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Thursday, 21 November 2024

सादा शादियाँ एवं आध्यात्म का अनुपम दृश्य निरंकारी सामूहिक विवाह

By 121 News
Chandigarh, Nov.21, 2024:- आज संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल समालखा में निरंकारी सामूहिक सादा शादियों का एक ऐसा अनुपम दृश्य प्रदर्शित हुआ जिसमें भारतवर्ष के विभिन्न राज्यों जैसे पंजाब, हरियाणा, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर, मध्य प्रद्रेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल के अतिरिक्त दूर देशों जिनमें आस्ट्रेलिया, यू.एस.ए. इत्यादि प्रमुख है से शामिल हुए लगभग 96 नव युगल सत्गुरु माता जी एवं आदरणीय निरंकारी राजपिता जी की पावन हजूरी में परिणय सूत्र में बंधे तथा अपने मंगलमयी जीवन की कामना हेतु पावन आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर निरंकारी मिशन के अधिकारीगण, वर-वधू के माता-पिता, सगे-सम्बन्धी एवं मिशन के अनेक श्रद्धालु भक्तों की उपस्थिति रहीं। सभी ने इस दिव्य नजारे का भरपूर आनंद प्राप्त किया। यह जानकारी समाज कल्याण विभाग की ओर से संत निरंकारी मंडल के सचिव आदरणीय जोगिन्दर सुखीजा ने दी 

सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आरम्भ पारम्परिक जयमाला एवं निरंकारी शादी के विशेष चिन्ह सांझा-हार द्वारा हुआ। उसके उपरांत भक्तिमय संगीत के साथ मुख्य आकर्षण के रूप में निरंकारी लावों का हिंदी भाषा में प्रथम बार गायन हुआ जिसकी प्रत्येक पंक्ति में नव विवाहित युगलों के सुखमयी गृहस्थ जीवन हेतु अनेक कल्याणकारी शिक्षाएं प्रदत्त थी। नव विवाहित युगलों पर सत्गुरु माता जी, निरंकारी राजपिता जी एवं वहां उपस्थित सभी जनों द्वारा पुष्प-वर्षा की गई और उनके कल्याणमयी जीवन हेतु भरपूर आशीर्वाद प्रदान किया गया। 

उल्लेखनीय है कि प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला यह पावन आयोजन अपनी सादगी बिखेरता हुआ जाति, धर्म, वर्ण, भाषा जैसी संकीर्ण विभिन्नताओं से ऊपर उठकर एकत्व का सुदंर स्वरूप प्रदर्शित करता है।

नव विवाहित जोड़ों को आशीर्वाद प्रदान करते हुए सतगुरु माता जी ने फरमाया कि गृहस्थ जीवन के पवित्र बंधन में नर और नारी दोनों का ही समान स्थान होता है जिसमें कोई बड़ा अथवा छोटा नहीं अपितु दोनों की महत्ता बराबर की होती है। यह एक अच्छी सांझेदारी का उदाहरण है। 

सतगुरु माता जी ने सांझे हार के प्रतीक का उदाहरण दिया कि जिस प्रकार सांझा हार एकता के भाव को दर्शाता है ठीक उसी प्रकार गृहस्थ जीवन में रहकर सभी रिश्तों को महत्व देते हुए, सबके प्रति आदर भाव अपनाकर अपनी जिम्मेदारियों को निभाना है। गृहस्थ जीवन के सभी कार्यो को करते हुए नित्य सेवा, सुमिरण एवं सत्संग के साथ इस निरंकार का आसरा लेकर सुखद जीवन जीना है। निःसंदेह हर प्रांत से आये हुए नव युगलों द्वारा दो परिवारों के मिलन का एक सुदंर स्वरूप आज यहां प्रदर्शित हुआ।

अंत में सतगुरु माता जी ने सभी नव विवाहित जोड़ों के जीवन हेतु शुभ कामना करते हुए उन्हें आनंदमयी जीवन का आशीर्वाद दिया।

रोबोटिक सर्जरी कैंसर मरीजों के लिए वरदान : प्रोफेसर (डॉक्टर) पवनिंद्र लाल

By 121 News
Chandigarh, Nov.21, 2024:--चिकित्सा जगत में आई नई तकनीकी क्रांति एवं स्वाथ्य सुविधाओं से भारत अब विदेशों के मुकाबले गंभीर से गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को बचाने में सक्षम है, वहीं रोबोटिक सर्जरी गंभीर व् जटिल बीमारियों से ग्रस्त मरीजों के लिए वरदान की तरह साबित हो रही है, यह बात भारत के जाने माने रोबोटिक सर्जन प्रोफेसर (डॉक्टर) पवनिंद्र लाल ने आज स्थानीय पार्क ग्रेसियन अस्पताल में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में कही, जो कि मिनिमल एक्सेस, एडवांस सर्जिकल साइंस और रोबोटिक सर्जरी से लैस आईएमएआरएस इंस्टिट्यूट के चेयरमैन के रूप में जुड़े हैं।

सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, लेप्रोस्कोपिक सर्जरी और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एक्सपर्ट डॉक्टर पवनिंद्र लाल ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी में चीरे छोटे होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप रोगियों को कम रक्त की हानि होती है और दर्द भी कम होता है। सर्जरी के दौरान न्यूनतम कट, रक्त की हानि, संक्रमण की कम संभावना, कम रक्त आधान, कम निशान और कम आंतरिक चोटों के कारण रोगियों की तेजी से रिकवरी सुनिश्चित होती है।

डा पवनिंद्र लाल ने बताया कि हाथों की बजाए रोबोटिक सर्जरी मरीज के लिए कम तकलीफ व ज्यादा लाभदायक साबित हुई है। उन्होंने बताया कि मरीज के आप्रेशन के दौरान शरीर के जिन हिस्सों तक हाथ पहुंचाना मुश्किल था, अब 360 डिग्री तक घूमने वाले रोबोट की मदद से वहां पहुंच की जा सकती है। उन्होंने बताया कि कैंसर को जड़ से खत्म करने के लिए रोबोटिक सर्जरी कैंसर के मरीजों के एक वरदान की तरह है। उन्होंने बताया कि रोबोट की मदद से रोगी के शरीर में डाले गए एक विशेष कैमरे के माध्यम से ऑपरेटिव एरिया का 3डी व्यू देखकर कर उसको पूरी तरह से तंदरूस्त किया जा सकता है।

प्रोफेसर लाल ने बताया कि रोबोटिक्स सर्जरी जटिल गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर, गंभीर स्त्री रोग, किडनी व प्रोस्टेट कैंसर, कान-नाक और गले (ईएनटी) के जटिल विकारों, पेट के कैंसर के इलाज के लिए वरदान कि तरह है।

प्रोफेसर लाल को साल 2016 में डाक्टर बीसी रॉय नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था, इसके बाद 2021 में उन्हें सरदार वल्लभ भाई पटेल अवार्ड से नवाजा गया। दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज और लोक नायक हॉस्पिटल में सर्जरी के हेड और मिनिमल एक्सेस सर्जरी विभाग के चेयरमैन के रूप में भी प्रोफेसर लाल अपनी सेवाएं दे चुके हैं। एमएस, डीएनबी, एफआरसीएस (ईडनबर्ग, ग्लासगो, आयरलैंड), एफएमएएस, एफआईएमएसए, एफसीएलएस, एफएसीएस और एफआरसीएसएड जैसी पहचान उनके नाम के साथ जुड़ी है। डॉक्टर लाल को भारत में मिनिमल एक्सेस और रोबोटिक सर्जरी के अग्रणी डॉक्टरों में शुमार किया जाता है।

कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रवृत्ति पुरस्कार विजेताओं ने ट्राइसिटी के उम्मीदवारों के साथ साझा किए टिप्स

By 121 News
Chandigarh, Nov.21,2024:- दुनिया के अग्रणी विदेश अध्ययन शिक्षा सलाहकार आईडीपी एजुकेशन ने चंडीगढ़ ट्राइसिटी के उम्मीदवारों को कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में वर्तमान में अध्ययन कर रहे सफल छात्रों के साथ जोड़ने के लिए एक सत्र आयोजित किया। इस सत्र में छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले, विदेशी शिक्षा विशेषज्ञ, परामर्शदाता, वरिष्ठ अधिकारी और उम्मीदवार वैश्विक शिक्षा की शक्ति का जश्न मनाने के लिए एक साथ आए। ऑस्ट्रेलिया और कनाडा के वर्तमान छात्रों और पूर्व छात्रों ने अपनी आवेदन प्रक्रिया, छात्रवृत्ति आवेदन और आईडीपी एजुकेशन द्वारा सक्षम विदेश में अध्ययन करने के अपने अनुभव की व्यक्तिगत यात्रा साझा की।
इस अवसर पर पदमश्री जगजीत सिंह दरदी सहित कर्नल पी एस संधू, विजेश शर्मा, डॉक्टर मनोज, गणेश कुमार, राजेश जिंदल, राजीव मोहन, रेशम सिंह, लवनिश अग्रवाल, दुर्गेश गजरी, अमरपाल सिंह मान, रंजीत सिंह, मुकेश भंडारी, पंकज कपूर, सचिन रायजादा, डॉ. तेघबीर सिद्धू, श्री पी.के. रतन और पत्नी, प्रो एलएफ सिंह, डॉ. अमनदीप सिंह मारवाह, डॉ प्रमोद कुमार, प्रोफेसर सुधा कत्याल और अनुपमा बाहरी इत्यादि भी मौजूद थे।

आईडीपी सत्र ने ट्राइसिटी के उम्मीदवारों को अपने उन साथियों से सीधे संपर्क करने में सक्षम बनाया जो वर्तमान में विदेशी धरती पर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं, ताकि वे जमीनी हकीकत साझा कर सकें। पिछले साल, आईडीपी ने 1,13,000 से अधिक भारतीय छात्रों को शीर्ष-स्तरीय विदेशी विश्वविद्यालयों में प्रवेश सुरक्षित करने में सक्षम बनाया, जिससे उन्हें गतिशील छात्र वीजा आवेदन प्रक्रिया को नेविगेट करने में मदद मिली। सत्र ने आईडीपी और उसके भागीदारों, आईसीआईसीआई बैंक, क्रेडिला और फ्लाईवायर के सहयोगी प्रयासों को प्रदर्शित किया। भागीदार पारिस्थितिकी तंत्र छात्रों को उनकी विदेशी शिक्षा यात्रा के हर चरण में समर्थन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इस सत्र में आईडीपी और उसके भागीदारों आईसीआईसीआई बैंक, क्रेडिला और फ्लाईवायर के सहयोगात्मक प्रयासों को प्रदर्शित किया गया। विदेशी शिक्षा की यात्रा के हर चरण में छात्रों को सहायता प्रदान करने में भागीदार पारिस्थितिकी तंत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
 इस अवसर पर, पीयूष कुमार, क्षेत्रीय प्रबंधक - दक्षिण एशिया, कनाडा और लैटम ने कहा कि कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ट्राइसिटी के छात्रों के बीच लोकप्रिय गंतव्य हैं। दोनों देशों ने हाल ही में वीजा नीतियों की घोषणा की है, जिसके तहत भारतीय छात्रों को अपने विश्वविद्यालय और वीजा आवेदन प्रक्रिया की योजना अधिक विवेकपूर्ण तरीके से बनानी होगी; और जल्दी शुरू करना होगा। हमारे परामर्शदाता उम्मीदवारों के साथ मिलकर काम करते हैं, ताकि न केवल उनके करियर लक्ष्यों के अनुरूप सही पाठ्यक्रम, कॉलेज और विश्वविद्यालय की पहचान की जा सके, बल्कि उनकी सफलता दर में सुधार करने के लिए यात्रा के दौरान उनका साथ भी दिया जा सके। छात्र इन गंतव्यों को उनकी शिक्षा की गुणवत्ता, जीवंत संस्कृति और अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के प्रति स्वागत करने वाले दृष्टिकोण के लिए पसंद करते हैं।

