By 121 News
Chandigarh, October 07, 2021:- उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई दुर्घटना को लेकर प्रसिद्ध समाजसेवी और स्टेट अवार्डी आलम जीत सिंह मान ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर रोष जताते हुए कड़े शब्दों में उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार की निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। आलमजीत सिंह मान ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार पर किसानों की जान लेने का आरोप लगाते हुए कहा कि वर्तमान सरकार केवल भावनाओं के साथ ही नहीं, बल्कि किसानों और मजदूरों की जान के साथ खिलवाड़ कर रही है। इस सरकार की नीतियों ने देश में तनाव और असुरक्षा भरा वातावरण पैदा कर दिया है। लोग अपने जान-माल को सुरक्षित नहीं समझ रहा। पता नहीं क्यों गरीबों के मसीहा का डंका बजाने वाले प्रधानमंत्री अमीर कुबेरों की गोद में जा कर बैठे हैं और उनके इशारों पर ही नीतियां और निर्देश बना रहे हैं। किसान जो देश का अन्नदाता कहलाता है, उसको चाहिए कि 1 महीने के लिए वह तमाम शहरों में दूध, सब्जी और अन्न वगैरा की सप्लाई बंद कर दे, अगर सरकार घुटनों पर ना आ जाए। सरकार और सरकारी तंत्र के ज्ञाता, जिन लोगों को आतंकवादी और खालिस्तानी इत्यादि नामों से संबोधित किया जाता है, मैं केंद्र सरकार से पूछना चाहता हूं, आखिर उन्हें देशद्रोही जैसे गंदे शब्दों से क्यों बुला रहे हैं। आखिर ऐसा कौन सा शहद है इन कानूनों में कि जिसको चाटे बिना प्रधानमंत्री जी को चैन नहीं आएगा। सरकारी मंत्रियों और नेताओं को शर्म नहीं आ रही है, इनको पता होना चाहिए कि जिन्हें आतंकवादी देशद्रोही बताया जा रहा है, वह किसान इस आंदोलन में 600 से ज्यादा जान गवा चुके हैं और अब भी एक उज्जवल केंद्रीय राज्य गृहमंत्री का पुत्र दबंगई ना जाने कितने किसानों की जान ले लेता है और पूरा तंत्र दोषी को सजा देने की बजाय उसे बचाने में जुट जाता है और पीड़ित को आतंकवादी उग्रवादी देशद्रोही जैसे नामों से घोषित करता है। लेकिन एक बात तयशुदा है कि पाप का घड़ा भरता है और अपने कर्मों का हिसाब देकर जाना पड़ता है। क्योंकि ऊपर वाले के घर में देर है अंधेर नहीं है। आलम जीत सिंह मान ने पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी को बधाई देते हुए कहा कि उन्हें अपना स्टैंड बिल्कुल स्पष्ट रखा हुआ है और साथ ही उन्होंने सीएम साहब को अपील की इसी प्रकार पंजाब हित में कार्यरत रहे। क्योंकि उनके पास मात्र 3 महीने हैं जिसमें उन्हें अपने आप को लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरना है अभी जनता फिर से उन्हें अपने नेता के रूप में चुन ले।
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