथा वेस्कूलर इंटरवेशनल रेडियोलॉजिस्ट डा. अखिल मोंगा ने डायबटिज जागरूकता माह की शुरूआत करते हुए कहा कि डायबटिज के कारण खून में शुगर का स्तर बढ़ जाता है, जो समय के साथ नियंत्रण से बाहर हो जाता है। इससे दिल, दिमाग, किडनी, आंखों, नाडियों सहित शरीर के अहम अंगों का नुकसान हो सकता है।

डायबिटिज (शुगर) एक नामुराद बीमारी है तथा भारत में शुगर के मरीजों की गिनती लगातार बढ़ती जा रही है तथा यह देश डायबिटिज की राजधानी बनता जा रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण हमारे शरीर के सैलों द्वारा खुराक में से मिलने वाले गलूकोज का उपयोग ना करना है।

डा. अखिल मोंगा ने बताया कि भारत में लंबे समय से शुगर के कारण पैर खराब होना, जख्म ठीक होना आम बात है, जो खून की नाडिय़ों पर शुगर के बुरे प्रभाव के कारण होता है। उन्होंने बताया कि इस हालत में पहले पैर में सुन्न हो जाते हैं तथा छूने या दबाव यहां तक कि दर्द महसूस नहीं होता तथा धीरे-धीरे पैरों के नीचे जख्म भी हो जाता है। उन्होंने बताया कि डायबिटिक फुट की बीमारी एक गंभीर समस्या है, जिसको मल्टी स्पेशलिटी इलाज की जरूरत होती है। इसमें जख्म को ठीक करने के लिए सर्जन तथा डायबिटिज कंट्रोल के लिए एंडक्रोनोलॉजिस्ट (शुगर की बीमारी के माहिर) की जरूरत होती है तथा दोनों के तालमेल से यह इलाज संभव है।

इस इलाज में खून में शुगर की मात्रा को एक स्तर तक कंट्रोल करना, शरीर के नाड़ी तंत्र में खून की सप्लाई बहाल करना तथा जख्म को ठीक करना शामिल है, जिससे अंग काटने से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि जख्म को बकायदा आक्सीजन तथा ताजे साफ खून की सप्लाई के साथ अंग को बचाया जा सकता है, इसके लिए वेस्कूलर माहिर को दिखाना लाजमी है।  

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