माइक्रोवैस्कुलर सर्जरी के माध्यम से पूरी तरह से कटी हुई उंगली का सफलतापूर्वक किया रीइम्प्लांटेशन

By 121 News
Chandigarh, Nov.21,2024:-- फोर्टिस अस्पताल, मोहाली ने पूरी तरह से कटी हुई उंगली को फिर से जोड़ने के लिए एक जटिल माइक्रोवैस्कुलर सर्जरी सफलतापूर्वक की है। यह उन लोगों के लिए आशा की किरण है जो दुर्घटनाओं के कारण ऐसी स्थिति का सामान करते है। यह उपलब्धि दर्दनाक शरीर से कटे हुए अंग के मामलों में समय पर उपचार के महत्व और कटे हुए शरीर के अंगों को सामान्य कार्य करने में माइक्रोवैस्कुलर सर्जरी की भूमिका को उजागर करती है।

प्लास्टिक और माइक्रोवैस्कुलर सर्जरी के कंसल्टेंट डॉ. अखिल गर्ग और हाथ सर्जरी के कंसल्टेंट डॉ. विशाल गौतम के नेतृत्व में फोर्टिस मोहाली की टीम ने रीइम्प्लांटेशन सर्जरी की।
आज यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए डॉ. अखिल गर्ग और डॉ. विशाल गौतम ने माइक्रोवैस्कुलर रीइम्प्लांटेशन सर्जरी की जीवन-परिवर्तनकारी क्षमता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक केस स्टडी प्रस्तुत की। रीइम्प्लांटेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें रोगी के शरीर के पूरी तरह से कटे हुए हिस्से को फिर से जोड़ा जाता है और उसके रक्त प्रवाह को बहाल किया जाता है।

मरीज़ 30 वर्षीय व्यक्ति है, जिसकी घर पर अपनी बाइक की चेन साफ ​​करते समय बीच वाली उंगली पूरी तरह कट गई थी। तत्काल चिकित्सा सहायता मांगने के बावजूद, ऐसी प्रक्रिया के लिए सुविधाओं और विशेषज्ञों की कमी के कारण शुरू में पास के एक अस्पताल ने उन्हें लौटा दिया। वह चोट लगने के करीब साढ़े तीन घंटे बाद फोर्टिस अस्पताल मोहाली पहुंचा, जहाँ उसकी कटी हुई उंगली बर्फ की थैली में थी।

मामले की जानकारी देते हुए, डॉ. अखिल गर्ग, सलाहकार, प्लास्टिक और माइक्रोवास्कुलर सर्जरी ने कहा कि माइक्रोस्कोपिक माग्निफिकेशन के तहत, सर्जनों ने सावधानीपूर्वक कटी हुई उंगली की हड्डी, नसों, टेंडन और त्वचा को फिर से जोड़ दिया। माइक्रोवैस्कुलर सर्जरी के माध्यम से रक्त प्रवाह को बहाल किया गया, जिसमें छोटी रक्त वाहिकाओं की मरम्मत शामिल थी। सर्जरी पांच घंटे तक चली, और मरीज को आसानी से, दर्द रहित स्वास्थ्य लाभ हुआ, चार दिनों के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। उनका लगातार फॉलोअप किया जा रहा है और उनकी उंगली धीरे-धीरे काम करना शुरू कर रही है।

डॉ. गर्ग ने बताया कि आमतौर पर उंगलियां, हाथ, कलाई और अग्रभाग अम्प्यूटेशन से प्रभावित होते हैं, जो लगातार मेकैनिकल फोर्सेज के संपर्क में रहते हैं। ज़्यादातर मामलों में, रीइम्प्लांटेशन सबसे अच्छा उपचार विकल्प है, लेकिन समय महत्वपूर्ण है। मरीजों को तुरंत किसी विशेषज्ञ के पास भेजा जाना चाहिए, क्योंकि किसी भी देरी से सफल पुनर्रोपण की संभावना कम हो जाती है।

उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से मेकैनिकल चोटों के कारण अंग कटना आम बात है, जो सड़क दुर्घटनाओं, औद्योगिक घटनाओं और यहां तक ​​कि घरेलू दुर्घटनाओं जैसी विभिन्न स्थितियों में होता है। ये चोटें सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकती हैं, जिनमें मामूली कट से लेकर अंगों का पूरा नुकसान शामिल है। यदि उपचार न किया जाए, तो कटा हुआ अंग हमेशा के लिए खत्म हो जाता है, जिससे व्यक्ति आजीवन दिव्यांग हो जाता है। हालांकि, शीघ्र और उचित उपचार के साथ, कटे हुए शरीर के अंग को फिर से जोड़ा जा सकता है, और माइक्रोवैस्कुलर सर्जरी के माध्यम से रक्त प्रवाह को बहाल किया जा सकता है, जिससे रोगी सामान्य कार्य करने में सक्षम हो सकता है।

डॉ. गर्ग ने कटे हुए अंगों के उचित संरक्षण के महत्व पर जोर देते हुए सलाह दी कि कटे हुए अंग को पहले नम कपड़े में लपेटा जाना चाहिए, वाटरप्रूफ पैकेजिंग में रखा जाना चाहिए, और फिर बर्फ या बर्फ के पैक में रखा जाना चाहिए।

उन्होंने इन मामलों में माइक्रोवैस्कुलर सर्जरी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि रीइम्प्लांटेशन की सफलता विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है, जिसमें कटा हुआ हिस्सा, चोट की प्रकृति, चोट और सर्जरी के बीच का समय और कटे हुए हिस्से को कैसे संरक्षित किया गया था। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसके लिए एक अनुभवी माइक्रोवैस्कुलर सर्जन और विशेष उपकरणों की आवश्यकता होती है, जो केवल कुछ ही अस्पतालों में उपलब्ध हैं।

इस जटिल प्रक्रिया को करने में फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली की सफलता रोगी देखभाल को आगे बढ़ाने और दर्दनाक चोटों का सामना करने वाले व्यक्तियों को आशा प्रदान करने के प्रति इसके समर्पण को रेखांकित करती है। यह उपलब्धि जीवन रक्षक उपचारों के लिए अत्याधुनिक चिकित्सा प्रौद्योगिकी को सुलभ बनाने की अस्पताल की प्रतिबद्धता को भी मजबूत करती है।

Wednesday, 20 November 2024

4,000 Children from Punjab’s Villages Are Participating in the Roundglass Foundation Football Cup 2024

By 121 News
Chandigarh, Nov.20, 2024:-- On its mission to develop the youth of Punjab by leveraging sports and technology, the Roundglass Foundation is organizing rural Punjab's biggest football tournament for children – Roundglass Foundation Football Cup, 2024 (RFFC). 

Currently, 4,000 children are competing in U12 and U16 categories in matches being played in different locations. A total of 300 teams, including 50 girls' teams, are participating in the tournament, which will have its final match on November 23 at the GMADA Complex, Sector 78, Mohali. The Kavita and Vinod Khanna Foundation is the sponsor of this tournament. 

At a press conference organized today at the Chandigarh Press Club by Roundglass Foundation, Mrs Kavita Khanna spoke about the importance of sports like football in the physical, emotional and mental development of children.  She said that fhe Kavita and Vinod Khanna Foundation is proud to partner with the Roundglass Foundation Football Cup 2024. Promoting sports among children at the grassroots level is vital for their holistic development. Early engagement in sports can foster a sense of community and inclusion, which is especially important during formative years. It also helps identify and nurture talent. Investing in grassroots sports is an investment in the wellbeing and potential of future generations.

The RFFC is part of Roundglass Foundation's larger mission to rekindle Punjab's sporting culture and a reminder of the state's towering sports legacy. In the past four years, Roundglass Foundation has set up 400 Sports Centres in more than 350 villages in Punjab, which are engaging 11,000+ children in the age group of 5 to 16 years, including girls, to learn and play team sports like football. These Sports Centres are safe spaces to nurture children's potential for leadership, teamwork, and discipline, and enable them to make positive life choices. 

Vishal Chowla, Leader, Roundglass Foundation, underscored the importance of sports in developing the youth of Punjab. He said that our 400 Sports Centres are transforming the lives of children in villages by providing them with opportunities to play and grow through sports. We believe that sports are more than just games—they are powerful tools for instilling leadership, teamwork, discipline, and resilience in young minds. The RFCC is a testament to this vision. This tournament not only gives children a platform to showcase their passion and talent but also helps them reconnect with their roots and celebrate the strength of their village communities.He further highlighted the Foundation's gender-inclusive approach to sports reflected in the participation of 50 girls' teams. Vishal Chawla said that of the over 11,000 children engaged in our Sports Centres, 26% are girls. Introducing sports to girls helps them break gender stereotypes, increases their self-confidence and self-esteem, and inspires them to think big in life.

डॉ सुमिता मिश्रा, आईएएस,  ने डॉ. चेतना वैष्णवी की मेडिकल फिक्शन पुस्तक ‘साइलेंस जोन’को रिलीज़ किया

By 121 News
Chandigarh, Nov.20, 2024:- सुमिता मिश्रा, आईएएस, अतिरिक्त मुख्य सचिव, हरियाणा और चेयरपर्सन,चंडीगढ़ लिटरेरी सोसाइटी(सीएलएस)  ने आज चंडीगढ़ प्रेस क्लब, सेक्टर 27 में डॉ. चेतना वैष्णवी की नई रचना मेडिकल फिक्शन पुस्तक 'साइलेंस जोन' को रिलीज़ किया। डॉ.वैष्णवी की ये नई किताब ऑफिसिज और अन्य कार्यस्थलों पर यौन शोषण के मुद्दे पर केंद्रित है।

डॉ. वैष्णवी की  सराहना करते हुए डॉ. मिश्रा ने कहा कि 'साइलेंस जोन', हालांकि एक काल्पनिक कहानी है, लेकिन वास्तविकता के बहुत करीब है और हमारे आसपास मौजूद कार्यस्थलों पर यौन शोषण और लैंगिक भेदभाव के एक बेहद महत्वपूर्ण मुद्दे को बेहद मार्मिक ढंग से हमारे सामने लाती है। डॉ. मिश्रा ने कहा कि "यह एक ऐसा मुद्दा है जो हम सभी को चिंतित करता है और हमें इस समस्या से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास करने चाहिए।

उल्लेखनीय है कि डॉ. वैष्णवी मेडिकल साइंस में पोस्टडॉक्टरल हैं और उन्होंने चंडीगढ़ के प्रतिष्ठित मेडिकल इंस्टीट्यूट में लगभग चालीस वर्षों तक काम किया है। यह काफी सटीक है कि एक मेडिकल साइंटिस्ट यौन शोषण को कहानी के विषय के रूप में लेकर एक काल्पनिक उपन्यास लेकर आईं हैं, क्योंकि इस सेक्टर को लेकर अभी तक दस्तावेजी तौर पर काफी कम तथ्य ही बाहर आए हैं।

