Wednesday 13 March 2019

वायलिन की मधुर स्वर लहरियों एवं भरतनाट्यम, कत्थक एवं उड़ीसी की त्रिवेणी से सजा भास्कर राव का दूसरा दिन

By 121 News

Chandigarh 13th March, 2019:- टैगोर थियेटर में चल रहे 49 वें भास्कर राव नृत्य एवं संगीत सम्मेलन के दूसरे दिन सुप्रसिद्ध वायलिन वादक उस्ताद असगर हुसैन ने मधुर प्रस्तुति देकर दर्शकों की खूब तालियां बटोरी

उस्ताद असगर हुसैन ने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा अपने पिता उस्ताद अनवर हुसैन से प्राप्त की इसके अलावा इन्होंने उस्ताद जहूर अहमद खां एवं उस्ताद इकबाल अहमद खां से प्राप्त की इन्होंने देश ही नहीं विदेशों में भी बहुत सी प्रस्तुतियां देकर दर्शकों का मनोरंजन किया है

दूसरी ओर कुचीपुड़ी नृत्यांगना मीनू ठाकुर गुरू स्वप्नसुंदरी और गुरू जयाराम एवं वनाश्री राव की शिष्या हैं और इन्होंने अपनी कला प्रतिभा का बखूबी प्रदर्शन किया है। वानी माधव ने गुरू राजेन्दर पांडा,गुरू सुधाकर साहू और गुरू दुर्गा चरण रणबीर से नृत्य की शिक्षा प्राप्त की है इन्होंने भी देश ही नहीं विदेशों में भी नृत्य प्रतिभा का प्रदर्शन किया है कत्थक नृत्यांगना स्वाति तिवारी ने गुरू गीतांजलि लाल से नृत्य की शिक्षा प्राप्त की है और कला जगत में अपनी अलग पहचान बनाई है

पारम्परिक द्वीप प्रज्वलन के पश्चात उस्ताद असगर हुसैन ने कार्यक्रम की शुरूआत की जिसमें उन्होंने राग सरस्वती से शुरूआत की इन्होंने आलाप से शुरू करके एक विलम्बित बंदिश पेश की और इसी बंदिश को उन्होंने 11 मात्रा 10मात्रा एवं 9 मात्रा में एक साथ बजाया और यही इनके वायलिन वादन की विशेषता रही कि जिसमें दर्शकों को ज्ञात ही नहीं हुआ कि मात्रा कब कम हो गई उपरांत मध्य लय एवं द्रुत लय तीन ताल में पेश की गई कार्यक्रम का समापन दिल्ली घराने की खास दादरा ''सइयां गए परदेस'' से हुआ जिसे दर्शकों ने खूब सराहा इनके साथ यूपी से संगीत नाटक अकादमी अवार्डी उस्ताद अख्तर हसन ने तबले पर बखूबी संगत की

कार्यक्रम के दूसरे भाग में कुचीपुड़ी नृत्यांगना मीनू ठाकुर कत्थक नृत्यांगना स्वाति तिवारी उड़ीसी नृत्यांगना वानी माधव द्वारा नृत्य की त्रिवेणी पेश की गई जिसमें सबसे पहले जगन्ननाथ अष्टकम पेश किया गया जिसमें इसमें भगवान जगन्ननाथ की महिमा का नृत्य एवं भावों द्वारा खूबसूरत चित्रण किया उपरांत इन तीनों कलाकारों ने कुचीपुड़ी,कत्थक एवं उड़ीसी नृत्य के तकनीकी पक्ष को बखूबी पेश करके तालियां बटोरी।

कार्यक्रम के अगले भाग में अष्टपदी प्रस्तुत की गई जिसमें जयदेव जी द्वारा रचित गीत गोबिंद की सुंदर प्रस्तुति दी गई इस अभिनय पक्ष में इन्होंने भगवान कृष्ण की विभिन्न लीलाओं का सुंदर प्रस्तुतिकरण करके दर्शकों का मनोरंजन किया ।कार्यक्रम के अंतिम भाग में तराना प्रस्तुत किया गया जिसमें पंडित रवि शंकर की रचना पर आधारित तराना पेश किया और तीनों नृत्य की विधाओं का सुंदर मिश्रण देखने योग्य था

कार्यक्रम के समापन पर केन्द्र की रजिस्ट्रार डा..शोभा कौसर,चैयरमैन एस.के.मोंगा एवं सचिव सजल कौसर ने कलाकारों सम्मानित किया।

No comments:

Post a Comment