By 121 News
Chandigarh Oct.11, 2020:-ट्राइसिटी ( चण्डीगढ़-पंचकूला-मोहाली) के मंदिरों के पुजारीगणों व अन्य स्वर्ण जातियों के अग्रणी नेतागणों ने आज से. 30 स्थित महाकाली मंदिर के आगे विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन की अगुआई राकेश पाल मोदगिल ( प्रधान, महाकाली मंदिर एवं राधा कृष्ण मंदिर ), बलविंदर शर्मा अत्री ( पूर्व सरपंच एवं नेशनल एग्जीक्यूटिव मेंबर, भारतीय जनता पार्टी), शशिशंकर तिवारी (महामंत्री, चण्डीगढ़ कांग्रेस ), मोनिका अरोड़ा (प्रेसिडेंट, वूमेन पावर सोसाइटी ऑल इंडिया), जगदंबा प्रसाद रतूड़ी ( प्रेसिडेंट, देवालय पूजक परिषद, मोहाली-चण्डीगढ़-पंचकूला) एवं कई गणमान्य और ब्राह्मण समाज के हित चिंतक सनातन धर्मी करीबन 700 से 800 लोग इकट्ठे हुए और उन्होंने पिछले दिनों विभिन्न राज्यों में ब्राह्मणो के खिलाफ हो रही घटनाओं व अत्याचारों पर रोष प्रकट किया और चेतावनी दी कि ब्राह्मण समाज, क्षत्रिय समाज, अग्रवाल समाज एवं दूसरी अग्रिम जातियां किसी की गुलाम या भगत नहीं है।
जब हमारे सनातन धर्म का अग्रणी वेदों का ज्ञाता ब्राह्मण बगैर किसी लोभ लालच के समाज को आशीर्वाद देता है और इस समुदाय ने मुगलों के आक्रमण के दौर में जब वह हमारे वेद ग्रंथों को जला रहे थे तो उन्हें वेद ग्रंथों को कंठस्थ यानी कि पढ़कर याद कर लिया और दोबारा से फिर उनको लिखा। इस समुदाय के लोगों के साथ बीते 70 साल से फायदा लेने वाले अनुसूचित जाति के लोगों द्वारा दुष्कर्म व हत्याएं किये जाने पर केंद्र सरकार एवं राजस्थान सरकार की चुप्पी का सख्त विरोध करते हैं और करते रहेंगे। मोदगिल ने कहा कि हिंदुस्तान में टैक्स इनकम टैक्स जो है वह अधिकतम स्वर्ण जातियां देती हैं और जो मुफ्त में अनाज, भोजन, एजुकेशन में सब्सिडी अनुसूचित जाति जनजाति एवं मुस्लिम समाज को दी जाती है।
यहाँ मौजूद प्रदर्शनकारियो ने सनातन धर्म के जय घोष- जयकारा वीर बजरंगी, हर हर महादेव, जो हमसे टकराएगा चूर चूर हो जाएगा एवं भारत माता की जय की जय घोष बुलंद किए गए और सरकार से राजस्थान की और केंद्र सरकार से पुरजोर मांग की गई कि स्वर्ण जातियों पर प्रशासनिक अत्याचार जातीय अत्याचार अब ज्यादा देर सहन नहीं होगा। सरकारें इस पर जल्द से जल्द निर्णय लें और 70 साल से जो जो कुछ वर्गों को आरक्षण हर चीज में दिया जा रहा है जो की पीढ़ी दर पीढ़ी हो चला है उसको बंद करने की भी मांग की।
इस अवसर पर मुनीश तिवारी, यशपाल तिवारी (ब्राह्मण सभा, परशुराम भवन ), उमा शंकर पांडेय, व विजय सिंह भरद्वाज (अंतराष्ट्रीय हिन्दू परिषद्) आदि भी मौजूद रहे।
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