By 121 News
Chandigarh, Oct.17, 2021:- शूलिनी लाइफसाइंसेज नाम से कमर्शियल खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला (फूड टेस्टिंग लैब) की स्थापना खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के वित्तीय सहयोग से की जा रही है।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (एमओएफपीआई), भारत सरकार से वित्तीय सहायता के तहत शूलिनी लाइफसाइंसेज प्राइवेट लिमिटेड (एसएलएस) के नाम से सोलन में एक वाणिज्यिक खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित की गई है। इसके लिए कुल 1 करोड़ 62 लाख 20 हजार रुपये की सहायता अनुदान प्राप्त हुआ है। इस लैब को स्थापित करने पर कुल खर्च 2.85 करोड़ रुपये आया है।
संस्थानों और निगमों को किसी मान्यता प्राप्त खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला के माध्यम से खाद्य पदार्थों के प्रमाणीकरण की आवश्यकता होती है। एसएलएस के निदेशक विशाल आनंद का कहना है कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करने के लिए उपभोग के उद्देश्य से भोजन की सुरक्षा निर्धारित करने के लिए इस तरह की लैब से गुणवत्ता की जांच आवश्यक है।
नई खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला सभी वाणिज्यिक खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों और वाणिज्यिक खाद्य निर्माण इकाइयों के गुणवत्ता परीक्षण के लिए उपलब्ध होगी। इस सुविधा से फल उत्पादकों को भी मदद मिलेगी क्योंकि वे अपने फलों और सब्जियों को बाजार में बेचने से पहले उनके जैविक परीक्षण को प्रमाणित करने में सक्षम होंगे।
इसके अतिरिक्त, प्रयोगशाला विभिन्न खाद्य उत्पादों और उनके घटकों को सार्वजनिक उपभोग के लिए उपलब्ध कराने से पहले वैज्ञानिक विश्लेषण की पेशकश करेगी। प्रयोगशाला अत्याधिक आधुनिक उपकरणों जैसे गैस क्रोमैटोग्राफी मास स्पेक्ट्रोमेट्री, अल्ट्रा-हाई परफॉर्मेंस लिक्विड क्रोमैटोग्राफी, इंडक्टिवली कपल्ड प्लाज्मा-ऑप्टिकल एमिशन स्पेक्ट्रोमीटर आदि से लैस है।
प्रयोगशाला में उपलब्ध सुविधाएं यह सुनिश्चित करती हैं कि खाद्य उत्पाद में कोई खतरनाक घटक और या जहरीले संदूषक न हों। कीटनाशकों, भारी धातुओं, प्रिजर्वेटिव्स (परिरक्षकों), फैटी एसिड प्रोफाइल, ट्रेस एलीमेंट्स, एंटीबायोटिक्स, कैफीन, एडिटिव्स आदि से संबंधित कई विश्लेषण यहां किए जा सकते हैं। सभी विश्लेषण अत्यधिक कुशल वैज्ञानिकों द्वारा प्रयोगशाला में किए जाते हैं।
प्रयोगशाला एनएबीएल मान्यता प्राप्त करने की की प्रक्रिया में है और जल्द ही विभिन्न खाद्य उत्पादों के एनएबीएल मान्यता प्राप्त प्रमाणीकरण प्रदान करने में सक्षम होगी।
No comments:
Post a Comment