Monday, 8 March 2021

टीसीजी फंड के फंड 1 ने जी जी इंजीनियरिंग लिमिटेड के शेयर्स में की हिस्सेदारी

By 121 News

Chandigarh March, 08, 2021:- टीसीजी फंड के फंड 1 ने बीएसई में सूचीबद्ध जी जी इंजीयनियरिंग (बीएसई:540614) (टाटा मोटर्स के लिए एक अधिकृत ओईएम) के स्टैक में हिस्सेदारी की ओर कदम बढ़ाए हैं। बीएसई पर उपलब्ध बल्क डील डाटा के अनुसार, टीसीजी फंड के फंड 1 ने 4 मार्च को 123 रुपये की दर से करीब 178800 शेयर उठाये, एचएनआई (हाई नेटवर्थ इंडिवीजुअल्स) खरीद भी इसकी साक्षी रही। जी जी इंजीनियरिंग लिमिटेड की स्थापना 2006 में गुणवत्तापूर्ण शीट मैटल तथा हैवी स्टील उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिहाज से की गई थी। कम्पनी के फ्लैगशिप उत्पादों में स्मार्ट रिवर्स वेंडिंग मशीनें (आर वीएम्स), कमर्शियल एयर-कंडीशनर्स के लिए शीट मैटल तथा इंडस्ट्रियल डीज़ल जेनरेटर सैट्स शामिल हैं। ऐसे में यह बल्क डील आत्मविश्वास बढाने वाली साबित होगी और कम्पनी वृद्धि की दिशा में और भी आगे कदम बढ़ाएगी।
स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरित होकर, जी जी ने पीईटी बोतलों की क्रशिंग/श्रेडिंग के लिए भारत की पहली फुली-ऑटोमेटेड तथा स्मार्ट आरवीएम मशीनें लॉन्च की थीं। इसका उद्देश्य प्लास्टिक के कचरे को एनवायरमेंट फ्रेंडली तरीके से नष्ट करने में सक्षम होना था। यह कम्पनी टाटा ग्रुप के वोल्टास ऐसी के लिए पावडर कोटिंग के साथ शीट मैटल एयर कंडीशनिंग कम्पोनेंट्स भी बनाती है और यह ओईएम की वडोदरा यूनिट के लिए एकमात्र स्वीकृत वेंडर है। वोल्टास, वडोदरा फैसिलिटी में अपनी कमर्शियल ऐसी की रेंज के लिये, कम्पोनेंट्स को आउटसोर्स करता है। वडोदरा फैसिलिटी में 10 टन या इससे अधिक साइज़ के कमर्शियल उपयोग के ऐसी मैन्युफेक्चर किये जाते हैं। इन ऐसी को मॉल्स, एयरपोर्ट्स, कॉरपोरेट ऑफिसेस तथा अन्य कमर्शियल सुविधा स्थानों पर लगाया जाता है।

जी जी के पोर्टफोलियो में विभिन्न उत्पाद है , खासकर आरवीएम श्रेणी में। एक खास तथ्य के कारण आरवीएम की बाजार में अच्छी पैठ है। यह तथ्य प्लास्टिक कचरे के निपटान से सम्बंधित है जिसके अनुसार 6.3 बिलियन टन प्लास्टिक कचरा वैश्विक स्तर पर जमा होता है और इस कचरे का 79 प्रतिशत हिस्सा लैंडफिल्स (कचरा भरने वाली जगह) पर पहुंच जाता है। गौरतलब है कि प्लास्टिक को बायोडिग्रेड होने अर्थात प्राकृतिक तरीके से समाप्त होने में औसतन 400 साल लगते हैं और यह अपने आप मे एक चेतावनी है। प्लास्टिक प्रदूषण के मामले में भारत विश्व भर में 15 वें स्थान पर है। ऐसे में जी जी की वाली रिवर्स वेंडिंग मशीनों जैसी मशीनें देश के साथ ही पूरे विश्व के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं जो प्लास्टिक प्रदूषण की इस समस्या के समाधान कि दिशा में राहत दे सकती हैं। जी जी इंजीनियरिंग को वेस्टर्न रेलवे से सभी स्टेशनों पर विज्ञापन के अधिकार सहित आरवीएम मशीनें इंस्टाल करने का ऑर्डर मिला है। ये विज्ञापन अधिकार कम्पनी के लिए राजस्व पाने का भी एक तरीका हैं और ऐसे और भी इंस्टालेशन प्रोजेक्ट शुरू होने पर ये और भी महत्वपूर्ण हो जाएंगे। जी जी आगे टाटा मोटर्स के इंजन से चलने वाले कस्टम बिल्ट एनक्लोजर जेनरेटर सेट्स में भी विशेषज्ञ है। ये जेनरेटर स्टेशनरी और मोबाइल दोनों प्रकार के एप्लिकेशन के लिए काम मे आते हैं। क्वांटम तकनीक का प्रयोग करने वाले इंजन से लैस अपनी जेनसेट की नई सीरीज़ के साथ ये ड्यूरेबलिटी तथा स्टैब्लिटी में भी इजाफा करते हैं। इसके अतिरिक्त कम्पनी स्थानीय अंतरराष्ट्रीय बाजार में विभिन्न एप्लीकेशन्स के लिए इंडस्ट्रियल इंजन, मरीन इंजन तथा डीज़ल जेनसेट के लिए स्पेयर पार्ट्स की सप्लाई भी करती है। हाल ही में कम्पनी ने कोविड-19 महामारी की स्थिति में नोवल कोरोना वायरस तथा अन्य घातक पैथोजन्स के विरुद्ध लड़ने सुरक्षा प्रदान करने के इरादे से पैथोजन-प्रोटेक्शन उत्पाद भी लॉन्च किए हैं। इन उत्पादों की रेंज में सैनिटाइज़िंग टनल्स, टचलेस हैंड सैनिटाइजर तथा मास्क वेंडिंग मशीन्स शामिल हैं।

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