कार्यक्रम पर टिप्पणी करते हुए एमवे इंडिया के सीईओ अंशु बुधराजा ने कहा कि एमवे में महिलाओं को सशक्त बनाना हमारी सभी पहलों और व्यवसाय के मूल में है। कुछ हालिया सूचनाओं के अनुसार यदि नौकरियों में महिलाओं की समान हिस्सेदारी होती तो भारत की जीडीपी विकास दर 9% से ऊपर जाती। यह हमारी सोच के अनुरूप है और हमारा भी मानना है कि देश के वर्तमान सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को मजबूत करने में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इसलिए हम अपने आजीविका कौशल विकास कार्यक्रम के माध्यम से कौशल विकास और उद्यमशीलता के अवसर प्रदान करके उनका सहयोग करने की दिशा में निरंतर काम कर रहे हैं। अल्पसुविधा-प्राप्त महिलाओं के लिए हमारे कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं में दक्षताओं का निर्माण करना और उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनने में मदद करना है। अपनी पायलट परियोजनाओं की सफलता के आधार पर हम दिल्ली और हरियाणा में इस कार्यक्रम का विस्तार कर रहे हैं। इस चरण के तहत हम अनुकूलित कार्यक्रमों के माध्यम से 400 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित करने का इरादा रखते हैं, जो व्यवसाय चलाने/बनाए रखने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करते हैं, साथ ही ये कार्यक्रम हर कदम पर सहयोग और मार्गदर्शन के लिए सलाहकारों का एक समुदाय भी प्रदान करते हैं।
कार्यक्रम के बारे में बात करते हुए दीपालय के सीईओ डॉ. जॉर्ज जॉन ने कहा कि महत्वपूर्ण आर्थिक विकास के बावजूद भारत में कार्यबल में महिलाओं की संख्या दुनिया भर की अन्य समान अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में बहुत ही कम है। हम अधिक से अधिक महिलाओं को कार्यबल का हिस्सा बनने में मदद करने के अपने प्रयासों को फलीभूत करने की योजना बना रहे हैं – भले ही रोजगार के माध्यम से या उद्यमियों के रूप में। एमवे इंडिया से इस साझेदारी के साथ हमने जमीनी स्तर पर प्रक्रिया शुरू कर दी है और टीम के अटूट सहयोग के लिए अत्यंत ही आभारी हैं।
छात्रों के प्रयासों की सराहना करते हुए और भारत में महिला उद्यमिता पर विचार-विमर्श करते हुए सम्मेलन में जिन जानी-मानी शख्सियतों ने शिरकत की, उनमें प्रमुख रहे - मुख्य अतिथि श्री के. राजेश्वर राव, सीनियर एडवाइजर, इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल टू द प्राइम मिनिस्टर (ईएसी-पीएम); साथ ही सुश्री सिमरत बिश्नोई, वाइस प्रेजिडेंट, कॉर्पोरेट एंड मार्केटिंग कम्यूनिकेशंस, सीएसआर; डॉ. जॉर्ज जॉन, सीईओ, दीपालय; और उदय शंकर, चीफ कंट्रोलर, विश्व युवा केंद्र (प्रमाणित भागीदार) आदि। वर्चुअल समारोह में एमवे ने शीर्ष 10 सबसे होनहार छात्रों को व्यापक स्टार्ट-अप किट प्रदान की, जिन्होंने अपनी प्रशिक्षण अवधि के दौरान असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है। किट में आवश्यक उपकरण, जैसे सिलाई मशीन, मेकअप उत्पाद और उपकरण आदि शामिल हैं, जो इन छात्रों के लिए अपना व्यवसाय शुरू करने में सहायक होंगे।
इस पहल का उद्देश्य सरकार की 'स्किल इंडिया' पहल के अनुरूप ही महिलाओं को समान रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए विशेष पाठ्यक्रमों के साथ स्थायी आजीविका विकल्प प्रदान करना है। कार्यक्रम के तहत दीपालय अल्पसुविधा-प्राप्त वर्ग के समुदायों की 18-35 वर्ष के आयु वर्ग की महिलाओं को प्रशिक्षण दे रहा है। प्रशिक्षण सत्रों में सौंदर्य और कल्याण, फैशन डिजाइनिंग, उद्यमिता और उनकी उद्यमशीलता क्षमता को उजागर करने के लिए आवश्यक अन्य सॉफ्ट स्किल्स में 1200 घंटे का प्रशिक्षण शामिल है। ऐसा ही एक कार्यक्रम हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में भी शुरू किया गया है।
एमवे इंडिया ने इससे पहले 2018 में बिहार के मुजफ्फरपुर व छपरा और उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर व मिर्जापुर में अल्पसुविधा-प्राप्त महिलाओं के उत्थान के लिए उद्यमिता एवं आजीविका प्रशिक्षण परियोजना के क्षेत्रों में सहयोग प्रदान किया था। इस कार्यक्रम से 400 लाभार्थी प्रत्यक्ष रूप से और 20,000 लाभार्थी अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हुए। कंपनी का उद्देश्य 2022 तक 3,000 से अधिक महिलाओं को उद्यमी बनने/रोजगार पाने में मदद करने के लक्ष्य के साथ नए भौगोलिक क्षेत्रों में परियोजना का विस्तार करना है।
No comments:
Post a Comment