By 121 News
Chandigarh 08th December:- सेक्टर सत्रह स्थित एग्जन हॉस्पिटल नजदीक गौरी शंकर मंदिर पंचकूला में एक्यूप्रेशर क्लिनिक का शुभारंभ हो गया है। इस मौके पर क्लीनिंग के मालिक संदीप कुमार ने बताया कि एक्यूप्रेशर से नाभि डिसऑर्डर, सर्वाइकल, माइग्रेन,साइटिका, डिप्रेशन, फ़ैंटिंग, साइनस ट्रबल स्नीजिंग, कॉन्स्टिपेशन, स्लिप डिस्क जॉइंट पेन, फ्रोजन शोल्डर, इंसोमेनिया आदि बीमारियों का निवारण एक्यूप्रेशर से संभव हो चुका है उन्होंने बताया कि नाभि डिसऑर्डर के साथ 72000 बीमारियां जुड़ी हुई है। उन्होंने बताया कि एक्यूप्रेशर से कई तरह की बीमारियों का बिना दवाई के इलाज संभव है। ओम प्रकाश ने बताया कि एक्यूपंक्चर पॉइंट से भिन्न भिन्न दर्दों से राहत मिलती है। नेचुरोपैथी की तरह एक्यूप्रेशर का भी कोई साइड इफेक्ट नहीं है। यदि नाभि को ठीक कर दिया जाए तो नॉर्मल हो सकते हैं एक्यूप्रेशर शरीर के विभिन्न हिस्सों के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर दबाव डालकर रोग के निदान करने की विधि है। उन्होंने बताया कि चिकित्सा शास्त्र की इस शाखा का मानना है कि मानव शरीर पैर से लेकर सिर तक आपस में जुड़ा है। हजारों नसें, रक्त धमनियां, मांसपेशियां, स्नायु और हड्डियों के साथ अन्य कई चीजें आपस में मिलकर इस मशीन को बखूबी चलाती हैं। किसी एक बिंदु पर दबाव डालने से उससे जुड़ा पूरा भाग प्रभावित होता है।
डॉ. सुरेंदर बताया कि इसके अंतर्गत लगातार अध्ययनों के बाद मानव शरीर में कई ऐसे बिंदु चिन्हित किए गए हैं, जिन्हें एक्यूप्वाइंट कहा जाता है। जिस जगह दबाव डालने से दर्द हो उस जगह दबने से सम्बन्धित बिनदु कि बीमारी दूर होती है।
इन प्वाइंट्स को दबाने से लगभग हर तरह के दर्द और हेल्थ प्रॉब्लम में राहत मिल सकती हैं। जोइनिंग द वैली से प्वॉइंट अंगूठे और इंडेक्स फिंगर के बीच की चमड़ी वाली जगह पर रहता है। यहां दबाने से हैडेक, दांत का दर्द, गर्दन का दर्द, कंधे का दर्द, आर्थराइटिस, कब्ज़ और हैंगओवर में फायदा मिलता हैं।
देशराज ने बताया कि पेरीकार्डियम से प्वाइंट हथेलियों से लगभग दो अंगुल नीचे कलाई पर होता है। यहां दबाने से बेचैनी, मोशन सिकनेस, वॉमिटिंग, पेट की गड़बड़ी, हैडेक, चेस्ट पेन और हाथों के राहत मिलती है। थर्ड आई से प्वाइंट माथे पर नाक के ऊपर दोनों आइब्रो के बीच में रहता है। यहां दबाने से मानसिक शांति, मेमोरी पॉवर, स्ट्रेस, थकान, हैडेक, आंख में दर्द और नींद की बीमारी में फायदा होता है। सी ऑफ़ ट्रंक्वालिटी से प्वाइंट छाती के बीचों बीच रहता है। यहां दबाने से शांति, एंग्जाइटी, नर्वसनेस, डिप्रेशन, हिस्टीरिया और इमोशनल प्रॉबल्म में फायदा होता है। लेग थ्री माइल्स से प्वाइंट घुटनों के नीचे लगभग चार अंगुल की दूरी पर होता है। यहां दबाने से इनडाइजेशन, डायरिया, कब्ज़, पेट फूलना, गैस, पेट दर्द, उलटी जैसी प्रॉब्लम में फायदा होता है। कमांडिंग मिडिल से प्वाइंट घुटनों के ठीक पीछे गद्देदार जगह पर होता है। यहां दबाने से बैक पेन, कमर में अकड़न, घुटनों में आर्थराइटिस, बैक और हिप्स के अलावा साइटिका में फायदा होता है। हेवनली पिलर से प्वाइंट गर्दन और खोपड़ी के जोड़ पर पीछे की ओर होते हैं। यहां दबाने से स्ट्रेस, एंग्जाइटी, थकान, हैडेक, गर्दन का दर्द और नींद की बीमारी