By 121News
Chandigarh 11th Feb, 2020:- चंडीगढ़ नगर निगम के पूर्व मेयर राजेश कालिया ने अपने पद का फायदा उठाते हुए निजी रंजिश के चलते निगम कमिश्नर के के यादव की सहायता से गुरचरण सिंह को न केवल 68 लाख रुपये का नोटिस जारी किया, बल्कि नौकरी से भी निकलवा दिया। गुरचरण सिंह के साथ ऐसा कदम उठाना राजेश कालिया की बौखलाहट का नतीजा है। ये कहना है कंवर पाल गहलोत, अध्यक्ष संघर्ष समिति चंडीगढ़ का।
चंडीगढ़ प्रेस क्लब में आज आयोजित पत्रकार वार्ता में संघर्ष समिति चंडीगढ़ के अध्यक्ष कंवर पाल गहलोत ने बताया कि समिति ने चेयरमैन,राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को पत्र लिख कर गुरचरण सिंह को 68 लाख रुपए का नगर निगम चंडीगढ़ द्वारा नोटिस व उसे नौकरी से निकाले जाने के मामले में हसतक्षेप करने का अनुरोध किया है और अपील की है कि के के यादव कमिश्नर नगर निगम को आदेश दे कि भगवान वाल्मीकि प्रगट उत्सव पर लगे होर्डिंग्स के कारण गुरचरन सिंह को दिया 68 लाख का नोटिस तुरंत वापिस ले और तुरन्त प्रभाव से उसको नौकरी पर बहाल करे।
उललेखनीय हैं कि उपरोक्त नोटिस को लेकर वाल्मीकि समाज ने निदेशक राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग चंडीगढ़ को शिकायत की थी, कि यह नोटिस वापिस लिया जाए। आयोग ने दिनांक 09-01-2020 को पत्र लिख कर नगर निगम से पूछा था कि पिछले तीन साल में कितने धार्मिक ओर सामाजिक आयोजनों में लगे होर्डिंग्स पर जुर्माना लगाया गया। इसका विवरण आयोग को देकर बताया जाए की गुचरण सिंह को ही ऎसा नोटिस क्यों भेजा गया। इसके बाद आयोग ने 27-01-2020 को रिमेंडर भेज कर इस मामले में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मागी थी। लेकिन आज तक नगर निगम ने आयोग को कोई जवाब न दे कर आयोग के पत्रों की अवेलना की गई। इससे ये प्रमाणित होता है कि नगर निगम कमिश्नर के के यादव ओर तत्कालीन मेयर राजेश कालिया जान बूझ कर मामले को लटकाने की कोशिश कर रहे हैं। ताकि गुरचरण सिंह व उसके परिवार को मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जाए।
कंवर पाल गहलोत ने आगे कहा कि वाल्मीकि समाज ने संघर्ष को आगे बढ़ाते हुए निर्णय लिया है कि 13-02-2020 को भारतीय मजदूर संघ व आल कांट्रेकचल कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित नगर निगम चंडीगढ़ का घेराव में शामिल होगा। क्योंकि इन संगठनों ने भी गुरचरण सिंह को दिए गए नोटिस को रद करने और उसकी नौकरी बहाल करने की माग की थी। जिस पर नगर निगम ने कोई निर्णय नहीं लिया । जिसे लेकर वाल्मीकि समाज एवम् सभी कर्मचारियों में असंतोष हैं। उन्होंने बताया कि जब तक उन्हें इंसाफ नही मिलता, ये रोष प्रदर्शन ऐसे ही जारी रहेगा और ऐसे ही पुतले फूंके जाते रहेंगे।
कंवर पाल गहलोत के इलावा कुलदीप ढिंलोढ (टिटा), धर्मगुरु महेंद्र भगत, राजिंदर मकवाना, सुभाष तमोली, राजू कागरा और समय सिंह भी इस अवसर मौजूद थे।

No comments:
Post a Comment