डॉ. वैष्णवी ने कहा, "अन्य कार्य क्षेत्रों के अलावा अस्पतालों में यौन शोषण भी एक आम बात है, हालांकि कुल मिलाकर इस पर इस बारे में सबसे कम रिपोर्ट किया जाता है। हर जगह चुपचाप घटित होने वाली ऐसी सच्ची घटनाओं से स्तब्ध होकर, 'साइलेंस ज़ोन' इस विषय को ध्यान में रखते हुए एक मेडिकल फिक्शन के रूप में लिखी गई है। इस विषय पर इसी सेक्टर में कार्यरत किसी सीनियर द्वारा लिखी गई ये शायद पहली ही किताब है। यह भारत में महिलाओं द्वारा सामना किए जाने वाले नैतिक संघर्षों के विभिन्न पहलुओं की पड़ताल करती है, जब वे अपने घर से बाहर निकलती हैं - उनके हर कदम पर पुरुषों का नियंत्रण होता है।" 

एक सवाल के जवाब में डॉ. वैष्णवी ने कहा कि "हालांकि 'साइलेंस ज़ोन' मुख्य रूप से बीसवीं सदी के समय को दर्शाता है और एक तरह से – यौन उत्पीड़न अधिनियम 2013 के अस्तित्व में आने से बहुत पहले – की ही कहानी है; लेकिन, ये भी एक तथ्य है कि कार्यस्थलों पर महिलाओं के खिलाफ यौन अपराध अभी भी बड़े पैमाने पर हो रहा है । आज भी केवल कुछ ही पीड़ित खुलकर सामने आती हैं क्योंकि उन्हें यकीन नहीं होता कि उन्हें कभी न्याय मिलेगा भी या नहीं।"

डॉ. वैष्णवी, जिन्होंने अपने एकेडिमक्स और मेडिकल सेक्टर में सफलताओं के लिए दुनिया भर के कई देशों का दौरा किया है और प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में कई वैज्ञानिक लेख प्रकाशित किए हैं, ने कहा कि यौन शोषण एक काली सच्चाई है जो नियमित रूप से दैनिक जीवन को प्रभावित करती है। उन्होंने कहा कि "मेरी ये किताब इस बात की एक डरावनी कहानी है कि यह शोषण कितना व्यापक है। यौन शोषण करने वाले व्यक्ति समाज के अंधेरे रसातल से नहीं बल्कि हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी से आते हैं और अपना चेहरा छिपाने का प्रयास करते हुए इस तरह के कृत्य करते हैं।" 
इस बारे में आगे बात करते हुए, नई दिल्ली में एमेरिटस मेडिकल साइंटिस्ट (आईसीएमआर) और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इंफेक्शन सोसाइटी ऑफ इंडिया की संस्थापक और चेयरपर्सन डॉ. वैष्णवी ने कहा कि "1997 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न को मानवाधिकारों के उल्लंघन के रूप में दर्ज किए जाने के बावजूद, सत्ता असंतुलन के कारण कार्यस्थल पर यौन शोषण की घटनाओं को आज भी बड़े पैमाने पर अनदेखा किया जाता है या लोगों की नज़रों से छिपाया जाता है। लेकिन, सच्चाई यह है कि यौन शोषण हर क्षेत्र में होता है, चाहे वह सेक्टर कितना भी हाई-फाई ही क्यों न हो।"
उन्होंने कहा कि "यह सोचना एक मिथक है कि अगर महिलाएं उच्च शिक्षित हैं और उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी है तो उनके खिलाफ़ यौन शोषण या यौन हिंसा का जोखिम कम होगा। महिलाओं के साथ शोषण करने वाले अक्सर अपराधी वे लोग होते हैं जो उनके ही जानकार होते हैं और वे उन पर भरोसा करती हैं। यही मुख्य कारण है कि वे काफी लंबे समय तक अपने दुर्व्यवहार को जारी रखने में सक्षम हैं; मेरी किताब काल्पनिक पात्रों का उपयोग करके इस मुद्दे के ऐसे पहलुओं को छूती है।"
डॉ. चेतना वैष्णवी की एक अन्य पुस्तक, "शाम ढल गई" (हिंदी कहानियाँ और गीत) का विमोचन भी हरियाणा के पूर्व आईपीएस अधिकारी श्री राजबीर देसवाल द्वारा किया गया।
यह उल्लेखनीय है कि डॉ. वैष्णवी दस वर्ष की आयु से ही समाचार-पत्रों और पत्रिकाओं के लिए हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में कविताएं, चुटकुले और लघु कथाएं लिखती और प्रकाशित करती रही हैं। लेखन, उनका प्रिय रहा है और आज भी वे अपनी कलम को कभी विराम नहीं देती हैं। उनकी ये नई किताबें इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण हैं।
सेवानिवृत्ति के बाद भी उन्होंने अपने शौक को बरकरार रखा है और कई पुस्तकें प्रकाशित की हैं, जिन्हें पाठकों द्वारा व्यापक रूप से पढ़ा और पसंद किया जाता है। उन्हें अपनी शैक्षणिक गतिविधियों और साहित्यिक गतिविधियों के लिए कई अवॉर्ड भी मिले हैं।

Dr Sumita Misra Releases ‘Silence Zone,’ a Medical Fiction by Dr Chetana Vaishnavi

By 121 News
Chandigarh, Nov.20, 2024:- Dr Sumita Misra,  IAS , Additional Chief Secretary, Haryana and Chairperson, Chandigarh Literary Society, today released 'Silence Zone,' a medical fiction by Dr Chetana Vaishnavi at Chandigarh here. The book focuses on the issue of sexual exploitation at the workplace.

Lauding the efforts of Dr Vaishnavi, Dr Misra said that 'Silence Zone', though a fiction, is very close to reality and poignantly highlights the issue of sexual exploitation and gender discrimination at the workplace. "It is an issue which concerns each of us and we should make collective efforts in addressing this malaise," added Dr Misra.

It is to be noted that Dr Vaishnavi is a postdoctoral in medical sciences and has worked in the prestigious medical institute, Chandigarh, for about forty years.  It is befitting that a medical scientist has come out with a fiction novel with sexual exploitation as the story theme.

Dr. Vaishnavi said that apart from other work areas sexual abuse at hospitals is also a common practice, though by and large, the least reported. Rattled by such true events occurring silently everywhere, 'Silence Zone' has been written as a medical fiction with this theme in mind. It explores the various facets of the ethical conflicts faced by women in India, when they step out of their home – with their every move being controlled by men.

In reply to a question, Dr Vaishnavi said that though 'Silence Zone' largely depicts a period of the twentieth century – much before the Sexual Harassment Act 2013 came into existence – sexual crimes against women at workplace are still rampant and only a few victims come out into the open because they are not sure if justice will ever be meted out to them.

Dr Vaishnavi, who has visited several countries around the world for her academics and has published numerous scientific articles in prestigious journals, said that sexual abuse is a dark reality that routinely inflicts daily lives. She said that my book is a chilling tale of how widespread this abuse is. The sexually abusive individuals do not come from dark abysses of society but from day-to-day lives.

Reflecting further, Dr Vaishnavi, Emeritus Medical Scientist (ICMR) New Delhi, and Founder and Chairperson of Gastrointestinal Infection Society of India, said that despite the documentation of sexual harassment at workplace as a breach of human rights by the Supreme Court in 1997, the extent of occurrence of sexual exploitation at the workplace due to power imbalance is largely ignored or kept hidden from public gaze. But the fact is that sexual abuse occurs in every field of work, howsoever sophisticated the area of work may appear.

 It is a myth to think that if women are highly educated and have good economic status the risk of sexual violence against them will be less. The perpetrators are the people who one knows and trusts. That is the primary reason why they are able to carry on with the abuse for a reasonably long time; my book touches upon such aspects of the issue by using fictional characters.

Another book by Dr Chetana Vaishnavi, "Sham Dhal Gayi" (Hindi stories and lyrics) was also released by Mr. Rajbir Deswal, Ex, IPS officer, Haryana.

It is worth mentioning that Dr Vaishnavi ever since the age of ten has been writing and publishing poetry, jokes and short stories, both in Hindi and English for newspapers and magazines. Even after retirement from service, she has kept her hobbies intact and has published several books, which are widely read and accepted by the readers. She has received several awards both for her academic activities and her literary pursuits.

Tuesday, 19 November 2024

टाई चंडीगढ़ क्रिकेट लीग का आगाज 22 नवंबर से 18 टीमों में होगी भिड़ंत 

By 121 News
Chandigarh, Nov.20, 2024:-टाई चंडीगढ़ क्रिकेट लीग 2024 के 5वें संस्करण का आगाज 22 नवंबर से  हो रहा है। इस बार यह प्रतिष्ठत टूर्नामेंट मोहाली के सेक्टर-97 स्थित लांचिंग पैड  क्रिकेट एकेडमी में  आयोजित हो रहा है। छह दिनों तक चलने वाले इस टूर्नामेंट में 18 टीमें हिस्सा लेंगी, जिनमें प्रौद्योगिकी, वित्त, शिक्षा, स्वास्थ्य और परामर्श ( कंसल्टिंग)जैसे क्षेत्रों के दिग्गज शामिल हैं। टूर्नामेंट के मैच 22, 23, 24, 29 और 30 नवंबर को खेले जाएंगे, जबकि फाइनल मुकाबला पहली दिसंबर को होगा। इस लीग का आयोजन टाई चंडीगढ़ के हेल्थ और वेलबीइंग प्रोग्राम के तहत किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य उद्यमियों के बीच फिटनेस और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है।

इन प्रतिभागी टीमों के बीच होगा मुकाबला:--

टाई चंडीगढ़ क्रिकेट लीग 2024 में कुल 18 टीमें हिस्सा ले रही हैं, जिनमें साइब्रेन साफ्टवेयर साल्यूशंस, सिग्निटी साल्यूशंस, ब्लूबैश, टैलेंटेलजिया स्मैशर्स, वेबोमेज, डिजीमंत्रा यूनाइटेड, बीसाल्वर, मास्टर ट्रस्ट, इनोवेटिव इंसेंटिव्स एंड एलीट वेब, इनविंसिबल्स, स्मार्टडाटा एंटरप्राइजेज, सिग्निसेंट, यूआर फिटनेस, एसएफ-स्पिटफायर्स, हार्टेक इंडियंस, ट्रैंक्विल परफार्मर्स आफ टेक प्रास्टिश, ऐपस्मार्ट्ज और लीडिंग एज इंफो साल्यूशंस शामिल हैं। इन टीमों में कई खिलाड़ी नियमित रूप से क्रिकेट खेलते हैं, जिससे टूर्नामेंट में रोमांचक मुकाबलों की उम्मीद है। इस टूर्नामेंट में यह टीमें अपने खेल कौशल और टीम भावना का प्रदर्शन करेंगी। 

टीमों में है टूर्नामेंट को लेकर खासा जोश:--
 टाई चंडीगढ़ के एसोसिएट और चार्टर सदस्य अपनी टीमों के साथ मैदान में उतरेंगे। इस आयोजन में स्टार्टअप से लेकर बड़ी कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। प्रतियोगिता का उद्देश्य औपचारिक माहौल से बाहर आकर टीम भावना, सहयोग और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना है। यह टूर्नामेंट का पांचवां संस्करण है और प्रतिभागी टीमें साल भर इस टूर्नामेंट का इंतजार करती हैं। 

क्रिकेट के सहारे मजबूत  होते कारोबारी  संबंध:-टाई चंडीगढ़ क्रिकेट लीग सिर्फ एक टूर्नामेंट नहीं, बल्कि व्यवसाय जगत के खिलाड़ियों के लिए खेल भावना और कारोबार में सामंजस्य का प्रतीक है। यह लीग हर साल उद्यमियों को एक अनौपचारिक माहौल में जुड़ने और अपने संबंधों को मजबूत करने का मौका देती है।

