By 121 News Reporter
Chandigarh 26th February:-- इनेलो के निलम्बित 25 विधायकों ने बुधवार को हरियाणा विधानसभा के बाहर धरना देकर समानांतर सत्र चलाकर हुड्डा सरकार को जनविरोधी बताते हुए सरकार के घपलों, घोटालों और भ्रष्टाचार को खुलकर उजागर किया और कहा कि आज सरकार से समाज का हर वर्ग बेहद नाराज और परेशान है व जल्द से जल्द इससे छुटकारा पाना चाहता है। इनेलो विधायकों द्वारा दिए जा रहे धरने व समानांतर सत्र का जब चंडीगढ़ पुलिस ने यह कहते हुए विरोध जताया कि यहां पर धारा 144 लगी हुई है तो इनेलो विधायक पुलिस की मौजूदगी में विधानसभा से लेकर हाईकोर्ट चौक तक पैदल सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए हरियाणा एमएलए होस्टल तक पहुंचे और फिर एमएलए होस्टल के समक्ष धरना दिया और समानांतर सत्र चलाया। जुलाना के विधायक परमिंद्र सिंह ढुल ने इस समानांतर सत्र में स्पीकर की भूमिका निभाई। इनेलो विधायकों व पुलिस के बीच थोड़ी नोक झोंक भी हुई।
समानांतर सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा में भाग लेते हुए कलायत के विधायक रामपाल माजरा, इसराना के विधायक कृष्ण पंवार, मोहम्मद इलियास व कर्नल रघुबीर सिंह ने प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति और किसानों की दयनीय हालत का उल्लेख करते हुए कहा कि मौजूदा सरकार किसान विरोधी सरकार है और किसानों को उनकी फसलों के पूरे दाम नहीं मिलते। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री यदि अपने आपको किसान हितैषी होने का दावा करते हैं तो उन्हें सेज के नाम पर किसानों से ली गई सभी जमीनें वापिस किसानों को लौटानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले नौ सालों के दौरान हुड्डा सरकार ने एसवाईएल को पूरा करवाना तो दूर इसके लिए कोई प्रयास तक नहीं किया। उन्होंने कहा कि सरकार रेणुका, किसाऊ और लखवार बांध बनवाने में भी विफल रही है। उन्होंने प्रदेश में सडक़ों की हालत खराब होने और वन विभाग के घोटालों को दबाने का भी आरोप लगाया।
रामपाल माजरा ने कहा कि बिजली के मामले में सरकार ने अपने थर्मल पावर प्लांट बंद करके टाटा, अदानी व एमजीआर को फायदा पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि आज सहकारी बैंक बंद होने के कगार पर हैं और किसानों से कर्जा वसूली के नाम पर उन्हें सजा करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार खानों की नीलामी में 2133 करोड़ रुपए वसूली की बात कह रही है। पिछले चार सालों में खानों की नीलामी करवाने की बजाय इससे होने वाली आमदनी कांग्रेसी नेताओं की जेबों में गई और लोगों को सस्ता बिल्डिंग मैटीरियल उपलब्ध करवाने के लिए सरकार ने कोई प्रयास नहीं किए। उन्होंने कहा कि सीएलयू देने व सीएलयू के नाम पर घोटाले करने में व्यस्त रही और घोटालों का पर्दाफाश करने वाले अशोक खेमका व संजीव चतुर्वेदी अधिकारियों का उत्पीडऩ करने में लगी रही। उन्होंने कहा कि शिक्षा के मामले में हरियाणा पिछड़ता जा रहा है और साक्षरता में हरियाणा 15वें स्थान पर है। उन्होंने गेस्ट टीचरों को पक्का करने और शिक्षकों के खाली 40 हजार पद भरे जाने की भी मांग करते हुए एजुसेट, कम्प्यूटर व बायो मैट्रिक मशीनें खराब होने का आरोप लगाते हुए इसकी खरीद में भी घोटाले किए जाने का आरोप लगाया।
ऐलनाबाद के विधायक चौधरी अभय सिंह चौटाला व पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने भी विधानसभा में निलम्बित विधायकों को वापिस बुलाए जाने की मांग उठाने के बाद जब उनकी मांग स्वीकार नहीं की गई तो वे भी विधानसभा सत्र का बहिष्कार कर विधायक होस्टल के समक्ष धरना दे रहे व समानांतर सत्र चला रहे विधायकों के साथ आ बैठे। उन्होंने कहा कि हुड्डा सरकार अपने घपलों, घोटालों और भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने के लिए तानाशाहीपूर्वक रवैया अपना रही है। हर विधानसभा सत्र में इनेलो विधायकों को निलम्बित कर बाहर कर दिया जाता है और उनके संवैधानिक अधिकारों की हत्या की जा रही है। उन्होंने हुड्डा सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं का गला घोंटने का भी आरोप लगाया और कहा कि सरकार लोकायुक्त जैसी संवैधानिक संस्थाओं का भी अपमान कर रही है। उन्होंने कहा कि रामकिशन फौजी सीडी मामले में सरकार ने जांच लोकायुक्त को सौंपी थी। इस सीडी में रामकिशन फौजी को पांच करोड़ रुपए सीएलयू दिलाने के नाम पर मांगते हुए दिखाया गया था। उन्होंने कहा कि सरकार ने लोकायुक्त की सिफारिश पर रामकिशन फौजी के खिलाफ पीसी एक्ट में एफआईआर दर्ज करने की बजाय पुनर्विचार याचिका दायर की। यह याचिका रद्द होने के बाद भी सरकार फौजी के खिलाफ मामला दर्ज करने की बजाय भ्रष्ट लोगों को संरक्षण दे रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की एक महिला मंत्री व उनकी सांसद बेटी पर हत्या के आरोप लग रहे हैं। महिला मंत्री अपनी सरकार में बैठे लोगों पर साजिश का आरोप लगा रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार या तो साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार करे या फिर अगर मंत्री हत्या में शामिल है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। इस समानांतर सत्र में निरंतर विधायकों में हल्की फुल्की नोक झोंक भी होती रही।
पूर्व मंत्री जगदीश नैयर, नसीम अहमद, प्रदीप चौधरी, सरोज मोर व राव बहादुर सिंह ने सरकार पर नरेगा में हुए घोटालों पर पर्दा डालने का प्रयास किया और कहा कि अम्बाला में हुए 25 करोड़ रुपए के नरेगा घोटाले की जांच अभी तक लम्बित है। उन्होंने सरकार पर अनापशनाप प्रॉपर्टी टैक्स लगाने और सरकारी की औद्योगिक नीति को पूरी तरह विफल बताते हुए कहा कि प्रदेश में नए उद्योग नहीं लग पाए जिसकी वजह से कोई निवेश नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि हरियाणा पीने के स्वच्छ पानी की सप्लाई सुनिश्चित करने में भी विफल रहा है। विधायक धर्मपाल ओबरा, कलीराम पटवारी, डॉ. हरिचंद मिड्ढा व अशोक कश्यप ने हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाओं की खराब स्थिति का मुद्दा उठाते हुए कहा कि आज अनीमिया मातृत्व मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर के मामले में हरियाणा की हालत बेहद खराब है। कैंसर, हैपेटाइटस-बी और एडस जैसी बीमारियां फैल रही हैं और प्रदेश में डॉक्टरों की बेहद कमी है।
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