Saturday 14 July 2018

लोगों में वित्तीय जागरुकता से ही देश का विकास संभव: फाईनैंश्यिल एक्सपर्ट्स

By 121 News

Chandigarh 14th July:- चंडीगढ, देश के हर वर्ग लोगों में वित्तीय जागरुकता प्रदान कर भारत को प्रगति के राह में ले जाया जा सकता है। इसके लिये सरकार के साथ साथ न केवल बैंकों, संबंधित ऐजेंसियों, गैर सरकारी संगठनों के अथक प्रयास कारगर होंगें बल्कि लोगों को अपनी अर्जित कमाई के निवेश पर भी सजग रहना होगा। यह मत आज सिटिंजस एवैरनेस ग्रुप द्वारा प्रैस कल्ब में आयोजित 'इनवेस्टर अवैरनेस इन इकोनोमिक प्रोसपेरिटी ऑफ सिटिजंस' नामक सैमिनार के दौरान उभर कर आये। सैमिनार के दौरान चंडीगढ व ट्राईसिटी के करीब 120 लोगों ने भाग लेकर निवेश के पहलूओं से अवगत हुये। 

अपने संबोधन मे मुम्बई मुख्यालय स्थित नैश्नल स्टॉक एक्सचैंज ऑफ इंडिया के वरिष्ठ अध्यक्ष सुप्रभात लाला ने कहा कि भारत, विश्व में 'सेविंग ग्रेड' की दृष्टि में सर्वोच्च स्थान रखता है परन्तु दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि वे उस पूंजी को बेहतर निवेश व रिटर्न में बदलने में असफल रहते हैं जिसका मुख्य कारण उनके द्वारा वित्तीय सेवाओं की जानकारी का आभाव है। बैंकों के साथ साथ स्टॉक्स, म्यिुचल फंड, बांड्स, मार्केट इनवेस्टमेंट के अनेको विकल्प होने के बावजूद वर्तमान में आवश्यकता है कि छोटे से छोटा, ग्रामीण स्तर के निवेशक अपनी पूंजी के निवेश का बेहतर उपयोग कर सके ।  उन्होंनें बताया कि इस दिशा में एनएसई ने स्कूली स्तर से उच्च निवेशकों के लिये कई प्रोग्राम्स चलायें जा रहें जो काफी सार्थक सिद्व हो रहे हैं। 

मुम्बई स्थित सैक्योरिटी एक्सचैंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) के चीफ जनरल मैनेजर एन हरिहरण ने अपने संबोधन को कहा कि निवेशक स्कीमों में निवेश करने से पूर्व कंपनी की पूरी जानकारी के साथ साथ यह अवश्य जांच ले की वह सेबी से पंजीकृत है या नहीं। उन्होंनें बताया कि निवेशक शेयर संबधी मामलों के लिये सेबी जबकि बीमा संबंधी समाधानों के लिये आईआरडीए की शरण ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि सेबी ने आईपीओ में निवेश करने वालों निवेशको को राहत देने के लिये एएसबीए यानि एप्लीकेशन सर्पोटिड बाय ब्लाक्ड अमाउंट की शुरुआत की है और केवाईसी जैसी औपचारिकता को सरल बनाया है । 

नई दिल्ली स्थित सेबी के डीजीएम सूर्य कांत शर्मा ने दुख जताया कि भारतीय जीवन बीमा निगम के पास वर्तमान में 28 हजार करोड रुपये 'अनक्लैम्ड' है जिसमें से अधिकतर पैसा गरीबों की घाढी कमाई का है। इस अनक्लैम्ड को मुख्य कारण निवेशक द्वारा अपने परिवार वालों को न बताना और अन्य लापरवाही है। उन्होंनें बताया कि निवेशक अपने निवेश की जानकारी अपने परिवारजन को अवश्य दें।

इस अवसर पर नई दिल्ली स्थित एनएसआई वरिष्ठ अध्यक्ष रेणू भंडारी, सेबी के क्षेत्रीय निदेशक सुनील कदम, सिटिजंस अवैरनेस ग्रुप के चैयरमेन सुरेन्द्र वर्मा सहित अन्य विशेषज्ञों ने निवेश संबंधी पहलूओं और सरकारी की योजनाओं पर प्रकाश डाला । 


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