टाई चंडीगढ़ वैश्विक टाई नेटवर्क का हिस्सा:--
टाई चंडीगढ़, वैश्विक टाई नेटवर्क का हिस्सा है, जो उद्यमियों को मेंटरशिप, नेटवर्किंग और सीखने के अवसर प्रदान करता है। यह लीग टाई के प्रयासों का एक अहम हिस्सा है, जो क्षेत्र में सहयोगात्मक और अभिनव माहौल तैयार करने की दिशा में काम कर रही है। टाई चंडीगढ़ के इस प्रयास को वैश्विक स्तर पर तारीफ मिली है।  टाई के अन्य चैप्टर भी इस तरह की लीग शुरू करने को लेकर उत्साहित हैं।

Saturday, 16 November 2024

सौहार्द एवं भाईचारे की दिव्य झलक बिखेरते 77वें वार्षिक निरंकारी संत समागम का भव्य शुभारम्भ

By 121 News
Chandigarh, Nov.16, 2024:--''परमात्मा जानने योग्य है, इसे जानकर जब हम इसे अपने जीवन का आधार में बना लेते हैं तब सहज रूप में हमारे जीवन में मानवीय गुणों का विस्तार होता चला जाता है।'' उपरोक्त उद्गार सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज द्वारा 77वें वार्षिक निरंकारी सन्त समागम के प्रथम दिवस पर मानव हित में संबोधित किए गये। इस तीन-दिवसीय संत समागम में केवल भारतवर्ष से ही नहीं अपितु विश्वभर के अनेक स्थानों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु भक्त सम्मिलित होकर समागम का भरपूर आनंद प्राप्त कर रहे हैं।

सतगुरु माता जी ने विशाल सत्संग के रूप में एकत्रित सभी संतो को सम्बोधित करते हुए फरमाया कि वास्तविक रूप में 'असीम की ओर-विस्तार', यह एक अंदर से बाहर की दिव्य यात्रा है। अक्सर मनों में तनाव तथा दिल और दिमाग के तालमेल की बात आती है। वास्तव में मन और मस्तिष्क दोनों ही साथ है परन्तु कभी मन कुछ ओर चाहता है और मस्तिष्क कुछ और सोचता है। लेकिन जब हम इस परमात्मा संग जुड़ जाते हैं तब मन में स्थिरता आ जाती है और अपनत्व का भाव उत्पन्न हो जाता है फिर मन विशाल बन जाता है।

अंत में सतगुरु माता जी ने अपने प्रवचनों में कहा कि युगों-युगों से संतों, पीरों ने यही सन्देश दिया कि हमें अपनी आध्यात्मिक यात्रा करते हुए मानवता के काम ही आना है। परमात्मा द्वारा प्रदान की हुई चीजें एवं इन्सानों ने भी जो आविष्कार किए हैं, उनका सदुपयोग करते हुए इस धरा को ओर अधिक सुंदर बनाना है।

इससे पूर्व समागम स्थल पर आगमन होते ही सतगुरु माता जी व निरंकारी राजपिता जी का सन्त निरंकारी मण्डल की कार्यकारिणी समिति के सदस्यों व अन्य अधिकारियों ने फूल मालाओं एवं पुष्प गुच्छ से स्वागत किया। तदोपरांत मंच तक उनका स्वागत एक भव्य शोभा यात्रा के रूप में किया गया। इस शोभा यात्रा में निरंकारी इंस्टिटुयट ऑफ  मयूजिक एण्ड आर्टस के 300 से भी अधिक छात्रों ने नृत्य एवं संगीत के माध्यम द्वारा दिव्य युगल का अभिनन्दन किया।

फूलों से सुसज्जित खुली पालकी में दिव्य युगल विराजमान होकर श्रद्धालु भक्तों को अपना पावन आशीर्वाद प्रदान कर रहे थे और वहाँ उपस्थित सभी श्रद्धालु भक्त आनंदित होकर अपनी नम आंखों से, हाथ जोड़ते हुए उनका स्वागत भक्तिभाव से कर रहे थे। दिव्यता का यह अनुपम नज़ारा मिलवर्तन की सुंदर भावना को वास्तविक रूप में साकार कर रहा था जिसमें हर भक्त अपनी जाति, धर्म, भाषा को भुलाकर केवल प्रेमाभक्ति में सराबोर था।

निरंकारी प्रदर्शनीः-

इस वर्ष का समागम शीर्षक 'विस्तार-असीम की ओर' है, जिस पर आधारित निरंकारी प्रदर्शनी सभी संतों के लिए मुख्य आर्कषण का केन्द्र बनी हुई है। इस दिव्य प्रदर्शनी को मूलतः तीन भागों में विभाजित किया गया है जिसके प्रथम भाग में भक्तों को मिशन के इतिहास, विचारधारा एवं सामयिक गतिविधियों के अतिरिक्त सतगुरु द्वारा देश व विदेशों में की गई दिव्य कल्याणकारी प्रचार यात्राओ की पर्याप्त जानकारी प्राप्त होगी। द्वितीय भाग में संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग के सभी उपक्रमों व गतिविधियों को दर्शाया जा रहा है। तृतीय भाग के अंतर्गत बाल प्रदर्शनी को बड़े ही मनमोहक व प्रेरणादायक रूप में बाल संतों द्वारा प्रदर्शित किया गया है।

निरंकारी संत समागम पर भक्ति और भाईचारे की भावना से सराबोर अन्य पहलु आपके साथ आने वाले दिनों में सांझा किए जायेंगे।

Malaika Arora Takes a Sweet Jibe at Geeta Kapur’s Super Dancer Team

By 121 News
Chandigarh, Nov.16, 2024:--Sony Entertainment Television is all set to premiere its much-awaited dance format, India's Best Dancer vs. Super Dancer: Champions Ka Tashan, on November 16th at 7:30 PM. The show, hosted by Harsh Limbachiyaa, will see Team Owners – Malaika Arora rooting for the dynamic talent of India's Best Dancer while Geeta Kapur supports the young prodigies of Super Dancer, as they go head-to-head in the ultimate dance showdown. With 'Lord of Dance': Remo D'Souza, at the helm of this Judges' panel, the show will spotlight twelve exceptional dancers—six from India's Best Dancer and six from Super Dancer—who will be divided into two rival teams, each led by three renowned choreographers.

But the competition will heat up as Remo D'Souza throws a unique challenge to the two rival teams: a Song Challenge. The twist? While the song is chosen by Remo, the choreography and a fresh interpretation of the song are entirely in the hands of the contestants. The results are nothing short of mind-blowing.

Vivek and Akina took to the stage with their powerful performance on the track "Bezubaan", bringing an unexpected twist by incorporating sand into their routine. Remo D'Souza, who is known for his innovative choreography, couldn't contain his admiration. Frankly speaking, when he saw sand at the start, he thought, 'Yeh toh har reality show mein aa hi jata hai,' but I had no idea you'd use it like this. Akina, you were Yudh Bhoomi and Vivek, you were Rakt (blood) and the way you combined those elements was simply beautiful! Beautiful thought, beautiful execution; the way you used sand, it was beyond imagination. When he saw the sand boiling on the beat, his hair stood on end. This is what a champion's tashaan is all about! If it's not like this, it's not worth it!.

Malaika Arora was equally impressed, adding that when you look at Akina, you wouldn't expect her to be able to do all of that, but it was amazing. She always feel super proud to be a part of India's Best Dancer family. Even Geeta Kapur, supporting the opposing team, couldn't hold back her admiration. Vivek, competition aside, come here. She said that she wants to give you a hug. She said that before continuing, Visually, this was so impactful. I want to apologize to my team, but this was truly a showstopper. Welcome to the biggest stage of dancing on Sony Entertainment Television.

Next up were Vaibhav and Pari, who took the challenge head-on with their quirky performance on "Chunariya Lehraayi". The duo, known for their playful energy, added a hilarious twist to the classic song, leaving the judges in splits. Remo D'Souza couldn't stop laughing after their performance and said that Vaibhav, you always think outside the box. She never imagined laughing while this song plays. She was just talking about Vivek's creativity, but you, you think in terms of comedy, superb! And Pari, your expressions were so sweet, and your steps were just brilliant. Making people laugh - that's an art.

Malaika, being the teekhi churi she is, said, that ut was this enough? She thinks you've also found a new way, Remo Sir ko makhan lagaane ka! Let's just be honest, jo IBD ne kiya hai, matlab who kabhi dekha hi nahi hai. Its first time on Indian television, a first time thought, first time execution …. So all of this should be taken into consideration.

Annual Sports Meet of Senior Wing of Sri Guru Harkrishan Model School Held

By 121 News
Chandigarh, Nov. 16, 2024:-The Annual Sports Meet of Sri Guru Harkrishan Model School, Sector 38-D, Chandigarh, came to a spectacular conclusion today at the Sports Complex, Sector- 7. Around 450 students from classes VI to XII showcased their athletic skills and team spirit during the event, which was marked by a variety of exciting competitions and performances. The event officially commenced today with an inspiring opening ceremony. Dr. Harpreet Kaur, the esteemed Principal of the school, declared the event open after the lighting of the ceremonial torch, a symbol of unity, sportsmanship, and the spirit of competition.

The day began with a March Past by students of four houses, followed by the Oath-taking ceremony. A warm welcome to parents was extended through a delightful group song and the release of colourful balloons, setting the tone for a joyful event.  students from classes VI to XII not only demonstrated their athletic prowess in track and field events but also showcased their exceptional balancing skills through a spectacular martial arts display. 

They performed intricate martial arts movements that required precision, focus, and balance. Through a series of drills, they displayed their ability to execute various stances, kicks, and controlled movements with impeccable balance and agility. The martial arts performance added an exciting and dynamic element to the event Meanwhile, students from Classes VII and VIII demonstrated their agility and coordination in a lively lazium drill, capturing the spirit of teamwork and energy. The performances not only highlighted the students' physical prowess but also their discipline and dedication to these traditional practices.
The athletic competition was the highlight of the day, with participants vying for top honors in the 100m, 200m, and 400m races, along with the 4x100m relay, long jump, and shotput events. Among the winners, Best Athlete (U-17) Boys - Arnav Thapa (IX-B), Girls - Naman Rana (X-B), Best Athlete (U-14) Boys - Piyush Chauhan (VIII-A), Girls - Sana Bassi (VIII-B) were recognized as the best athletes for their exceptional performances. Medals were awarded to the winners by Principal Dr. Harpreet Kaur in recognition of their outstanding performances. The ceremony added to the excitement of the event, as the participants proudly received their medals for their hard work and dedication. This moment not only highlighted their achievements but also inspired others to strive for excellence in future events. Yellow House emerged victorious, clinching the overall running trophy for the day. Principal Dr. Harpreet Kaur's acknowledgment of the parents' support was a nice touch, reflecting the strong partnership between the school and families. The Peacock Dance, performed by the girls of classes VI to VIII, was one of the main attractions of the event. The girls, dressed in colorful peacock-inspired attire, gracefully moved to showcase the elegance and beauty of the peacock, captivating the audience with their synchronized steps and flowing costumes. At the end Bhangra performance by senior students added a fantastic cultural touch to wrap up the day's events! The combination of competition, celebration, and teamwork made school sports days so memorable. The Annual Sports Meet not only showcased the athletic talent of the students but also highlighted the school's commitment to nurturing both physical and mental well-being.

