Saturday, 2 April 2016

DAV College Hold its Annual Convocation

By 121 News

Chandigarh 02nd April:- डी वी ऐसा आन्दोलन है जिसने भारत की पहचान को पुनः जीवित किया है। एक हजार साल तक गुलामी झेल चुके देश को अपनी पहचान स्थापित करने के लिए स्वदेशी ढंग की शिक्षा प्रदान करने की जरूरत थी जिसकी नींव स्वामी दयानन्द ने रखी और डी वी  ने उसका प्रसार किया। ये उद्गार हरियाणा पंजाब के राज्यपाल और संघीय क्षेत्र, चण्डीगढ के प्रशासक प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने आज डी ए वी कालेज, सेक्टर-10 के दीक्षांत समारोह में बोलते हुए व्यक्त किए।

प्रो. सोलंकी ने कहा कि पराधीनता के समय भारत के लिए शिक्षा-पद्धति बनाने वाले लार्ड मैकोले ने कहा था कि हम भारत के लिए ऐसी शिक्षा लाएंगे जिसे पाकर व्यक्ति देखने में तो हिन्दुस्तानी लगेंगे लेकिन असल में वे अंग्रेज होंगे। लार्ड मैकोले जानते थे कि यदि भारत की संस्कृति और शिक्षा को नष्ट कर दिया जाए तो अंग्रेज यहां लंबे समय तक शासन कर सकते थे। मैकोले की इस शिक्षा पद्धति का सही जबाब डी..वी. ने दिया है, जिसने वैदिक शिक्षा को आधार बनाया और साथ ही पाश्चात्य भौतिक शिक्षा भी प्रदान की। इस प्रकार दयानन्द एंग्लो वैदिक शिक्षण संस्थानों ने 'कृणवन्तो विश्वं आर्यम्' की तर्ज पर  विश्व को महामानव प्रदान किए हैं। 

राज्यपाल ने कहा कि दयानन्द एंग्लो वैदिक का अर्थ ही पूर्व और पाश्चात्य का समन्वय है। इस प्रकार इस शिक्षा में व्यापकता है और भारतवर्ष अपनी व्यापकता के लिए ही जाना जाता है। इसका एक उदाहरण शिकागो में 1893 में सर्वधर्म सम्मेलन में स्वामी विवेकानन्द द्वारा विश्व को दिया गया सर्वधर्म समभाव का संदेश है। उन्होंने विद्यार्थियों से अनुरोध किया कि वे डी..वी. की महान परम्परा को आगे बढाते हुए देश समाज की सेवा करें। इससे पहले राज्यपाल ने पंजाब विश्वविद्यालय की विभिन्न परीक्षाओं, खेलों और सांस्कृतिक गतिविधियों में मैडल प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया।

दीक्षांत समारोह में बोलते हुए डी,.वी. केन्द्रीय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष के सलाहकार एच.आर.गंधार ने देशभर में डी..वी की उपलब्धियों के बारे में बताया। कालेज के प्राचार्य डा. बी. सी. जोशन ने अतिथियों का स्वागत किया और कालेज की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। 

इस अवसर पर डी..वी केन्द्रीय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष जस्टिस अमरजीत चैधरी, चण्डीगढ के मेयर अरूण सूद आदि उपस्थित थे।

 

No comments:

Post a Comment