में फायदा होता है। सैकरल प्वाइंट्स से ढेर सारे प्वाइंट्स रीढ़ की हड्डी के एकदम नीचे टेल बोन के पास होते हैं। यहाँ दबाने से साइटिका, लोवर बैक पेन, पीरियड्स की तकलीफ में फायदा होता हैं। बिगर रशिंग से प्वाइंट पैरों में अंगूठे और बड़ी उंगली के बीच की जगह पर होता है। यहां दबाने से हैडेक, आंखों की थकान, हैंगओवर में फायदा होता है। इम्यून सिस्टम बेहतर होता हैं। संदीप कुमार ने बताया कि शरीर पर मौजूद कुछ बिंदु कई रोगों का उपचार करने की क्षमता रखते हैं। इसमें माइग्रेन से लेकर पीठ या कमर दर्द, जोड़ों के दर्द आदि शामिल हैं। जब शरीर के किसी भाग में किसी भी तरह रुकावट आती है, एक्यूप्रेशर के माध्यम से बल प्रेषित होकर, बाधा दूर करता है और रक्तप्रवाह, ऑक्सीजन और सकारात्मक ऊर्जा के समुचित प्रवाह की सुनिश्चित करता हैं। एक्यूप्रेशर के लिए, एक कुशल चिकित्सक की आवश्यकता होती है। यह मांसपेशियों के तंन्दुरुस्ती में मदद करता है और त्वचा की बनावट में सुधार करने के लिए एक सौंदर्य उपचार के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता हैं। एक्यूप्रेशर आपके अन्य चिकित्सा उपचार के साथ भी इस्तेमाल किया जा सकता है। एक्यूप्रेशर में एक दबाव बिंदू के लिये दो संदर्भित फ्रेम, केन्द्रीय बिन्दु और ट्रिगर बिंदु होती हैं। जब एक खास बिंदु पर दबाव जोर से होता है,तब केन्द्र बिंन्दु का प्रयोग किया जाता है और ट्रिगर बिंदु का प्रयोग बिंदू के पास में दबाव डालने के लिये किया जाता है। पीठ दर्द, थकान, सिरदर्द, चिंता, तनाव, और अकेलेपन के लिए एक्यूप्रेशर आश्चर्य़कारक काम करता है।
Chandigarh 08th December:- सेक्टर सत्रह स्थित एग्जन हॉस्पिटल नजदीक गौरी शंकर मंदिर पंचकूला में एक्यूप्रेशर क्लिनिक का शुभारंभ हो गया है। इस मौके पर क्लीनिंग के मालिक संदीप कुमार ने बताया कि एक्यूप्रेशर से नाभि डिसऑर्डर, सर्वाइकल, माइग्रेन,साइटिका, डिप्रेशन, फ़ैंटिंग, साइनस ट्रबल स्नीजिंग, कॉन्स्टिपेशन, स्लिप डिस्क जॉइंट पेन, फ्रोजन शोल्डर, इंसोमेनिया आदि बीमारियों का निवारण एक्यूप्रेशर से संभव हो चुका है उन्होंने बताया कि नाभि डिसऑर्डर के साथ 72000 बीमारियां जुड़ी हुई है। उन्होंने बताया कि एक्यूप्रेशर से कई तरह की बीमारियों का बिना दवाई के इलाज संभव है। ओम प्रकाश ने बताया कि एक्यूपंक्चर पॉइंट से भिन्न भिन्न दर्दों से राहत मिलती है। नेचुरोपैथी की तरह एक्यूप्रेशर का भी कोई साइड इफेक्ट नहीं है। यदि नाभि को ठीक कर दिया जाए तो नॉर्मल हो सकते हैं एक्यूप्रेशर शरीर के विभिन्न हिस्सों के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर दबाव डालकर रोग के निदान करने की विधि है। उन्होंने बताया कि चिकित्सा शास्त्र की इस शाखा का मानना है कि मानव शरीर पैर से लेकर सिर तक आपस में जुड़ा है। हजारों नसें, रक्त धमनियां, मांसपेशियां, स्नायु और हड्डियों के साथ अन्य कई चीजें आपस में मिलकर इस मशीन को बखूबी चलाती हैं। किसी एक बिंदु पर दबाव डालने से उससे जुड़ा पूरा भाग प्रभावित होता है।
डॉ. सुरेंदर बताया कि इसके अंतर्गत लगातार अध्ययनों के बाद मानव शरीर में कई ऐसे बिंदु चिन्हित किए गए हैं, जिन्हें एक्यूप्वाइंट कहा जाता है। जिस जगह दबाव डालने से दर्द हो उस जगह दबने से सम्बन्धित बिनदु कि बीमारी दूर होती है।
