By 121 News
Chandigarh August 28, 2021:- गत वर्षो से गुजरात पंजाबियों के लिये लोकप्रिय टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रुप में उभर कर सामने आया है। चंडीगढ़ तथा पंजाब के मुख्य शहरों से कनैक्टिविटी, पंजाबियों में पश्चिमी भारत की संस्कृति को जानने की ललक, गुजरात का सुरक्षित माहौल के साथ आदि कई कारणों ने कोरोना काल को छोड़कर गत कुछ समय में पंजाब से आने वाले पर्यटकों में वृद्धि दर्ज हुई है। गुजरात ने कोविड 19 को संयोजित तरीके से मात दी है और निकट भविष्य में भी प्रदेश सरकार इससे निपटने के लिये तत्पर तैयार है । स्थानीय लोगों के स्वागत के लिये गुजरात पूरी तरह से तैयार है। यह मानना है टूरिज्म कारपोरेशन आफ गुजरात लिमिटेड (टीसीजीएल) के प्रबंध निदेशक जीनू देवन आईएएस का, जोकि अपने टूरिज्म बोर्ड के ट्रेवल एंड टूरिज्म शो के दौरान पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।
जीनू देवन ने बताया कि इस रोड शो को आयोजित करने का उद्देश्य गुजरात की संस्कृति और पर्यटन स्थलों से उत्तरी भारतीयों को अवगत करवाना था। रोड शो के माध्यम से पर्यटन स्थलों, उत्पादों और पर्यटन आयोजनों की जानकारी प्रदान करवाई गई। उन्होंनें बताया कि चंडीगढ़ और पंजाब के गुजरात पर्यटन के लिये व्यापक मार्केट है जबकि गुजरात सैलानियों प्रचलित डेस्टिनेशन बन गया है। उन्होंनें बताया कि प्राचीन सिंधू घाटी सभ्यता के खंडहरों से लेकर ऐतिहासिक बावड़ियों तक, गुजरात में दिलकश डेस्टिनेशनों की भरमार हैं जो कि यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल भी हैं। इनमें चंपानेर पावागढ़ पुरातत्व उद्यान, अहमदाबाद शहर, लोथल के पुरातत्व अवशेष, धोलावीरा आदि स्थान शामिल हैं।
रोड शो के दौरान टीसीजीएल द्वारा की गई कुछ हालिया पहलों को भी दर्शाया गया। जिन्हें आपार प्रतिक्रिया प्राप्त हुई। कारपोरेशन की एक नई पहल 'सीमा दर्शन' में बार्डर टूरिज्म को बढावा मिल रहा है। जिसमें बनासकठा जिले नड़ाबेट में भारत पाक सीमा पर बीटिंग रिट्रीट समारोह देखने का सुनहरा अवसर प्राप्त होता है।
उन्होंने बताया कि इसी के साथ देश का पहला डायनासोर म्यूजियम एंड फॉसिल पार्क भी महीसागर जिले के राईयोली गांव में है। जिसे देश के कोने कोने से लोग देखने आते हैं। विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा यानी स्टैच्यू आफ यूनिटी गुजरात और भारत की शान के रूप में विद्यमान है। लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर उंची इस प्रतिमा को देखने के लिये रिकार्ड संख्या में पर्यटक आते हैं। जीनू देवन ने बताया कि राज्य की समृद्ध कला और संस्कृति की एक झलक प्रदान करने के लिये गुजरात में मेलों और त्योहारों का आयोजन करता है, जिसमें सापुतारा मानसून महोत्सव, केवडिया मानसून महोत्सव, तरनेतार मेला, नवरात्रि महोत्सव, सासन गिर महोत्सव, तीथल, माधवपुर और मांडवी में समुद्र तट महोत्सव शामिल हैं। कच्छ में रण उत्सव, अहमदाबाद और राज्य भर में अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव में लोगों की व्यापक भागीदारी देखने को मिलती है। गुजरात के प्रसिद्ध मंदिरों जैसे द्वारका, सोमनाथ और अंबाजी मंदिरों तथा गांधी सर्किट व बौद्ध सर्किट सहित ट्रेल्स और सर्किट को रोड शो में प्रदर्शित किया गया।
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