Chandigarh Literary Society to organise 12th Edition of ‘CLF Literati 2024’ on November 23rd and 24th at Chandigarh Lake Club

By 121 News
Chandigarh, Nov.16, 2024:--The Chandigarh Literary Society (CLS) is all set to present a power-packed line-up of authors and literary activities at the much-awaited 12th Edition of Chandigarh Lit Fest (CLF) - Literati 2024 from 22nd November to 24th November at the Chandigarh Lake Club.

The CLF will commence with a soulful musical evening, Aaghaaz - Shaam-E-Ghazal, featuring the renowned artist Kanwar Jagmohan. The event will be held on November 22 at Rani Laxmi Bai Bhawan, Sector 38, Chandigarh. Thereafter, 23rd and 24th November the literary sessions will take place at Sukhna Lake, Chandigarh.

Dr. Sumita Misra, IAS, Festival Director of CLF Literati 2024 and Chairperson of CLS, shared the details of the literary extravaganza during a press conference held at the Press Club here. Dr. Misra said that themed on 'Celebrating Creativity,' the 3-day literary festival promises an exciting mix of thought-provoking discussions, book launches, engaging sessions, and book readings featuring some of the most renowned names in literature, art, and culture.

She said that on Nov 23, the festival will begin on a melodious note with a musical performance, "Chords from the Heart" by Pt. Subhash Ghosh. The Keynote address will be delivered by Madhav Kaushik, President of the Rashtriya Sahitya Akademi.

Dr. Sumita Misra said that on Day 1, one of the key highlights will be the launch of 'Ratan Tata: A Life,' a compelling new biography by Dr. Thomas Mathew, a retired bureaucrat. This book offers a unique glimpse into the life of Ratan Tata, unveiling lesser-known aspects of his journey. The launch will be marked by an interactive session 'The Legend Lives on–A Man Called Ratan Tata' with the author Dr. Mathew.

In a poignant session titled "Punjab: The Jallianwala Bagh Tragedy and the Narratives Around It," speakers Kishwar Desai an award-winning author, playwright & historian and Navtej Sarna, former Ambassador of USA, whose 'Crimson Spring' won the KLF Award for Best Fiction Book of 2022, will explore the profound impact of one of the most tragic events in Indian history.

In "Punjab di Zubaan: Young Poets Discuss Punjabi Poetry in Current Times," young poets Randhir Uppal, Wahid Khadial, and Jassi Sangha will delve into the evolving landscape of Punjabi poetry.

Another important session, "Legal Landmarks: Charting the Path of Justice," will feature Pinky Anand a renowned lawyer & politician who has served as an Additional Solicitor General at the Supreme Court of India and lawyer Saudamini Sharma, who will discuss key legal milestones in India's history.

The festival will also celebrate stories of bravery and courage in "Voices of Valour: Stories of Bravehearts," with Generals Ian Cardozo the first officer of the Indian Army to be awarded the Sena Medal for gallantry, and Syed Ata Hasnain. Gen Hasnain a highly decorated Indian Army officer is one of the foremost writers and analysts on J&K, Pakistan & Middle East.

"Ink and Imagination: Crafting Poetic Worlds," will see IAS officer Dr. Sumita Misra a prominent poet of contemporary India & the recipient of multiple Chandigarh Sahitya Akademi Awards, in conversation with writer Aradhika Sharma on the art of crafting poetry.

Another important session "Daddy in the Driver's Seat: A Single Father's Experiences" will feature Bollywood actor Tusshar Kapoor who has ventured into writing with his debut book Bachelor Dad: My Journey, a memoir that explores his experiences as a single father of his son, Laksshya, born through surrogacy in 2016.

She said that all sessions during the event have been crafted with due diligence to bring out the best from all the speakers.

Day 2 of the festival will begin with a session, 'In Memoriam: A Tribute to Dr. Surjit Patar,' by Poet Amy Singh and Jassi Sangha - a well-known Punjabi writer, Assistant Director, and film researcher. A session on "History as Storytelling: Reviving the Lost Chapters," led by author Ira Mukhoty - a best- selling writer of narrative history and author of 'Akbar: The Great Mughal,' will be held.

A fascinating discussion on "Beauty in Diversity: Love, Language, and Poetry" featuring Rakshanda Jalil a multi-award-winning translator, writer, and literary historian and Vijai Vardhan a senior bureaucrat whose most recent book 'Happening Haryana' captures the history of Haryana from the Harappan age to the present, will also be held.

In another session, "Sahitya Samvad: Katha aur Kalpana," authors Dr. Madhav Kaushik an Eminent Hindi poet and author, who is also President, National Sahitya Akademi and Jitendra Srivastava, a renowned poet and critic with 30 books to his credit will discuss the interplay of storytelling and imagination in Indian literature.

Another pertinent session 'AI and Creativity: Friend or Foe?' will see Khushwant Singh a highly distinguished and celebrated author who is also a former State Information Commissioner, Punjab and Affan Yesvi a Sufi scholar, columnist, and entrepreneur in conversation with Renu Sinha, where they will deliberate on AI's leap into the Creative Cosmos.

In another thought - provoking session on stage arts "The Power of Narrative Theater and Beyond" theatre doyens MK Raina - known for his contributions as an actor, theatre director, filmmaker, scriptwriter, academic and author and Padma Shri Neelam Mansingh Chowdhry, a widely known theatre artist and director will discuss the transformative power of theatre as a medium of storytelling.

"Echoes of 1984: Loss , Survival & Identity Narratives of Loss, Survival, and Identity" will offer a poignant discussion with Eminent writer Bubbu Tir and Sanam Sutirath Wazir, a human rights activist and author of 'The Kaurs of 1984: The Untold, Unheard Stories of Sikh Women'.

"Exploring India's Civilizational Wealth: Language, Spirituality, and Heritage" will feature Pavan Varma a writer-diplomat who has written over a dozen best-selling books and Sankrant Sanu, an author and the founder and CEO of the publishing house Garuda Prakashan who will offer an insightful exploration of India's rich cultural tapestry.

"Fear and Folly: The Intersection of Horror and Satire" will see authors Soham Shah Soham - a filmmaker, fine artist, advertising company creator, and author who has debuted with novel Blood Moon and Karan Oberoi a model and the founder of India's first boy-band – A band of boys! Will explore the delightful and disturbing blend of horror and satire in contemporary narratives.

It is worth mentioning that the festival will also witness the launch of as many as 6 books in the 'Book Buzz' activities. These are "Udaari (Punjabi)" by Sarabjit Singh Madan; "The Diva Who Died to Live" by Sharat Ralhan; "Sulagdi Dharti" by Dr. Sanjeev Kumari RJ; 'The Diva Who Died to Live' by author Sharat; 'Sulagadi Dharti' by author Dr. Sanjeev Kumar; 'Geisha in the Gota Patti' by author Chetna Keer; 'Udgar' by author Sarika Dhupar; 'Reflections of Ram Sevak' by author Anirudh Tiwari.

It is worth noting that previous editions of CLF Literati have featured eminent speakers from India and overseas, including Ruskin Bond, Amish Tripathi, Ashwin Sanghi, Sonam Wangchuk, Chitra Banerjee Divakaruni, Rakeysh Omprakash Mehra, Divya Dutta, Ravinder Singh, Jerry Pinto, Ashok Vajpeyi, Rajdeep Sardesai, Tarek Fatah, Nandita Puri, Pushpesh Pant, Rahul Pandita, Shefalee Vasudeva, Surjit Patar, Rujuta Divekar, Krishna Devulapalli, Kamla Kapur, Kiran Nagarkar, Mridula Koshy, Madhulika Liddle, Tavleen Singh, Columpa Bomb, Lee Maracle, Shauna Singh Baldwin, Jim Davidson, and Jerome Armstrong, among others.

पियर्सन सिंड्रोम से पीड़ित 14 माह के केन्याई शिशु का फोर्टिस गुरुग्राम में सफल उपचार

By 121 News
Gurugram, Nov.16,2024:- फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम ने अत्यंत दुर्लभ और जीवनघाती रक्त विकार – पियर्सन सिंड्रोम से पीड़ित, 14-माह के एक केन्याई शिशु का सफल उपचार कर मेडिकल की दुनिया में शानदार उपलब्धि दर्ज करायी है। यह रक्त विकार अत्यंत दुर्लभ माना जाता है और प्रत्येक 10 लाख की आबादी में केवल 1 व्यक्ति इससे पीड़ित होता है, चिकित्सा विज्ञान में अभी तक ऐसे केवल 150 मामलों का उल्लेख मिलता है। डॉ विकास दुआ, प्रिंसीपल डायरेक्टर एवं हेड, पिडियाट्रिक हेमेटोलॉजी, हेमेटो ओंकोलॉजी एंड बोन मैरो ट्रांसप्लांट, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने मरीज का स्टेम सेल ट्रांसप्लांट और कीमोथेरेपी से इलाज किया। मरीज को उपचार के 21 दिनों के बाद स्थिर अवस्था में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। मरीज का ओपीडी में फौलो-अप जारी है। भारत में यह अपनी तरह का पहला मामला है जिसका उल्लेख मेडिकल लिटरेचर में पियर्सन सिंड्रोम के इलाज के लिए हाफ-मैच्ड डोनर और 7वें बोन मैरो ट्रांसप्लांट के तौर पर किया गया है।

केन्याई शिशु अरियाना जन्म से ही एनीमिया से पीड़ित थी जिसके चलते उसकी ग्रोथ पर काफी बुरा असर पड़ रहा था। केन्या में शिशु के इलाज के दौरान कई बार ब्लड और प्लेटलेट ट्रांसफ्यूज़न भी कराया गया था लेकिन इसके बावजूद उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा था। इस बीच, मरीज की हालत बिगड़ने लगी थी और जीवित रहने के लिए मरीज को हाफ मैच डोनर ट्रांसप्लांट की आवश्यकता थी। तब मरीज को इलाज के लिए फोर्टिस गुरुग्राम लाया गया। उस वक्त भी वह एनीमिया और कम प्लेटलेट्स की समस्या से जूझ रही थी।

फोर्टिस गुरुग्राम में भर्ती के बाद मरीज की बोन मैरो जांच और कुछ अन्य जेनेटिक टेस्ट भी किए गए जिनसे पियर्सन सिंड्रोम का पता चला। पियर्सन सिंड्रोम अत्यंत दुर्लभ कंडीशन है जो शरीर के अनेक अंगों, खासतौर से बोन मैरो, पैंक्रियाज़ को प्रभावित करती है और इसमें ब्लड तथा प्लेटलेट्स कम बनते हैं जिसकी वजह से मरीज को ब्लीडिंग भी होती है। साथ ही, बार-बार डायरिया, पेट दर्द, अवरुद्ध शारीरिक विकास जैसी समस्याएं भी बनी रहती हैं और मरीज जीवित नहीं रहता।

इस कंडीशन की जटिलता और दुर्लभता के मद्देनज़र, इस शिशु के उपचार के लिए मल्टी-डिसीप्लीनरी एप्रोच को अपनाया गया जिसमें बेबी अरियाना की जांच पिडियाट्रिक नेफ्रोलॉजिस्ट, पिडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट, ऑप्थेल्मोलॉजिस्ट तथा ईएनटी डॉक्टरों की टीम द्वारा की गई क्योंकि यह कंडीशन शरीर के कई अंगों को प्रभावित करती है और इसकी वजह से डायरिया तथा आंखों में एब्नॉर्मल लेंस और प्यूपिल, ग्लूकोमा तथा कानों से कम सुनाई देने जैसी समस्याएं भी होती हैं। मरीज की जांच के बाद, इलाज के लिए बोन मैरो ट्रांसप्लांट को चुना गया क्योंकि यह सिंड्रोम मल्टीसिस्टम कंडीशन है और पियर्सन सिंड्रोम के उपचार के लिए केवल स्टेम सेल ट्रांसप्लांट ही मददगार हो सकता है।

