Wednesday 11 November 2020

“स्पीडकम्पोस्ट” ने धान की पराली का खेत में तेजी से उपयोग कर हरियाणा की धरती की उर्वरा शक्ति को बढ़ाया

By 121 News

Panipat Nov. 11, 2020:- कैन बायोसिस प्राइवेट लिमिटेड एक स्पेशलाइज्ड माइक्रोबियल कंपनी है, जो मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन, पौधों के पोषण और कीट प्रबंधन के क्षेत्र में काम कर रही है। स्पीडकम्पोस्ट एफसीओ में रजिस्टर्ड और जैविक रूप से प्रमाणित (ओएमआरआई, इकोसर्ट) प्रॉडक्ट हैं, जो धान की पराली में मौजूद कार्बन की रिसाइक्लिंग करता है और मृदा की सेहत सुधारता है। इससे पर्यावरण को कोई खतरा नहीं रहता और खेती की मिट्टी की गुणवत्ता और कृषि उपज में भी सुधार आता है। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने इस तकनीक को मान्यता दी है। इसमें कॉस्ट बेनेफिट रेश्यो 1रू4 होने का दावा किया गया है। यह तकनीक लागत की तुलना में 4 गुना लाभ देने का दावा करती है। स्पीडकम्पोस्ट एक माइक्रोबियल फॉर्मुलेशन है, जिसमें खेती के लिहाज से उपयोगी जीवाणु आर्गेनिक खाद के रूप में स्थिर होकर मिलते हैं। इस प्रॉडक्ट को एक वर्ष तक सुरक्षित रखा जा सकता है।

सूक्ष्म जीवाणुओं में कई एन्जाइम छिपे रहते हैं, जिसमें सैल्युलेसेस, लिग्नेस, हेमीसेल्युलेस, प्रोटिएज और एमिलेस आदि शामिल हैं। यह धान की पराली में रासायनिक तत्वों को कम करने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। इसका आसानी से पौधों के लिए उपयोग किया जा सकता हैं।

कैन बायोसिस प्राइवेट लिमिटेड की प्रबंध निदेशक संदीपा कनितकर ने इस मुद्दे पर कहा कि कुरुक्षेत्र, करनाल और कैथल हरियाणा में ऐसे इलाके हैं, जहां से हर साल हरियाणा में पराली जलाने के काफी मामले सामने आते हैं। पिछले साल हरियाणा में पराली जलाने के 6,364 मामले सामने आए थे। पिछले चार साल से हम पंजाब में धान की पराली को जलाने की घटना रोकने की दिशा में काम कर रहे हैं। 

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