Wednesday 11 March 2020

महिंद्रा बाहा एस.ए.ई इंडिया 2020 के 13 वें एडीशन के दूसरे चरण का शानदार समापन

By 121 News

Rajpura 11th March:-आटोमोटिव इंजीनियर्स की प्रोफेशनल सोसाइटी एस..ई  इंडिया और महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के साथ मिलकर  बाहा एस.ए.ई इंडिया 2020 सीरिज के 13 वें एडीशन के दूसरे चरण का शानदार समापन हो गया। 

इस प्रतियोगिता में 77 बाहा टीमों में से 31 टीमों ने आखिरी दौर में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम के फाइनल का आयोजन चितकारा यूनिवर्सिटी पंजाब कैम्पस में किया गया। 

बाहा एस.ए.ई इंडिया 2020 सीरिज के 13 वें एडीशन के दूसरे चरण को जबर्दस्त रिस्पांस मिला और देश के सभी जोनों वेस्र्टन, ईस्टर्नस व सदर्न की टीमों ने इसमें हिस्सा लिया।  इस प्रतियोगिता में श्री गुरू गोबिंद सिंह जी इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नालाजी महाराष्ट्र की टीम ने पहला स्थान हासिल किया और इसे 2,50.000 रुपये का इनाम दिया गया। जबकि महाराष्ट्र की गवर्नमेंट कालेज आफ इंजीनियरिंग अमरावती की टीम फर्स्ट रनर्स अप रही जिसे सवा लाख रुपये का इनाम दिया गया।  इसके अलावा कई अवार्ड भी बांटे गए। 

संत लोगोंवाल इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नालाजी पंजाब को द प्राइड आफ पंजाब (पंजाब एंड चडीगढ) अवार्ड दिया गया।  ड्यूरेबिलिटी में भी श्री गोविंद सिंह जी इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग महाराष्ट्र ने पहला स्थान हासिल किया।  बाहा एस.ए.ई इंडिया की 13 वीं सीरिज में कुल 282 टीमों ने हिस्सा लिया । 

इनमे से परंपरागत एम बाहा के लिए चितकारा यूनिवर्सिटी में जुलाई 2019 में हुए वर्चुअल राउंड में 200 टीमों का चयन किया गया।  ई बाहा के लिए 53 टीमों का चयन किया गया जबकि चितकारा यूनिवर्सिटी पंजाब कैम्पस इंवेट के लिए एम बाहा की 80 टीमों का चयन किया गया। हालांकि सिर्फ 37 टीमों ने बाहा के एंडयोरेंस राउंड के लिए क्वालिफाई किया।  

इस समापन समारोह के चीफ गेस्ट आल इंडिया काउंसिल आफ टेक्निलक एजुकेशन ए.आई.सी.टी.ई. के एडवाइजर प्रोफेसर दिलीप मालखेडे थे जबकि दिल्ली इंस्टीट्यूट आफ टूल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर व डायरेक्टर  डाक्टर सागर माली गेस्ट आफ आनर थे।   

इस मौके पर संबोधित करते हुए प्रोफेसर दिलीप मालखेडे ने कहा कि बाहा ने देश में तकनीकी शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव किया है।  इसके जरिए छात्रों को इंजीनयिरिंग स्किल्स को निखारने में मदद मिलती है।  ए.आई.सी.टी.ई. भारतीय टीमों को इंटरनेशनल बाहा में हिस्सा लेने के लिए वित्तीय मदद करके बहुत ही खुशी महसूस करती है।  पिछले दो सालों में हमने जिन टीमों को स्पांसर किया उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत ही अच्छा प्रदर्शन किया है।

इस मौके पर चितकारा यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर डाक्टर मधु चितकारा ने कहा कि चितकारा कैंपस में पूरे देश के युवा इंजीनियरिगों ने जिस तरह से अपनी प्रतिभा दिखाई वह उनके लिए बहुत ही शानदार अनुभव रहा है। इससे ऐसा लगा जैसे पूरा देश आज कैंपस में इकट्ठा हो गया। इससे पहले प्रोफेसर दिलीप मालखेडे ने एंडयोरेंस रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। प्रोफेसर डाक्टर सागर माली भी इस मौके पर उपस्थित थे।  दो किलोमीटर की इस रेस में कई तरह की बाधाएं थीं लेकिन टीमों ने हर चुनौतियों का सामना करते हुए अपनी प्रतिभा को दिखाया।  चार दिनों के इस कार्यक्रम में बेसिक स्टेटिक एवेल्युयेशन राउंड का आयोजन किया गया जिनमें डिजाइन एवेल्युयेशन, कास्ट एवेल्युयेशन, व मार्केटिंग प्रेजेंटेंशन शामिल था। फाइनल राउंड में टीमों ने रग्ड सिंगल सीट के प्रोटोटाइप का इंजीनियरिंग डिजाइन, सीएई, कास्ट व टेक्नालाजी इनोवेशन आदि पैरामीटर्स पर आकलन किया। इस प्रतियोगिता के आयोजन का उद्देश्य रियल वल्र्ड इंजीनियरिंग डिजाइन प्रोजेक्ट्स की नकल करना था। हर टीम का उद्देश्य बगैर किसी प्रोफेशनल्स की मदद के  ऐसे प्रोटोटाइप को बनाना था जिसे चलाने में आसानी हो। टीमों को अपने अपने प्रोटोटाइप को बनाने की पूरी छूट दी गई लेकिन उन्हें अधिकतम सीमा 60 किमी तक ही रखने की ही थी। डायनेमिक इवेल्युयेशन राउंड के तहत वाहन की गति , स्लेज पुल, मैन्युयोरेबिलिटी व संस्पेंशन व ट्रैक्शन आदि की परीक्षा ली गई। ड्यूरेबिलिटी एवेल्युयेशन राउंड में चार घंटों तक इसकी एंडेयुरेंस की परीक्षा ली गई।  द एंडुयेंरेस इवेंट में हर वाहन की आपरेशनल कंटीन्यूटी व ऊबड खाबड रास्ते पर उसकी गति की परीक्षा ली गई।       

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