By 121 News
Chandigarh 02nd August:- सावन मास की शिवरात्रि सेक्टर 28 स्थित श्री खेड़ा शिव मंदिर में बड़े ही श्रद्धा भाव से मनाई गई इस अवसर पर मंदिर में भजन संध्या का आयोजन किया गया। जिसमें भगवान शिव शंकर की भक्ति का गुणगान किया गया। मंदिर के आचार्य धर्मेन्द्र शर्मा तथा गायक रविकांत शर्मा ने भगवान के मन मोह लेने वाले भजनों से उपस्थित श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। भगवान के सुंदर भजनों में आचार्य धर्मेन्द्र द्वारा भोले को कैसे मैं मनाऊ रे.., शिव कैलाशों के वासी.., मुझे अपने चरणों का देना सहारा..., मेरा भोला भण्डारी, जटाधारी, अम्ली.., जैसे कई संदुर भजन गा कर श्रद्धालुओं को कई घंटों तक समां बांधे रखा। भजनों के साथ ही उन्होंने भगवान शिव की महिमा का गुणगान भी किया।
भजन संध्या से पूर्व मंदिर में प्रात:काल शिव भगवान का यजुर्वेद वैदिक मंत्रों से दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, पंचामृत से रूद्राभिषेक किया गया। इस दौरान मंदिर के पुजारी पं. सुभाष शास्त्री, पं. ईश्वर चंद्र शास्त्री, पं. राकेश तिवारी पं. मुन्नी लाल शर्मा तथा संत महात्मा भी उपस्थित थे। तद्पश्चात् भगवान शिव की आरती विधि विधान के साथ की गई। भगवान शिव के जयकारे लगाये गये।
इस अवसर पर मंदिर के पं. तथा कथा व्यास ईश्वर चंद्र शास्त्री ने श्रद्धालुओं को प्रवचन देते हुए कहा कि यह शिवरात्रि अत्यधिक फलदायी है और इसका महत्व सोमवार होने के कारण और भी बढ गया है। उन्होंने बताया भगवान शिव भोले है और शीघ्र ही प्रसन्न हो जाते है। उन्होंने बताया कि भगवान शिव ही रूद्रा रूप में प्रकट होकर भी भोले नाथ सृष्टि का संहार भी करते है। शिव आराधना सुलभ है, पुष्प फल, जल, ऊॅं नम: शिवाय के मंत्र जाप से ही भगवान शंकर प्रसन्न हो जाते है। महामृत्यंजय के मंत्र से सभी रोगों का नाश होता है और अकाल मृत्यु भी टल जाती है।
ईश्वर चंद्र शास्त्री जी ने बताया कि द्वादश ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने का और पूजा करने का जो फल शास्त्रों में बताया गया है वही फल शिवरात्रि का व्रत करने से एवं शिवरात्रि के दिन शिवार्चन करने से प्राप्त होता है। इसलिए शिवरात्रि की इतनी महिमा है।
उन्होंने बताया कि सावन माह में मंदिर में शिव महापुराण की कथा प्रति दिन सायं 6 से 7 बजे तक आयोजित होती है।
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