चूंकि बेबी अरियाना का कोई भाई-बहन नहीं है और न ही कोई अन्य गैर-संबंधी डोनर उपलब्ध था, इसलिए मरीज की मां को ही हाफ-मैच्ड डोनर के तौर पर चुना गया। इसके बाद मरीज का स्टेम सेल ट्रांसप्लांट किया गया और बेहद नियोजित तरीके से कीमोथेरेपी और काफी देखभाल सुनिश्चित की गई। ट्रांसप्लांट के बाद, मरीज को अब तक ट्रांसफ्यूज़न की जरूरत नहीं हुई है और वज़न भी बढ़ने लगा है तथा किसी किस्म की जटिलता भी नहीं हुई है।

इस मामले की जानकारी देते हुए, डॉ विकास दुआ, प्रिंसीपल डायरेक्टर एवं हेड, पिडियाट्रिक हेमेटोलॉजी, हेमेटो ओंकोलॉजी एंड बोन मैरो ट्रांसप्लांट, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम ने बताया कि यह पियर्सन सिंड्रोम का भारत में उपचार का पहला मामला है। यह काफी दुर्लभ किस्म का जेनेटिक (आनुवांशिक) विकार माना जाता है जिससे पीड़ित मरीजों के बचने की संभावना काफी कम होती है, आमतौर पर पियर्सन सिंड्रोम से ग्रस्त मरीज एक साल से अधिक जीवित नहीं रह पाते। लेकिन बेबी अरियाना का ट्रांसप्लांट हुए अब 4 महीने से अधिक बीत चुके हैं वह ठीक प्रकार से स्वास्थ्य लाभ कर रही है। यह कंडीशन उस स्थिति में पैदा होती है जबकि डीएनए के माइटोकॉन्ड्रिया के कुछ महत्वपूर्ण भाग नहीं होते, इस वजह से कोशिकाओं में ऊर्जा उत्पादन की प्रक्रिया प्रभावित होती है। यहां यह जानना महत्वपूर्ण है कि सही मेडिकल एप्रोच और ट्रीटमेंट से इस कंडीशन का इलाज किया जा सकता है। पियर्सन सिंड्रोम से ग्रस्त मरीजों में बोन मैरो फेलियर होने पर हेमेटोपोएटिक स्टेम सेल ट्रांसप्लांट या बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन इलाज का विकल्प हो सकता है। ऐसे मामलों में सफलता की दर केवल 20% होती है।

यश रावत, फेसिलिटी डायरेक्टर, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम ने कहा कि यह दुर्लभ मामला मरीज के उपचार के लिए पर्सनलाइज़्ड ट्रीटमेंट एप्रोच के महत्व को दर्शाता है, इस मामले में हमने काफी विशेषज्ञों की मदद ली और डॉ विकास दुआ के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने इलाज किया। समय पर मरीज की मेडिकल कंडीशन के अनुसार उपचार के चलते अच्छी क्लीनिकल परिणाम मिले हैं। फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट में हमारा मकसद एक ही छत के नीचे वर्ल्ड क्लास हेल्थकेयर सेवाएं उपलब्ध कराना है और हम अपने मरीजों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

अस्पताल के डॉक्टरों का आभार व्यक्त करते हुए, बेबी अरियाना की मां ने कहा कि फोर्टिस गुरुग्राम में साफल बोन मैरो ट्रांसप्लांट से मेरी बेटी को नया जीवन मिला है। ट्रांसप्लांट के बाद उसकी हालत में सुधार हो रहा है। अपने बच्चे को तकलीफ से गुजरते हुए देखने से बढ़कर दुनिया में दूसरी कोई पीड़ा नहीं हो सकती। मैं डॉ विकास दुआ और उनकी टीम की आभारी हूं जिन्होंने कुशलतापूर्वक मेरी बच्ची का इलाज कर उसका जीवन बचाया है।

Friday, 15 November 2024

चीन निकट भविष्य में भारत के लिये सबसे बड़ा खतरा: टीडब्ल्यूए ने चेताया तिब्बती महिला संध की अपील यात्रा पहुंची चंडीगढ़

By 121 News
Chandigarh, Nov.15, 2024:--तिब्बत में हो रहे मानवाधिकारों के हनन से अवगत करने के उद्देश्य से टिबेटियन वूमैन्स ऐसोसियेशन (टीडब्ल्यूए) द्वारा धर्मशाला से दिल्ली तक शुरु की गई अपील यात्रा के अंतर्गत ऐसोसियेशन के पदाधिकारी शुक्रवार को चंडीगढ़ पहुंचे।
 
चंडीगढ़ प्रेस कल्ब में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुये टीडब्ल्यूए की प्रेजीडेंट सिरिंग डोलमा ने बताया कि उनकी यात्रा 20 नंवबर को दिल्ली में सम्पन्न होगी और इसी बीच ऐसोसियेशन पब्ल्कि फोरम, प्रेस वार्ता और सार्वजनिक कार्यक्रमों के माध्यम से चीनी सरकार द्वारा तिब्बत वासियों पर हो रहे अत्याचारों के प्रति जागरुक कर रहे हैं। उन्होंनें बताया कि 14 नवंबर को भारत में मनाये जाने वाले बाल दिवस के मायने तिब्बत में इसके बिल्कुल विपरीत हैं जहां बच्चों के उनके मूल अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है। डोलमा के अनुसार तिब्बत में बच्चों को जबरन उनके परिवारजनों से अलग कर दिया जाता है और बोर्डिंग स्कूल में उन्हीं की चीनी भाषा, संस्कृति और धर्म का पाठ पढ़ाया जाता है। इसका उद्देश्य बच्चों को उनकी मूल विरासत से अलग करना है। उन्होंनें आरोप लगााया कि चीन न केवल उनके देश का अस्तित्व मिटा रहा बल्कि पूरी तिब्बती सभ्यता को नष्ट कर रहा है।
 
वार्ता के दौरान ऐसोसियेशन की वाईस प्रेजीडेंट केलसंग डोल्मा और ज्वाईंट सेक्रेटरी छोछन डोल्मा ने बताया कि तिब्बत विश्व का सबसे उंचा पठार है जहां से दस बड़ी नदियों का उदय होता है। अनुमानित दो बिलियन लोगों की जरुरतें इनके पानी पर निर्भर करती हैं। तिब्बत से खनिजों का दोहन, जल विद्युत परियोजनाओं, बांधों, शहरी विकास की आड़ में तिब्बत का प्र्यायवरण बिगाड़ दिया गया है जिसके बाद इन नदियों पर नियंत्रण कर भारत और बंग्लादेश पर खतरा मंडराता रहता है। उन्होंनें बताया कि तिब्बत पर कब्जा करने से पूर्व चीन ने कभी भी अपनी सेना इतनी सक्रिय नहीं की थी। भारत और चीन के बीच एक न्यूट्रल बफर के गायब होने के बाद दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण स्थिति जारी रहती हैं जिसके चलते भारत अपने रक्षा बजट के माध्यम से काफी पैसा देश की सुरक्षा पर लगाता है।
 
इसी कड़ी में ऐसोसियेशन भारत सरकार से आग्रह करती है कि वे चीनी मनावाधिकार उल्लंघन के खिलाफ तत्काल कदम उठाये और इस संदर्भ में उचित कार्यवाही करे। ऐसोसियेशन यह भी मांग करता है भारत सरकार चीनी लीडरशिप के साथ मिलकर काम करे और तिब्बत में चीन की विकास परियोजनाओं के हानिकारक प्रभावों को संबोधित करे। इसी के साथ भारत सरकार चीन में तिब्बती बच्चों में बोर्डिंग स्कूल प्रणाली के मुद्दे को संबोधित करे जिससे की उनका भविष्य सुरक्षित किया जा सके।
 
ऐसोसियेशन स्थानीय लोगों से भी उम्मीद रखते है कि चीन की आक्रमणकारी नीतियों और तिब्बत पर चर्चा करें क्योंकि निकट भविष्य में चीन, भारत के लिये काफी मुसीबतें पैदा कर सकते हैं। इस विषय पर वे अपने विधायकों और सांसदों के साथ चर्चा करें ताकि वे इसे भी राष्ट्रीय मुद्दा बनाये।

चीन निकट भविष्य में भारत के लिये सबसे बड़ा खतरा: टीडब्ल्यूए ने चेताया तिब्बती महिला संध की अपील यात्रा पहुंची चंडीगढ़

By 121 News
Chandigarh, Nov.15, 2024:--तिब्बत में हो रहे मानवाधिकारों के हनन से अवगत करने के उद्देश्य से टिबेटियन वूमैन्स ऐसोसियेशन (टीडब्ल्यूए) द्वारा धर्मशाला से दिल्ली तक शुरु की गई अपील यात्रा के अंतर्गत ऐसोसियेशन के पदाधिकारी शुक्रवार को चंडीगढ़ पहुंचे।
 
चंडीगढ़ प्रेस कल्ब में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुये टीडब्ल्यूए की प्रेजीडेंट सिरिंग डोलमा ने बताया कि उनकी यात्रा 20 नंवबर को दिल्ली में सम्पन्न होगी और इसी बीच ऐसोसियेशन पब्ल्कि फोरम, प्रेस वार्ता और सार्वजनिक कार्यक्रमों के माध्यम से चीनी सरकार द्वारा तिब्बत वासियों पर हो रहे अत्याचारों के प्रति जागरुक कर रहे हैं। उन्होंनें बताया कि 14 नवंबर को भारत में मनाये जाने वाले बाल दिवस के मायने तिब्बत में इसके बिल्कुल विपरीत हैं जहां बच्चों के उनके मूल अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है। डोलमा के अनुसार तिब्बत में बच्चों को जबरन उनके परिवारजनों से अलग कर दिया जाता है और बोर्डिंग स्कूल में उन्हीं की चीनी भाषा, संस्कृति और धर्म का पाठ पढ़ाया जाता है। इसका उद्देश्य बच्चों को उनकी मूल विरासत से अलग करना है। उन्होंनें आरोप लगााया कि चीन न केवल उनके देश का अस्तित्व मिटा रहा बल्कि पूरी तिब्बती सभ्यता को नष्ट कर रहा है।
 
वार्ता के दौरान ऐसोसियेशन की वाईस प्रेजीडेंट केलसंग डोल्मा और ज्वाईंट सेक्रेटरी छोछन डोल्मा ने बताया कि तिब्बत विश्व का सबसे उंचा पठार है जहां से दस बड़ी नदियों का उदय होता है। अनुमानित दो बिलियन लोगों की जरुरतें इनके पानी पर निर्भर करती हैं। तिब्बत से खनिजों का दोहन, जल विद्युत परियोजनाओं, बांधों, शहरी विकास की आड़ में तिब्बत का प्र्यायवरण बिगाड़ दिया गया है जिसके बाद इन नदियों पर नियंत्रण कर भारत और बंग्लादेश पर खतरा मंडराता रहता है। उन्होंनें बताया कि तिब्बत पर कब्जा करने से पूर्व चीन ने कभी भी अपनी सेना इतनी सक्रिय नहीं की थी। भारत और चीन के बीच एक न्यूट्रल बफर के गायब होने के बाद दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण स्थिति जारी रहती हैं जिसके चलते भारत अपने रक्षा बजट के माध्यम से काफी पैसा देश की सुरक्षा पर लगाता है।
 
