चितकारा यूनिवर्सिटी के प्रो-चांसलर डॉ मधु चितकारा ने भारत में एफएसएआई द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की। डॉ चितकारा के दूरदर्शी नेतृत्व में यूनिवर्सिटी हमेशा आगे बढ़ा रही है और इस तरह की पहल को बढ़ावा देता है।
एफएसएआई के नेशनल प्रेजिडेंट अजीत राघवन ने यूनिवर्सिटी के छात्रों में फायर सेफ्टी और सिक्योरिटी से संबंधित मुद्दों के बारे में अधिक जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, "फायर एंड सिक्योरिटी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएसएआई) 2002 में स्थापित एक गैर-लाभकारी संगठन है जो अग्नि सुरक्षा, जीवन रक्षा, सुरक्षा, भवन स्वचालन, हानि निवारण और जोखिम प्रबंधन उद्योग का प्रतिनिधित्व करता है। हम में से अधिकांश के लिए यह दूसरा काम है, स्वैच्छिक कार्य जो हमें समाज में योगदान करने की संतुष्टि देता है।
एफएसएआई के चंडीगढ़ चैप्टर के प्रेसिडेंट, आर्किटेक्ट सुरिंदर बाहगा ने एफएसएआई द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी दी, छात्रों का परिचय दिया और टीम ने नए छात्र पदाधिकारियों को प्रमाण पत्र वितरित किए। इशिता कुकरेजा को स्टूडेंट चैप्टर प्रेसिडेंट; तन्वी खेत्री, स्टूडेंट चैप्टर सेक्रेटरी; चिरायु जैन, एंजेला रॉय, आयुष गुप्ता, अतुल मेहता, साक्षी शर्मा और अजयवीर सिंह एफएसएआई क्लास रिप्रेजेंटेटिव तथा लोहित जैन, फैकल्टी कॉर्डिनेटर पद दिया गया।
बाहगा ने चितकारा यूनिवर्सिटी के प्रो-चांसलर को "मोदी@20" पर एक किताब भी भेंट की। चितकारा यूनिवर्सिटी और एफएसएआई के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए गए।
कार्यक्रम की विशेषता पर डॉ मंजरी खन्ना-कपूर ने चर्चा की, जो डीन यूआईडी स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर, जीडी गोयनका यूनिवर्सिटी हैं। "इमारतों में सुरक्षा" शीर्षक से, उन्होंने दुनिया भर में बढ़ते आतंकवाद और कानून और व्यवस्था के मुद्दों को ध्यान में रखते हुए इमारतों के डिजाइन चरण से सुरक्षा कोण पर विचार करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। इस मौके पर स्टूडेंट चैप्टर की नवनिर्वाचित प्रेसिडेंट इशिता कुकरेजा ने भी अपने विचार प्रकट किए। प्रो कनिका बंसल, डीन-एडवांस्ड स्टडीज, सीएसपीए के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इसमें 150 छात्रों और शिक्षकों ने भाग लिया। एफएसएआई कोर कमेटी के चंडीगढ़ चैप्टर से अमित शर्मा, गुरसिमरन, जसजोत व सुमन कौशिक भी मौजूद रहे।
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