इन प्वाइंट्स को दबाने से लगभग हर तरह के दर्द और हेल्थ प्रॉब्लम में राहत मिल सकती हैं। जोइनिंग द वैली से प्वॉइंट अंगूठे और इंडेक्स फिंगर के बीच की चमड़ी वाली जगह पर रहता है। यहां दबाने से हैडेक, दांत का दर्द, गर्दन का दर्द, कंधे का दर्द, आर्थराइटिस, कब्ज़ और हैंगओवर में फायदा मिलता हैं।
देशराज ने बताया कि पेरीकार्डियम से प्वाइंट हथेलियों से लगभग दो अंगुल नीचे कलाई पर होता है। यहां दबाने से बेचैनी, मोशन सिकनेस, वॉमिटिंग, पेट की गड़बड़ी, हैडेक, चेस्ट पेन और हाथों के राहत मिलती है। थर्ड आई से प्वाइंट माथे पर नाक के ऊपर दोनों आइब्रो के बीच में रहता है। यहां दबाने से मानसिक शांति, मेमोरी पॉवर, स्ट्रेस, थकान, हैडेक, आंख में दर्द और नींद की बीमारी में फायदा होता है। सी ऑफ़ ट्रंक्वालिटी से प्वाइंट छाती के बीचों बीच रहता है। यहां दबाने से शांति, एंग्जाइटी, नर्वसनेस, डिप्रेशन, हिस्टीरिया और इमोशनल प्रॉबल्म में फायदा होता है। लेग थ्री माइल्स से प्वाइंट घुटनों के नीचे लगभग चार अंगुल की दूरी पर होता है। यहां दबाने से इनडाइजेशन, डायरिया, कब्ज़, पेट फूलना, गैस, पेट दर्द, उलटी जैसी प्रॉब्लम में फायदा होता है। कमांडिंग मिडिल से प्वाइंट घुटनों के ठीक पीछे गद्देदार जगह पर होता है। यहां दबाने से बैक पेन, कमर में अकड़न, घुटनों में आर्थराइटिस, बैक और हिप्स के अलावा साइटिका में फायदा होता है। हेवनली पिलर से प्वाइंट गर्दन और खोपड़ी के जोड़ पर पीछे की ओर होते हैं। यहां दबाने से स्ट्रेस, एंग्जाइटी, थकान, हैडेक, गर्दन का दर्द और नींद की बीमारी में फायदा होता है। सैकरल प्वाइंट्स से ढेर सारे प्वाइंट्स रीढ़ की हड्डी के एकदम नीचे टेल बोन के पास होते हैं। यहाँ दबाने से साइटिका, लोवर बैक पेन, पीरियड्स की तकलीफ में फायदा होता हैं। बिगर रशिंग से प्वाइंट पैरों में अंगूठे और बड़ी उंगली के बीच की जगह पर होता है। यहां दबाने से हैडेक, आंखों की थकान, हैंगओवर में फायदा होता है। इम्यून सिस्टम बेहतर होता हैं। संदीप कुमार ने बताया कि शरीर पर मौजूद कुछ बिंदु कई रोगों का उपचार करने की क्षमता रखते हैं। इसमें माइग्रेन से लेकर पीठ या कमर दर्द, जोड़ों के दर्द आदि शामिल हैं। जब शरीर के किसी भाग में किसी भी तरह रुकावट आती है, एक्यूप्रेशर के माध्यम से बल प्रेषित होकर, बाधा दूर करता है और रक्तप्रवाह, ऑक्सीजन और सकारात्मक ऊर्जा के समुचित प्रवाह की सुनिश्चित करता हैं। एक्यूप्रेशर के लिए, एक कुशल चिकित्सक की आवश्यकता होती है। यह मांसपेशियों के तंन्दुरुस्ती में मदद करता है और त्वचा की बनावट में सुधार करने के लिए एक सौंदर्य उपचार के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता हैं। एक्यूप्रेशर आपके अन्य चिकित्सा उपचार के साथ भी इस्तेमाल किया जा सकता है। एक्यूप्रेशर में एक दबाव बिंदू के लिये दो संदर्भित फ्रेम, केन्द्रीय बिन्दु और ट्रिगर बिंदु होती हैं। जब एक खास बिंदु पर दबाव जोर से होता है,तब केन्द्र बिंन्दु का प्रयोग किया जाता है और ट्रिगर बिंदु का प्रयोग बिंदू के पास में दबाव डालने के लिये किया जाता है। पीठ दर्द, थकान, सिरदर्द, चिंता, तनाव, और अकेलेपन के लिए एक्यूप्रेशर आश्चर्य़कारक काम करता है।
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