इसी कड़ी में ऐसोसियेशन भारत सरकार से आग्रह करती है कि वे चीनी मनावाधिकार उल्लंघन के खिलाफ तत्काल कदम उठाये और इस संदर्भ में उचित कार्यवाही करे। ऐसोसियेशन यह भी मांग करता है भारत सरकार चीनी लीडरशिप के साथ मिलकर काम करे और तिब्बत में चीन की विकास परियोजनाओं के हानिकारक प्रभावों को संबोधित करे। इसी के साथ भारत सरकार चीन में तिब्बती बच्चों में बोर्डिंग स्कूल प्रणाली के मुद्दे को संबोधित करे जिससे की उनका भविष्य सुरक्षित किया जा सके।
 
ऐसोसियेशन स्थानीय लोगों से भी उम्मीद रखते है कि चीन की आक्रमणकारी नीतियों और तिब्बत पर चर्चा करें क्योंकि निकट भविष्य में चीन, भारत के लिये काफी मुसीबतें पैदा कर सकते हैं। इस विषय पर वे अपने विधायकों और सांसदों के साथ चर्चा करें ताकि वे इसे भी राष्ट्रीय मुद्दा बनाये।

श्रद्धा और सत्कार से मनाया गया गुरु नानक साहिब का प्रकाश पर्व

By 121 News
Chandigarh, Nov.15, 2024:--
सतिगुर नानक प्रगटिआ
मिटी धुंध जग चानण होआ
जिउ कर सूरज निकलिआ तारे छपि अँधेर पलोआ ॥"
 गुरदास जी द्वारा रचित इन पावन पंक्तियों का अर्थ है कि जब गुरु नानक साहिब का जन्म हुआ तब यह संसार झूठे सामजिक बंधनों, पाखण्डवाद,  समाजिक कुरीतियों, जाति-पाति भेद भाव आदि में लिप्त था, जब गुरु साहिब के आगमन हुआ तो ये सभी प्रकार कि कुरीतियों कि  बुराई रूपी धुंध  मिट  गई उनके नाम का सूर्य उदय हुआ तारे छिप गए  और अंधकार समाप्त हुआ तथा संसार प्रकाशमान हो गया; 
आज समूची नानक नाम लेवा संगत तथा देश- विदेश में गुरु नानक देव जी का प्रकाश दिवस मनाया जा रहा है इसी सम्बन्ध में गुरुद्वारा कलगीधर खेड़ी सेक्टर 20 चंडीगढ़ में भी कथा-कीर्तन समागम रखे गए जिसमें विशेष रूप से श्री दरबार साहिब अमृतसर से आये रागी जत्थों ने हाजरी भरी 
गुरु साहिब के प्रकाश पर्व के सम्बन्ध में दो रोज़ पहले से ही श्री अखंड पाठ साहिब आरम्भ किये गए जिनके भोग पड़े।  उपरांत कथा कीर्तन दीवान सजाये गए , भाई गुरभेज सिंह जी हजूरी रागी श्री दरबार  साहिब अमृतसर साहिब, भाई  हरजीत सिंह जी हजूरी रागी श्री दरबार साहिब अमृतसर साहिब, भाई इच्छपाल सिंह जी हजूरी रागी श्री दरबार साहिब अमृतसर साहिब, भाई कुलदीप सिंह जी हजूरी रागी बाग़ शहीदां सेक्टर 44, बीबी बलवंत कौर जी मोहाली वाले, इस्तरी सतिसंग जत्था गुरुद्वारा कलगीधर खेड़ी सेक्टर 20 चंडीगढ़ तथा भाई गुरप्रीत सिंह जी हजूरी रागी गुरुद्वारे कलगीधर खेड़ी सेक्टर 20 चंडीगढ़ द्वारा कीर्तन हाजरी लगाई है , गुरद्वारा साहिब के हैड ग्रंथी भाई मनदीप सिंह जी द्वारा गुरु नानक साहिब जी के जीवन, आदर्शों - विचारों से संगत को निहाल किया।  
इन सारे समागमों में संगत ने बढ़ -चढ़कर भाग लिया और गुरु घर की खुशियां प्राप्त की। गुरुद्वारे कलगीधर खेड़ी की प्रबंधक कमैटी सेक्रेटरी हुकम सिंह जी, मोहिंदर सिंह जी, हरमीत सिंह जी, गुरप्रीत सिंह जी, प्रितपाल सिंह जी तथा मुख्य सेवादार गुर इन्दर बीर सिंह जी इन सारे समागमों मने मौजूद रहे,  गुर इन्दर बीर सिंह जी ने कहा कि गुरु नानक साहिब एक महान दार्शनिक, समाज सुधारक तथा सच्चे भक्त थे जिन्होंने निर्मल भेदभाव रहित समाज की सृजना पर जोर दिया गुरु साहिब की बाणी ही संसार में फैले हुए अंधकार को दूर कर सकती है, गुरु साहिब की बाणी हम सब को भेद- भाव मिटा कर कर एक होने का सन्देश देती है, गुरु साहिब की बाणी में सामाजिक कुरीतियां जैसे धार्मिक भेद-भाव, जाति-पाति के नाम पर गरीबों के शोषण और स्त्रियों के शोषण का विरोध है 
 आपने अपने समकालीन मुग़ल राजा बाबर के आक्रमण से हुई मानवता की क्षति मुखर रूप से विरोध किया 
हमें भी गुरु साहिब के बताए मार्ग पर चलना चाहिए 
प्रधान गुर इन्दर बीर सिंह जी ने समूची साध संगत को गुरु साहिब के आगमन पूर्व की बधाई दी
इन सभी समागमों में कॉफ़ी- पकौड़े, देसी घी के लड्डू तथा गुरू के अटूट लंगर वितरित किए गए। गुरुद्वारा साहिब को बहुत सुंदर रौशनी वाली विशेष प्रकार की लड़ियों से सजाया गया दीवाना हाल में हैं विशेष प्रकार के फूलों से सजावट की गई

Škoda Auto India Introduces Kylaq Club

By 121 News

Chandigarh, November 15, 2024:– Škoda Auto India recently took the wraps off its much-awaited SUV, the Kylaq, revealing the vehicle for the very first time on November 6, 2024. The Kylaq ushers in the New Era for Škoda Auto in India as it enters new markets and attracts new customers into its fold. In its endeavour to get closer to customers, Škoda Auto India has launched the all-new Kylaq Club. It is a membership programme designed to engage potential buyers throughout their journey from discovery to booking and purchasing the Kylaq when it goes on sale in January 2025. Moreover, the Kylaq Club offers numerous personalised experiences and exclusive benefits.

 

Petr Janeba, Brand Director, Škoda Auto India said that the Kylaq heralds a New Era for Škoda Auto in India, and is set to democratise European technology on Indian roads. At the world premiere of the Kylaq last week, we committed to introducing some special benefits for our prospective customers of Kylaq. And today, is our first announcement – the launch of the Kylaq Club. This is our endeavour to make our customers feel extremely special and privileged and at the same time at home with the Škoda family, with numerous exclusive benefits including exclusive content, special offers and deeper insights, before the Kylaq enters their garage. Only members of the Kylaq Club will have exclusive priority booking for Kylaq, with a limited-time special offer, when it opens on December 2, 2024.

Entering the Exclusive Club

To enter the exclusive Kylaq Club, customers simply need to visit www.skoda-auto.co.in/kylaq-club-member/kylaq-club-member and register on the form. Once enrolled, the Kylaq Club guides customers through their entire journey, from becoming a part of the club, booking the SUV, purchasing the vehicle and ultimately, the delivery of Škoda Auto India's first-ever sub-4m SUV. While the club is open to all, registrations begin on 15th November and end on 30th November 2024.

Benefits abound

Members of the Kylaq Club will get the benefit of booking at a lower amount than other customers. Members also enjoy Priority Booking Access with a two-hour booking advantage over regular bookings. In addition, they enjoy coupons for value added products and accessories along with Extra Webcast sessions and factory visits.

The Kylaq

Based on the MQB-A0-IN platform like the Kushaq and Slavia, the Kylaq is a sub-4m SUV first announced by Škoda Auto India in February 2024 and unveiled to the world on November 6. It was named by the people of India through the Name Your Škoda campaign. The name, Kylaq, is derived from the Sanskrit term for a crystal and is named after Mount Kailash. Its starting price was announced at Rs 7.89 lakh with deliveries set to commence in January 2025.

Thursday, 14 November 2024

Heated Debate Sets the Stage for High-Stakes Chandigarh Club Elections

By 121 News
Chandigarh, Nov.14, 2024:--A high-stakes atmosphere has emerged in the Chandigarh Club elections for the positions of President and Vice-President, following a "Mahadebate" held at the Chandigarh Press Club. This event, organized to allow candidates to present their promises and claims, intensified the anticipation for the prestigious club's elections. The debate, held just before the scheduled election date of November 16, was marked by intense discussions, revelations, and controversies, setting the stage for what promises to be a dynamic election. 

More than 150 club members attended, giving candidates an opportunity to clarify their viewpoints and respond to key issues raised by the members and moderator, Dr. Sachin Goyal. For the President's position, candidates Naresh Choudhary and Randeep Chauhan faced tough questions, showing their willingness to engage, while the absence of third candidate Sunil Khanna sparked controversy. Khanna declined to participate at the last moment, allegedly unable to clarify statements regarding the approval of over 600 new memberships, a point of contention raised after the election date announcement. These memberships are under investigation, and Khanna, not a part of the governing body at that time, was reportedly not authorized to comment on the matter.

The Vice-President debate also saw unexpected developments as Advocate Karan Nanda, who initially agreed to participate, withdrew at the last moment, disappointing members eager to hear his stance on governance issues. Vice-President candidate Anurag Aggarwal faced intense questioning over his role in approving these memberships when he chaired the screening committee. Members pressed him on his accountability in preventing such irregularities. In a surprising moment, Aggarwal claimed he was informed about his chairmanship much later, raising further questions about accountability and oversight. In contrast, Anurag Chopra displayed a balanced approach, answering questions clearly and steering the discussion toward transparency and better governance.

The absence of Khanna and Advocate Nanda highlighted the preparedness of Choudhary, Chauhan, and other Vice-President candidates who were ready to engage with members' concerns. This made it evident that the contest for President will remain focused between Choudhary and Chauhan, with Aggarwal's Vice-Presidential candidacy also under close watch. The Mahadebate underscored a growing demand for integrity, accountability, and transparent leadership in the Chandigarh Club. With only two days remaining until the elections, the stakes are higher than ever.

Wednesday, 13 November 2024

Indian Nationals were the Largest Group to Receive UK Visas for Visit, Study and Work Categories in the Year ending June 2024: VFS Global

Chandigarh, November 13, 2024:--Indian nationals were the largest group to receive UK visas for Visit, Study and Work categories in the year ending June 2024, said HE Lindy Cameron CB OBE, British High Commissioner to India, at the inauguration of the new state-of-art UK visa application facility operated by VFS Global in Delhi on 12 November 2024.

UK visa customers from India will now enjoy a smoother process. At VFS Global UK Visa Application Centres (VACs), biometrics will be enrolled first, followed by document scanning for non-digital customers. This change reduces wait times and enhances service under the global UK visa services contract secured by VFS Global in December 2023. Many VACs have also relocated or upgraded to state-of-the-art facilities across India.

Lindy Cameron, British High Commissioner to India said that the UK-India partnership is built on millions of personal connections, shared dreams, and collective aspirations. I'm delighted to launch the refurbished VFS Visa Application Centre for UK visa and passport applications in Delhi. We're introducing significant improvements in our visa services across India, further strengthening our already excellent visa offering for Indian nationals. The vast majority of Visit, Work and Study visa applications we receive are processed within 3 weeks and there are no caps on visa appointments."l

Matt Heath, Visits & ETA Network Deputy Director, UK Visas and Immigration, remarked that he is delighted to be here, in Delhi, to inaugurate this visa application centre, we extend our sincere thanks to VFS for their outstanding support in facilitating close to a million visa applications for Indian nationals in the recent year ending June 2024.

For the last two years, UKVI has consistently met our customer service standards, making visa decisions for visit, work or study routes within 15 working days for standard applications, 5 working days for priority applications, and an impressive 1 working day for super priority applicants. I'm pleased to report that VFS consistently offer biometric appointments for UK visa applicants within 5 working days. In fact, the current waiting time is a mere 1 to 2 working days. This is a testament to our commitment to providing swift and efficient services.

I'd also like to emphasise that UKVI does not cap appointments at the front end. We consistently have appointments available for customers at our visa application centres, ensuring flexibility and convenience for all applicants.

Looking ahead, the UK Government is moving towards a 'digital by default' immigration system by 2025, introducing eVisas to enhance the customer experience, deliver excellent value, and increase the security and efficiency of our immigration system. While we're excited about these innovations, we're also committed to ensuring the safety and security of all visa applicants. I urge everyone to stay vigilant against visa fraud. Remember, UKVI will never contact you through social media, ask for payment by email or into a personal bank account, or guarantee visa offers in exchange for payment to third parties."

Yummi Talwar, Chief Operating Officer – South Asia, VFS Global said that we are deeply humbled by UKVI's continued faith and support and are excited to welcome travellers to the UK at this new facility. Our partnership with UKVI and the British High Commission has grown from strength to strength through our 21 years of association here in India, and their steadfast partnership encourages us to keep putting our best foot forward in providing UK visa services across our locations of operations.

VFS Global's UK Visa Application Centres in eight cities across India have relocated to new, larger premises – Ahmedabad, Chandigarh, Chennai, Goa, Hyderabad, Jaipur, Mysuru and Kochi.

Additionally, travellers can visit one of the 13 Premium Application Centres across India in Amritsar, Bhopal, Calicut, Coimbatore, Guwahati, Indore, Ludhiana, Mangalore, Mohali, Nasik, Noida, Shimla and Vizag. These centres provide additional optional touchpoints for customers looking for further comfort and convenience in their application process.   

UKVI has also urged travellers to follow its official X (previously Twitter) handle @UKVIgovuk to be wary of scammers fleecing unsuspecting customers.

ndian Nationals were the Largest Group to Receive UK Visas for Visit, Study and Work Categories in the Year ending June 2024: VFS Global

By 121 News

Chandigarh, November 13, 2024:--Indian nationals were the largest group to receive UK visas for Visit, Study and Work categories in the year ending June 2024, said HE Lindy Cameron CB OBE, British High Commissioner to India, at the inauguration of the new state-of-art UK visa application facility operated by VFS Global in Delhi on 12 November 2024.

UK visa customers from India will now enjoy a smoother process. At VFS Global UK Visa Application Centres (VACs), biometrics will be enrolled first, followed by document scanning for non-digital customers. This change reduces wait times and enhances service under the global UK visa services contract secured by VFS Global in December 2023. Many VACs have also relocated or upgraded to state-of-the-art facilities across India.

Lindy Cameron, British High Commissioner to India said that the UK-India partnership is built on millions of personal connections, shared dreams, and collective aspirations. I'm delighted to launch the refurbished VFS Visa Application Centre for UK visa and passport applications in Delhi. We're introducing significant improvements in our visa services across India, further strengthening our already excellent visa offering for Indian nationals. The vast majority of Visit, Work and Study visa applications we receive are processed within 3 weeks and there are no caps on visa appointments."l

Matt Heath, Visits & ETA Network Deputy Director, UK Visas and Immigration, remarked that he is delighted to be here, in Delhi, to inaugurate this visa application centre, we extend our sincere thanks to VFS for their outstanding support in facilitating close to a million visa applications for Indian nationals in the recent year ending June 2024.

For the last two years, UKVI has consistently met our customer service standards, making visa decisions for visit, work or study routes within 15 working days for standard applications, 5 working days for priority applications, and an impressive 1 working day for super priority applicants. I'm pleased to report that VFS consistently offer biometric appointments for UK visa applicants within 5 working days. In fact, the current waiting time is a mere 1 to 2 working days. This is a testament to our commitment to providing swift and efficient services.

I'd also like to emphasise that UKVI does not cap appointments at the front end. We consistently have appointments available for customers at our visa application centres, ensuring flexibility and convenience for all applicants.

Looking ahead, the UK Government is moving towards a 'digital by default' immigration system by 2025, introducing eVisas to enhance the customer experience, deliver excellent value, and increase the security and efficiency of our immigration system. While we're excited about these innovations, we're also committed to ensuring the safety and security of all visa applicants. I urge everyone to stay vigilant against visa fraud. Remember, UKVI will never contact you through social media, ask for payment by email or into a personal bank account, or guarantee visa offers in exchange for payment to third parties."

Yummi Talwar, Chief Operating Officer – South Asia, VFS Global said that we are deeply humbled by UKVI's continued faith and support and are excited to welcome travellers to the UK at this new facility. Our partnership with UKVI and the British High Commission has grown from strength to strength through our 21 years of association here in India, and their steadfast partnership encourages us to keep putting our best foot forward in providing UK visa services across our locations of operations.

VFS Global's UK Visa Application Centres in eight cities across India have relocated to new, larger premises – Ahmedabad, Chandigarh, Chennai, Goa, Hyderabad, Jaipur, Mysuru and Kochi.

Additionally, travellers can visit one of the 13 Premium Application Centres across India in Amritsar, Bhopal, Calicut, Coimbatore, Guwahati, Indore, Ludhiana, Mangalore, Mohali, Nasik, Noida, Shimla and Vizag. These centres provide additional optional touchpoints for customers looking for further comfort and convenience in their application process.   

UKVI has also urged travellers to follow its official X (previously Twitter) handle @UKVIgovuk to be wary of scammers fleecing unsuspecting customers.

Saurashtra Inching Massive with 237 Runs Partnership from Jani and Desai

By 121 News

Chandigarh, Nov.13, 2024:--A splendid century from  Chirag Jani (153) along with 99 runs knock from Harvik Desai helped Saurashtra to laid a strong foundation of 299/2 against UT boys on the opening day of the Ranji Trophy league match being played at GMSSS Ground, Sector 26 on Wednesday. Earlier, skipper Manan Vohra won the toss and invited visitors to bat first. The captain's decision went in his favour when Jagjeet Sandhu took the first wicket of Tarang Gohal on the very first delivery of the innings. Despite this exceptional start, hosts failed to cash on this dream start. Later, Desai and Jani made the opposition deprived for a wicket by stitching a 237 runs partnership. In the 65th over of the innings, Nishunk Birla gave the much awaited breakthrough for Chandigarh when his magical spin stumped Desai, who fell just short one run of his century. Batter scored 99 runs with the help of 14 boundaries Meanwhile, Jani continued to exploit UT bowlers with his new partner Sheldon Jackson with 62 run partnership. Unbeaten Jani amassed 153 studded with 21 boundaries and two beyond the fence while Jackson added 34 before the stumps were drawn with 299/2 on the board.

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Cooch Behar Trophy: Baroda scored 421/9 against Chandigarh, Vashisht took five wickets

 

Chandigarh, On the first day of the Cooch Behar Trophy match between Chandigarh and Baroda at Moti Bagh Cricket Ground, Vadodara,  the centurions  Smit Rathva (114) and Abhishek Swaminathan (104) along with a half-century from HG Patel (83) took the host team to 421/9. For Chandigarh, Jayant Vashisht (5/91) took five wickets while Ishan Gaba (2/98) clinched two.

We have to Ensure Jobs for Youth to Deal with Problems of Drug Addiction and Lawlessness: Gulab Chand Kataria

By 121 News

Chandigarh, Nov.13, 2024:--Punjab is the only state that can fulfil India's dream of uniform development by 2047. When Punjab solved India's food shortage after the 1965 war, it not only solved the problem of our hunger but also fed other countries of the world," said Punjab Governor Gulab Chand Kataria while addressing the valedictory session of  'Punjab Vision 2047", a two-day conclave organized by Dr. Vikramjit Singh Sahney, International President of World Punjabi Organisation and Rajya Sabha MP, in association with the Punjab Development Commission and Panjab University, here today.

 

Talking about the issue of paddy straw burning and air pollution, Governor Kataria said we have to go beyond the law. He added that law cannot be the solution to curbing straw burning. When the gap to sow the next crop after harvesting is so short, how will the farmer clear the field? We have to think of a solution that is acceptable to all and also favourable to the environment. He said that likewise, we have to research on how to stop using agricultural chemicals without losing crop productivity.

 

While talking about the need for rejuvenation of Punjab's economy's, Gulab Chand  Kataria said until the law and order problem was solved, investors would avoid coming to Punjab. He added that we have to think how to engage youth so anti-social elements are not able to misuse them. Educational institutes need to improve their training so they are able to stand on their own feet. Employment is a big solution to many issues including drug addiction.

 

Speaking on the occasion, Dr. Vikramjit Singh Sahney, Rajya Sabha MP and organiser of Punjab Vision 2047 conclave requested help of the Governor to solve certain issues related to Punjab. He said that reopening of Wagah border for trade can help Punjab send its products to Central Asia. Lack of international flights from Mohali and Amritsar is a deterrent to expansion of industry. We also need a minimum support price for crops other than wheat and paddy which can solve the farming and ecological crisis of Punjab.

 

Earlier in the day, Rajya Sabha MP, spiritual guru and environmental activist Balbir Singh Seechewal lamented the poor state of Punjab's ecology. He added that we call ourselves educated but our output can be seen in our river, air and land. When we were less literate, our environment was much safer," he said. Baba Seechewal also talked about the need for sewage treatment plants (STPs) to recycle and reuse sewage water. "The national green tribunal has already ordered fine on cities which are not treating its sewage. We have already shown how this can be done at low cost by establishing stabilisation ponds for sewage treatment in several villages. The water so treated is reused in irrigation of farms.

 

Talking about the pollution regulation system, former member of special task force for Buddha Darya Rejuvenation Project Col. Jasjit Singh Gill said we have to first deal with corruption within the Punjab Pollution Control Board and political interference in functioning of industries.

 

The session on fiscal prudence saw IAS Ajoy Kumar Sinha stressing on the need to spend the money taken on loan from the market in fields that lead to good returns instead of just on paying salaries.

 

Chiranjiv Singh, former chief secretary of Karnataka, said Punjab can learn a lot from Karnataka in terms of financial growth. He added that Karnataka already had a very impressive education system in the 1980s which offered the manpower that helped Bangalore become an IT hub. Punjab should focus on  improving primary school education specifically.

 

On the issue of out migration of talent from Punjab, Daljeet Singh, chairman of AIPL Ltd, stressed on the need to focus on skill training in green energy which can generate new jobs for the youth. Amrit Singh, Director, Punjab Skill Development Mission, informed the gathering about the online portal that connects workforce with companies for employment opportunities.